मेरा नाम आशा है मेरी उम्र 28 वर्ष है, मैं बनारस की रहने वाली हूं। मेरी शादी को अभी एक वर्ष ही हुआ हैं।
यह रिश्ता मेरे पिताजी ने हीं करवाया था, जब मैं पहली बार रमेश से मिली तो मुझे बहुत अच्छा लगा क्योंकि वह बहुत ही सज्जन और बात करने में बहुत ही शांत स्वभाव के हैं इसीलिए मैंने उनसे शादी के लिए हां कह दी।
जब मेरी शादी हो गई तो उसके बाद रमेश कुछ समय तक घर पर रहे लेकिन उसके बाद वह कोलकाता चले गए। उनके साथ उनका छोटा भाई गोविंद भी रहता है। वह दोनों साथ में रहते हैं और कोलकाता में ही नौकरी करते हैं।
शादी के कुछ समय तक ही वह घर पर रुक पाए थे, उसके तुरंत बाद वह कोलकाता चले गए। मेरी उनसे फोन पर हमेशा ही बात होती है, वह हमेशा ही मुझे फोन करते हैं और मेरे हाल-चाल पूछ लेते हैं।
मैं घर का ही काम संभालती हूं और जब मेरे पास कुछ समय बच जाता है तो उस वक्त मैं अपनी किताबे पढ़ लिया करती हूं क्योंकि मुझे किताब पढ़ने का बहुत शौक है और खाली वक्त में मैं किताब ही पढ़ती हूं,
मुझे यह शौक मेरे कॉलेज के समय से ही है। मेरा मायका भी बनारस में ही है इसलिए मेरे पास जब समय होता है तो मैं अपने मायके भी चली जाती हूं। मेरे सास और ससुर बहुत अच्छे हैं, वह कभी भी मुझे कुछ नहीं कहते, वह हमेशा ही मेरी तरफदारी करते रहते हैं। इस एक वर्ष में सिर्फ एक बार ही मेरे पति घर आए हैं।
एक दिन मेरे पति का फोन आया और वह कहने लगे कि मैं घर आ रहा हूं, मैंने यह जानकारी अपने सास-ससुर को दी तो वह लोग बहुत खुश हो गए और कुछ दिनों बाद ही मेरे पति घर आ गए। वह ज्यादा दिनों तक घर पर नहीं रुके, वह मुझे भी कहने लगे कि तुम भी मेरे साथ ही चलो, कुछ दिनों के लिए तुम मेरे साथ कोलकाता चलो।
मैंने उन्हें कहा पहले आप मम्मी पापा से पूछ लीजिए उसके बाद ही मैं कोलकाता चल पाऊंगी। उन्होंने अब अपने माता-पिता से पूछा तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं थी। और उसके बाद उन्होंने गोविंद से कहकर टिकट करवा दी, उसके बाद हम लोग कोलकाता चले गए। जब मैं कोलकाता पहुंची तो मैं अपने जीवन में पहली बार ही कोलकाता आई थी।
मुझे कोलकाता बहुत अच्छा लग रहा था। जहां मेरे पति रहते हैं जब हम लोग वहां पहुंचे तो गोविंद भी उस दिन घर पर ही था और गोविंद मुझसे मिलकर बहुत खुश हुआ और अपने माता पिता के बारे में पूछने लगा।
मैंने उसे कहा, घर पर सब कुशल मंगल है। अब हम लोग साथ में बैठकर बातें कर रहे थे और उस दिन वह लोग मुझे घुमाने भी ले गए।
मैं बहुत खुश थी क्योंकि मैं अपने पति के साथ समय बिता पा रही थी इसलिए मुझे बहुत खुशी हो रही थी। मैंने जब यह बात अपने माता पिता को बताई तो वह लोग भी बहुत खुश हो गए क्योंकि उन्हें नहीं पता था कि मैं कोलकाता आई हूं।
मैं और रमेश भी काफी खुश है क्योंकि मैं काफी समय बाद रमेश के साथ समय बिता पा रही थी इसीलिए वह भी बहुत खुश थे। अगले दिन वह अपने ऑफिस चले गए और गोविंद भी अपने ऑफिस चले गया।
