Telegram 💋 चुदाई वीडियो Join Now
Instagram 🔞 Hot Brazzers Join Now

चूत बोलकर गांड मार ली

1/5 - (1 vote)

रात के वक्त मैं रसोई में खाना बना रही थी तभी मुझे बाबूजी की आवाज सुनाई दी मैं रसोई से दौड़कर कमरे की तरफ गई तो देखा बाबूजी जमीन पर गिरे पड़े हैं मेरी कुछ समझ में नहीं आया मैं घबरा गई मेरे हाथ पैर फूलने लगे थे।

मैंने शेखर को फोन किया और कहा शेखर तुम कहां हो शेखर कहने लगे बस थोड़ी देर में मैं घर पहुंच रहा हूं मैंने शेखर से कहा तुम घर जल्दी आ जाओ बाबूजी की तबीयत ठीक नहीं है मुझे बहुत डर लग रहा है।

Telegram 💋 चुदाई वीडियो Join Now
Instagram 🔞 Hot Brazzers Join Now

शेखर कहने लगे बस अभी आ रहा हूं और शेखर कुछ ही देर बाद घर पहुंच गए जब शेखर घर पहुंचे तो मैंने देखा शेखर भी काफी घबरा रहे हैं उन्होंने पिताजी को उठाया और अपनी कार में बिठाते हुए उन्हें अस्पताल ले गए।

हम दोनों ही रात के वक्त पिताजी को अस्पताल लेकर चले गए हम लोगों ने रिसेप्शन पर जानकारी ली तो उन्होंने कहा आप इन्हें इमरजेंसी वार्ड में ले जाइए।

हम जल्दी से उन्हें एमरजेंसी वार्ड में ले गए वहां पर शेखर बिल की प्रक्रिया करवा रहे थे और मैं बाबूजी के साथ ही थी तभी एक डॉक्टर आये और वह कहने लगे इन्हें क्या हुआ।

मैंने उन्हें सारी बात बताई और वह उनकी जांच करने लगे तो पता चला कि उन्हें मिर्गी का दौरा पड़ा था जब उनको मिर्गी का दौरा पड़ा तो वह जमीन पर गिर पड़े थे। मैंने पहली बार ही ऐसा देखा था कि उन्हें मिर्गी का दौरा पड़ रहा है

इसे पहले कभी भी उन्हें यह सब नहीं हुआ था लेकिन अब वह थोड़ा ठीक थे और डॉक्टर कहने लगे अब आप इन्हें घर लेकर जा सकते हैं। रास्ते भर बाबूजी ने हमसे कोई बात नहीं की और जब हम लोग उन्हें घर लेकर आए तो वह चुपचाप अपने कमरे में जाकर लेट गए मैंने उन्हें खाना दिया लेकिन उन्होने खाना नहीं खाया और वह सो गए।

मैं और शेखर अपने कमरे में बैठकर एक दूसरे से बात कर रहे थे जब हम दोनों एक दूसरे से बात कर रहे थे तो शेखर मुझे कहने लगे कि अच्छा हुआ तुमने बाबूजी को समय पर देख लिया नहीं तो कोई बड़ी बात हो सकती थी।

मैंने शेखर से कहा मैंने तो बाबूजी की आवाज सुनी और मैं दौड़ती हुई अंदर गई तो देखा बाबूजी जमीन पर गिरे हुए थे मुझे तो डर लगने लगा था वह कहने लगे चलो कोई बात नहीं अब तो बाबूजी की तबीयत ठीक है।

हम दोनों की शादी को अभी 6 महीने ही हुए हैं और इन 6 महीनों में मैंने शेखर के परिवार को पूरी तरीके से संभाल लिया है। शेखर का परिवार बहुत ही छोटा सा है

उसमें शेखर और बाबूजी ही हैं शेखर की दीदी की शादी कुछ समय पहले ही हुई है शेखर की दीदी ने काफी देर से शादी की वह चाहती थी कि पहले वह सेटल हो जाए उसके बाद ही वह शादी करें।

शेखर की दीदी प्रोफेसर हैं और वह मथुरा में पढ़ाती हैं शेखर और मैं कुछ दिनों बाद मथुरा उनके पास ही जाने वाले थे शेखर ने अपने ऑफिस से छुट्टी ले ली थी और जब हमारे पड़ोस की दीदी हमारे घर पर आई तो वह कहने लगी लगता है सुमन तुम लोग कहीं जा रहे हो।

मैंने दीदी से कहा दीदी आपको कैसे पता चला वह कहने लगी मैंने देखा तुमने पूरा सामान अपना पैक किया हुआ है और मुझे लग रहा है कि तुम लोग कहीं घूमने जा रहे हो।

