हमारी पहली चुदाई की कहानी -1

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सन्नी है और में भी आप सभी की तरह कहानियों के लिए पागल हूँ। मुझे सेक्सी कहानियों को पढ़कर बड़ा मस्त मज़ा आता है और में अब तक ना जाने कितनी कहानियों के मज़े ले चुका हूँ।

दोस्तों मैंने अपनी पिछली बार आप सभी की सेवा में अपनी कहानियों को भी लिखकर तैयार करके भेजा और मुझे बड़ी खुशी मिली, क्योंकि यह आप सभी के प्यार का नतीजा है जो आज हम जैसे लोगों को अपने मन की बात या किसी भी घटना को लिखकर पहुँचाने का मौका मिलता है।

दोस्तों जैसा कि आप सभी पढ़ने वाले अच्छी तरह से जानते है कि में जम्मू का रहने वाला हूँ और मुझे सेक्स करना कितना अच्छा लगता है। दोस्तों आज में जो आप सभी को अपनी यह घटना सुनाने जा रहा हूँ, यह मेरे जीवन का सबसे मजेदार सेक्स अनुभव में से एक है और यह घटना बहुत ही जोश से भरपूर है।

दोस्तों यह घटना मेरे साथ नवंबर 2005 में घटी थी और यह तब की बात है जब हमारे पड़ोस में एक नये किराएदार रहने आए थे, उनके घर में दो बहने और एक छोटा भाई और उनकी माँ भी साथ ही थी।

दोस्तों सबसे बड़ी बहन का नाम नजमा और छोटी बहन का नाम किरण था और उन दोनों के बूब्स बड़े ही मस्त आकार के गोलमटोल उभरे हुए थे जिनको देखकर में बड़ा ही चकित हुआ।

दोस्तों में अपने घर की छत पर बैठकर अपने आने वाले पेपर की तैयारी किया करता था और तब वो छोटी बहन जिसका नाम किरण था वो मुझे छुप छुपकर हमेशा देखा करती थी।

दोस्तों उस लड़की की उम्र उस समय करीब बीस साल रही होगी, लेकिन उसके वो गोलमटोल बड़े आकार के बूब्स तो मुझे हमेशा पागल किए जाते थे मेरे विचार से उसके बूब्स का आकार 34-28-34 के करीब होगा।

दोस्तों उसके पूरे गोरे बदन से उसकी चढ़ती जवानी बड़ी साफ झलका करती जो मुझे हमेशा अपनी तरफ आकर्षित किया करती थी और उसके वो बूब्स देखकर मेरे मुहं में हमेशा पानी आने लगता था और में देख देखकर ललचाने लगता था।

दोस्तों जब वो मटकती हुई चलती थी तब उसके कूल्हों के साथ साथ उसके बूब्स भी हिलते थे और में देखकर ललचाने लगता था। फिर धीरे धीरे में भी उसकी तरफ देखने लगा था और वो भी मेरी तरफ देखकर मुस्कुरा देती थी, जो मेरे लिए एक अच्छा संकेत था, जिसकी वजह से में बहुत खुश था। दोस्तों हम दोनों के बीच यह काम बहुत समय तक ऐसे ही चलता रहा और वो हर कभी आते जाते समय मुझे देखकर मेरी तरफ मुस्कुरा देती।

एक शाम को मैंने थोड़ी सी हिम्मत करके उसको अपने पास बुला लिया और फिर मैंने उसको पूछा कि आपका नाम क्या है? में अंदर मन से डर भी रहा था कि कहीं उसको मेरे ऊपर गुस्सा ना आ जाए, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।

फिर उसने मुझे अपना नाम किरण बताया और फिर मैंने उसको कहा कि आप कितना प्यारी हो और उसके बाद वो हल्का सा मुस्कुरा गई। उसके बाद हम दोनों के बीच इधर ऊधर की बातें होती रही।