वह दोनों साथ ही ऑफिस जाते थे और शाम को लगभग एक ही वक्त पर दोनों लौटते थे। मेरे पति एक अच्छी कंपनी में नौकरी करते हैं और वह वहां पर मैनेजर के पद पर हैं। गोविंद अभी कुछ समय पहले ही कोलकाता आया है।
जब वह लोग ऑफिस से लौटते तो मैं उन लोगों के लिए खाना बना कर सकती थी और हमेशा ही ऐसी दिनचर्या चल रही थी। मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था क्योकि मैं और रमेश साथ मे थे।
उनके साथ समय बिताना मुझे बहुत अच्छा लग लग रहा था, हम लोग साथ में ही बैठे हुए थे। उस दिन मैंने गोविंद से भी कहा कि अब तुम्हारे लिए भी घर में लड़की की बात चलने लगी है। वह लोग तुम्हारे लिए लड़की देखने लगे हैं।
गोविंद कहने लगा अभी फिलहाल मैं शादी नहीं करना चाहता, मैं कुछ समय तक पैसे जमा करना चाहता हूं उसके बाद ही मैं शादी का फैसला लूंगा। मैंने उससे कहा कि अभी तो वह लोग देख रहे हैं, देखने में ही काफी वक्त लग जाएगा। तब तक तो तुम कुछ पैसे जमा कर ही लोगे।
गोविंद मेरे पति की बहुत इज्जत करता है क्योंकि वह उसे बचपन से ही बहुत प्रेम करते हैं और जब वह कोलकाता आए तो उसके बाद ही उन्होंने गोविंद को यहां अपने पास बुला लिया इसलिए गोविंद भी उनसे बहुत ही खुश रहता है, उसे कभी भी कुछ परेशानी होती है तो वह रमेश से बात करता है।
मेरी भी अब आस-पड़ोस में पहचान होने लगी थी और मेरी भी कुछ सहेलियां बन चुकी थी इसलिए मुझे भी अब अच्छा लगता था।
मेरा जब घर पर मन नहीं लगता तो मैं उनके घर पर चली जाती थी और इसी वजह से मुझे अब अच्छा लगने लगा था।
एक दिन मेरे पति मेरे साथ बैठे हुए थे और पूछने लगे कि क्या तुम खुश तो हो, मैंने उन्हें कहा कि हां मैं बहुत खुश हूं क्योंकि मुझे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि आप मुझे कोलकाता अपने पास बुलाएंगे।
मेरे पति कहने लगे की मुझे भी तुम्हारे बिना काफी अकेलापन खल रहा था इसलिए मैं भी तुम्हारे बारे में हमेशा सोचता हूं परंतु मैं नहीं चाहता था मेरे माता पिता अकेले रहे, अब शादी को एक वर्ष हो चुका है
तो मुझे लगा कि तुम्हें भी अपने पास बुला लेना चाहिए। हम दोनों उस दिन बहुत ही ज्यादा मूड में थे जब मेरे पति ने मेरी जांघ पर हाथ रखा तो मुझे बड़ा अच्छा लगने लगा।
वह मेरी जांघ को सहलाने लगे उसके बाद उन्होंने मुझे पूरा नंगा कर दिया। काफी समय बाद मैंने उनके लंड को देखा था इसलिए मैंने उनके लंड को अपने मुंह में समा लिया और उसे अच्छे से सकिंग करने लगी।
काफी देर मैंने उनके लंड को सकिंग किया उसके बाद उन्होंने मुझे घोड़ी बनाकर बहुत अच्छे से चोदा।
जिससे कि मेरी चूत पूरी तरीके से छिल चुकी थी मुझे बहुत दर्द हो रहा था लेकिन जब उनका लंड मेरी योनि में जाता तो मुझे बहुत अच्छा महसूस होता।