मैंने दीदी से कहा हां दीदी हम लोग कुछ दिनों के लिए मथुरा जा रहे हैं वह कहने लगी वहां से तुम लोग कब लौटोगे मैंने उन्हें कहा अभी तो कुछ पता नहीं है लेकिन 10 दिन तो कम से कम लग ही जाएंगे।

वह कहने लगी चलो कोई बात नहीं वह मेरे साथ कुछ देर तक बैठी रही उन्होंने मुझे कहा कि तुम जब वापस लौटोगी तो तुम मुझे फोन करना दरअसल मेरी बहन भी मथुरा में ही रहती है और मुझे कुछ सामान वहां से मंगवाना था।

मैंने दीदी से कहा ठीक है मैं जब वापस लौटूंगी तो आपको जरूर फोन कर दूंगी और यह कहते हुए उन्होंने मुझसे जाने की इजाजत ली। मैं अब घर पर ही थी और मैंने सारा सामान पैक कर लिया था

तभी शेखर भी आ गये और कहने लगे तुमने सारा सामान तो रख लिया है ना मैंने उन्हें कहा हां मैंने सारा सामान रख लिया है।

वह कहने लगे सुमन तुम्हें मैंने कुछ दिनों पहले एक छोटा सा बैग दिया था क्या तुमने वह देखा है मैंने शेखर से कहा हां मैं भी देख लेती हूं कहां पर रखा है।

मैं देखने लगी तो मुझे ध्यान आया मैंने वह बैग तो अपनी अलमारी के अंदर रखा हुआ है मैंने जब वह बैग निकालकर शेखर को दिया तो वह कहने लगे इसमें कुछ जरूरी पेपर थे इसलिए मैं तुमसे यह मांग रहा था।

मैं उसके बाद अपने काम पर लग गई और रात का डिनर करने के बाद हम लोग सो गए क्योंकि सुबह हम लोगों की ट्रेन जल्दी थी।

हम लोग सुबह रेलवे स्टेशन गये और वहां से हम लोग ट्रेन में बैठ चुके थे हमने सामान को अच्छे से रख दिया था और बाबूजी को भी हमने कहा आप बैठ जाइये।

वह भी बैठे हुए थे हम लोग ट्रेन चलने का इंतजार कर रहे थे कुछ देर बाद ट्रेन चली तो हम लोग दीदी के बारे में बात करने लगे उनका नेचर बड़ा ही अच्छा है और उनका मिजाज ऐसा है कि जो भी उनसे मिलता है तो वह हमेशा उन्हें हीं याद करता है।

मैं और शेखर दीदी के बारे में बात कर ही रहे थे तभी दीदी का भी फोन आ गया वह कहने लगी आप लोग कहां पहुंचे तो मैंने उन्हें बताया दीदी अभी तो हम लोग कुछ देर पहले ही यहां से निकले हैं

वैसे ट्रेन सही समय पर चल रही है हम लोग जल्दी ही पहुंच जाएंगे।

इसी के साथ मैंने फोन रख दिया हम लोग जब मथुरा पहुंचे तो मथुरा पहुंचते ही हम लोगों ने दीदी को फोन किया उनके पति हमें लेने के लिए रेलवे स्टेशन आ गए थे।

उन्होंने हमें घर छोड़ा और उसके बाद वह अपने ऑफिस के लिए चले गए क्योंकि उन्हें कुछ काम था।

दीदी से मिलकर मैं बहुत खुश थी और शेखर भी बहुत खुश थे आखिरकार इतने दिनों बाद दीदी से जो मुलाकात हो रही थी सब लोग एक दूसरे से बात कर रहे थे तभी मैंने शेखर से कहा आप कपड़े तो चेंज कर लीजिये।

वह कहने लगे थोड़ी देर बाद मैं कपड़े चेंज कर लूंगा लेकिन शेखर का तो जैसे मन घूमने का हो ही नहीं रहा था और वह दीदी से बात कर रहे थे। थोड़ी देर बाद वह उठे और बाथरूम में नहाने के लिए चले गए जब वह नहा कर बाहर निकले तो मैंने उन्हें उनके कपड़े दिये और उसके बाद हम लोग भी बैठकर आपस में बात करने लगे।

दीदी मुझसे पूछने लगी तुम ठीक तो हो ना मैंने दीदी से कहा हां दीदी मैं ठीक हूं भला मुझे क्या समस्या होगी शेखर मेरा बहुत ध्यान रखते हैं।