अब मैंने उसको पूछा कि आपको मेरी किसी भी बात का बुरा तो नहीं लगा ना? वो अपने खिले हंसते हुए चेहरे से कहने लगी कि नहीं ऐसी कोई भी बात नहीं है जैसा आप सोच रहे है। अब मैंने उसको कहा कि इसका मतलब तो अब यह है कि तुम रोज़ ही मुझसे बात कर सकती हो? अब वो हंसते हुए कहने लगी कि हाँ ज़रूर आपसे बात करने से मुझे क्या परेशानी हो सकती है? मुझे आपसे बात करना अच्छा लगा।

फिर इस तरह से हम दोनों हर दिन ही छत पर कभी सुबह दिन और शाम को बातें करते और हमें मौका मिलने पर हम दोनों रात को भी छत पर बातें करने लगे थे। दोस्तों मुझे उसके साथ बातें करना समय बिताने में बड़ा मज़ा आने लगा था।

एक दिन हम दोनों साथ में बैठे बातें कर रहे थे और कुछ देर बाद वो मुझसे कहने लगी कि मेरे हाथ बहुत ठंडे हो रहे है। फिर उसके मुहं से यह बात सुनकर तुरंत ही मैंने उसका एक हाथ पकड़ लिया और छुकर महसूस किया कि उसका वो मुलायम हाथ बहुत ही ठंडा था।

फिर मैंने उसके हाथ को कुछ देर सहलाकर गरम करने के बाद उसको चूम लिया। अब उसने झट से अपने हाथ को पीछे हटा लिया, मैंने उसको कहा क्यों क्या हुआ? तब वो कहने लगी कि कुछ नहीं और कुछ देर बाद वो चली गई और में पूरी रात उसके बारे में सोच सोचकर पागल हुआ जा रहा था।

फिर अगली रात को मैंने कुछ देर बातें करने के बाद उसका मूड देखकर उसको कहा कि में तुम्हे एक बार चूमना चाहता हूँ। अब वो मुझसे कहने लगी कि नहीं कहीं कोई हमें यह सब करते हुए देख ना ले? मुझे बड़ा डर लगता है।

फिर मैंने भी उसकी बात को मानकर कहा कि हाँ ठीक है चलो रात को करूंगा दिन के उजाले में हमे कोई देख ले, यह हम दोनों के लिए ठीक नहीं होगा।

फिर उसी रात को मैंने उसको सबसे पहले हाथ पर और फिर उसके बाद उसके सुंदर गोरे चेहरे को भी चूम लिया और उसने भी मेरे चेहरे पर एक बार चूम लिया। अब में तुरंत समझ गया कि उसकी तरफ से भी यह सब करने के लिए हाँ है।

वो भी अब मेरे साथ यह सब करने के लिए तैयार है, क्योंकि उसको भी अब वो काम करने में बड़ा मज़ा आने लगा था। फिर मैंने उसी समय उस मौके का फायदा उठाकर तुरंत ही उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए और में उसके गुलाबी रसभरे होंठो को चूमने लगा था।

फिर थोड़ी ही देर के बाद वो भी मेरा साथ देने लगी थी और धीरे धीरे मेरे हाथ उसकी कमर पर चले गए। में उसकी पतली कमर को सहलाने लगा था, लेकिन उसने मेरे सामने बिल्कुल भी विरोध नहीं किया, जिसकी वजह से मेरी हिम्मत पहले से ज्यादा बढ़ गई और अब मेरा एक हाथ उसके बूब्स पर चला गया।

दोस्तों वो तब भी चुप ही रही और मैंने छूकर महसूस किया कि उसके बूब्स बहुत ही नरम थे और यह मेरा पहला अनुभव था, जब में किसी के बूब्स को अपने हाथों से दबाकर उनके मज़े ले रहा था।

अब मैंने उसको पूछ लिया क्या यह इतने नरम होते है? तब वो मुस्कुराते हुए कहने लगी और क्या? हाँ यह ऐसे ही होते है, अब तुम मेरे सामने ज्यादा नादान मत बनो।