जब उनका माल मेरी चूत मे गिरा तो उसके कुछ देर बाद मेरे पति सो गए और मैं नंगी ही बाहर आ गई। जब मैं नंगी बाहर रूम मे आई तो मेरा देवर ने मुझे देख लिया और उसका भी मूड खराब हो गया। गोविंद ने मुझे कसकर पकड़ लिया मुझे बड़ा अच्छा लगने लगा जब गोविंद ने मुझे पकड़ा।
वह मेरे स्तनों का रसपान कर रहा था मेरे स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसने लगा उसने काफी देर तक ऐसा किया उसके बाद उसने मेरी योनि को चाटा तो मेरी योनि से मेरे पति का माल निकल रहा था।
उसने जब अपने लंड को मेरी चूत मे डाला तो मुझे अच्छा लगने लगा वह मुझे बड़ी तेज तेज धक्के दे रहा था मैं उसका पूरा साथ दे रही थी। मैं अपने मुंह से सिसकिया ले रही थी और उसे मजा आ रहा था लेकिन वह ज्यादा समय तक मेरी योनि की गर्मी को नहीं बर्दाश्त कर पाया जैसे ही उसका वीर्य मेरी योनि में गिरा तो मुझे बहुत अच्छा लगा।
उसने मुझे घोडी बना दिया और सरसों का तेल अपने लंड पर लगा दिया उसका पूरा लंड चिकना हो चुका था और उसने थोड़ा बहुत तेल मेरी गांड पर लगा दिया।
जैसे ही उसने अपने लंड को मेरी गांड पर लगाया तो मुझे बहुत अच्छा लगा धीरे-धीरे उसने अपने लंड को मेरी गांड के अंदर डाल दिया। उसका लंड मेरी गांड में घुसा तो मुझे बड़ा अच्छा लगा और वह अब मुझे बड़ी तेजी से झटके दे रहा था और मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था।
मेरी गांड से खून में निकल रहा था लेकिन मुझे बहुत मजा आ रहा था मैं भी अपनी गांड को उसकी तरफ कर रही थी और वह भी मुझे उतनी तेजी से झटके दे रहा था।
मुझसे उसके लंड की गर्मी बिल्कुल भी नहीं झेली जा रही थी मैंने गोविंद से कहा कि तुमने तो आज अच्छे से मेरी गांड फाड कर रख दी है मेरे पति ने आज तक मेरी गांड नही मारी। वह बड़ी तेज तेज धक्के दे रहा था जिससे कि मेरा पूरा शरीर गर्म होने लगा और उसका वीर्य मेरी गांड मे गिरा तो मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ।
उसने जैसे ही अपने लंड को मेरी गांड से बाहर निकाला तो उसका माल मेरी गांड से टपक रहा था। मैंने उसके लंड को अपने मुंह में ले लिया और अच्छे से चूसने लगी।
मैंने काफी देर तक उसके लंड को सकिंग किया और कुछ देर बाद ही उसका वीर्य मेरे मुंह में गिर गया मैंने वह सब अपने अंदर समा लिया।
उसके बाद मैं अपने पति के साथ जा कर सो गई लेकिन मेरी गांड बहुत ज्यादा दर्द हो रही थी।
Maharashtra me kisi girl, bhabhi, aunty, badi ourat ya kisi vidhava ko maze karni ho to connect my whatsapp number 7058516117 only ladies
Mera Lund bhi mota hai aur gaand me bhi bht maza deta hai yadi kisi bhi female ko mote lambe lund se chudwana ho maza lena ho hard chudai ka to mujhe email msg kre.
Mera Lund bhi mota hai aur gaand me bhi bht maza deta hai yadi kisi bhi female ko mote lambe lund se chudwana ho maza lena ho hard chudai ka to mujhe email msg kre. Id [email protected]