दीदी लोगों के घर में नौकर आता था वह मुझे बड़ी गंदी नजरों से देखता उसका नाम रामू था। एक दिन में नहा रही थी तो वह मुझे देख रहा था लेकिन मेरी नजर उस पर नहीं पड़ी जैसे ही मेरी नजर रामू पर पड़ी तो मैंने रामू को कहा तुम यह क्या कर रहे थे।

वह चुप हो गया और कहने लगा कुछ नहीं मेम साहब लेकिन यह बात मै शेखर को नहीं बता सकती थी और मैंने शेखर को नहीं बताई लेकिन यह मेरी सबसे बड़ी भूल थी।

मैंने यह बात नहीं बताई क्योंकी रामू की नजर मुझ पर पहले से ही थी। एक दिन रामू ने मुझे अपनी बाहों में लिया मैं धबराने लगी जब उसने अपने मोटे से लंड को बाहर निकाला तो मुझे कहने लगा आप एक बार इस अपने मुंह में तो लिजिए आपको मजा आएगा मैं किसी को भी नहीं बताऊंगा।

मैंने भी सोचा कि क्यों ना एक बार किसी गैर मर्द के साथ संबंध बना ही लेती हू और इसी के चलते मैंने रामू के मोटे से लिंग को अपने मुंह के अंदर ले लिया। उसे जब मैंने अपने मुंह में लिया तो मुझे एक अलग सी बेचैनी पैदा होने लगी और मुझे बड़ा अच्छा लगने लगा है।

मै रामू के लंड को अच्छे से अपने मुंह के अंदर ले रही थी और उसे चूस रही थी मुझे उसके लंड को चूसने में बहुत मजा आया। करीब 2 मिनट तक मैंने उसके मोटे लिंग को अपने मुंह के अंदर लिया और उसे चूसकर अपना बना लिया। रामू ने मुझसे पूछा आपको कैसा लग रहा है

मैंने सिर्फ अपनी गर्दन हिला कर उसको जवाब दिया और कहा मुझे अच्छा लग रहा है। अब मेरे पास कोई और चारा न था क्योंकि मेरी योनि में भी पानी बाहर की तरफ को गिरने लगा था और मेरे अंदर से उत्तेजना पूरी चरम सीमा पर पहुंच चुकी थी।

आखिरकार मैंने भी रामू के मोटे लंड को अपनी चूत के अंदर समा लिया जैसे ही मैंने उसके मोटे लंड को अपनी चूत के अंदर लिया तो मुझे भी मजा आने लगा।

वह भी मुझे कहने लगा मैम साहब आपकी चूत तो टाइट है और बड़ा मजा भी आ रहा है। मैंने रामू से कहा तुम जल्दी से करो यदि किसी ने देख लिया तो मेरे बारे में क्या सोचेंगे। रामू कहने लगा मैम साहब मैं तो जल्दी से कर रहा हूं लेकिन आप थोड़ा सब्र रखिए।

यह कहते ही रामू मुझे अपनी गोद में उठाकर चोदने लगा जिस प्रकार से वह मुझे अपनी गोद में उठाकर धक्के मारता उससे मेरा योनि से और भी पानी बाहर की तरफ आने लगता और मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो जाती। रामू को भी मजा आ रहा था और मेरे मुंह से भी मादक आवाज बाहर आने लगी थी।

मैंने रामू से कहा मुझे तो मजा आ रहा है तो रामू कहने लगा मैं आपको घोड़ी बना कर चोदता हू लगता है

तभी मेरा माल बाहर गिरेगा। रामू ने मुझे घोड़ी बनाया और उसने मेरे साथ बहुत बडा धोखा किया उसने मेरी गांड के अंदर अपने लंड को डाल दिया।

जैसे ही उसका लंड मेरी गांड में प्रवेश हुआ तो मैं चिल्ला उठी मेरे मुंह से बड़ी तेज चीख निकली और उसी के साथ रामू का लंड मेरी गांड में जा चुका था।

अब वह मुझे छोड़ने को तैयार ना था उसने मेरी गांड के बुरे हाल कर दिए मेरी गांड से खून भी बाहर निकल आया था और मैं पूरी तरीके से मचलने लगी थी लेकिन मुझे थोडी रहात मिली जब उसका वीर्य मेरी गांड में गिरा।

मैंने उसे कहा जल्दी से तुम मेरी गांड को साफ करो उसने मेरी गांड को साफ किया मैं जल्दी से हॉल में आई सब लोग वहां बैठे हुए थे।

1 thought on “चूत बोलकर गांड मार ली”

  1. Maharashtra me kisi girl, bhabhi, aunty, badi ourat ya kisi vidhava ko maze karni ho to connect my whatsapp number 7058516117 only ladies

    Reply

Leave a comment