फिर उसी समय हमे कुछ शोर सुनाई दिया और हम लोग वो आवाज सुनकर तुरंत ही अपनी अपनी छत से नीचे चले गये। अब में नीचे अपने कमरे में आकर उसके साथ हुए पहली बार उस मज़े के बारे में सोचता हुआ ना जाने कब सो गया।

मुझे पता ही नहीं चला। फिर अब तो हम दोनों हर कभी खुश होकर वो मज़े लेने लगे थे, जिसकी वजह से हम दोनों एक दूसरे के साथ पूरी तरह से खुल चुके थे। हमारे बीच अब वो दूरियां दिन निकलने के साथ साथ कम होती चली गई।

अब में किसी खास मौके के इंतज़ार में रहने लगा था, जिसका फायदा उठाकर में उसके साथ जमकर हमारी पहली चुदाई के मज़े ले सकता। फिर एक दिन मेरे घर सभी घर वाले हमारी अच्छी किस्मत से एक शादी में चले गये और वो लोग अगली दिन वापस आने की बात मुझसे कहकर मुझे अपने घर में अकेला छोड़कर चले गए।

फिर मैंने उसको कहा कि आज हमारे पास बहुत अच्छा मौका है तुम मेरे घर आ जाओ और वो मुझसे पूछने लगी कि घर आकर क्या करना है? फिर मैंने उसको कहा कि हम दोनों मेरे घर में बैठकर आराम से बातें करेंगे और अकेले में हमे किसी का डर भी नहीं होगा। अब वो कहने लगी कि हाँ ठीक है में आ जाउंगी और कुछ देर के बाद वो मेरे घर आ गई और पहले तू हम दोनों ने आराम से बैठकर कुछ बातें हंसी मजाक किया।

फिर मैंने उसके होंठो पर चूमना शुरू किया, जिसकी वजह से कुछ देर बाद वो भी गरम होना शुरू हो गयी और वो तुरंत ही मुझसे लिपट गयी। अब वो मुझे अपने गले से लगाकर उस मज़े मस्ती में डूबने पूरे पूरे मज़े लेने लगी थी।

अब उसके बूब्स मेरी छाती से दब गये और फिर मैंने उसको बेड पर लेटा लिया और अब मैंने उसकी गर्दन और उसके चेहरे पर चूमना शुरू कर दिया।

अब मैंने उसके बूब्स को कपड़ो के ऊपर से ही दबाना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से वो भी कुछ ही देर में वो गरम हो चुकी थी और फिर मैंने उसकी कमीज़ को ऊपर कर दिया।

अब मैंने देखा कि उसने काले रंग की ब्रा पहनी हुई थी, मैंने पहले उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को एक बार चूमा और फिर उसके बाद मैंने ब्रा को भी उतार दिया। फिर उसने भी मेरी शर्ट को उतार दिया और अब मेरे सामने उसके गोरे नंगे बूब्स थे, जिनके ऊपर में शुरू से ही बहुत फिदा था और बूब्स को पहली बार अपने सामने पूरा नंगा देखकर तो में पागल ही हो गया।

अब में उसके एक बूब्स को चूसने लगा और दूसरे को अपने एक हाथ से दबाने लगा था और में बहुत देर तक उसके बूब्स के साथ वैसे ही मज़े करता रहा और कुछ देर के बाद मुझे जोश आने लगा था।

अब नीचे मेरा लंड उसकी चूत पर कपड़ो के ऊपर से ही ठीक उसकी चूत के ऊपर था, में ऊपर से हिल रहा था और वो नीचे से हिल रही थी। फिर में अपना एक हाथ उसकी चूत पर ले गया।

तब मुझे छूकर पता चला कि उसने अपनी सलवार के अंदर पेंटी नहीं पहनी थी और मैंने छूकर महसूस किया कि सलवार बहुत ज्यादा जोश की वजह से चूत वाले हिस्से से गीली हो चुकी थी।

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