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कजरारी आंखो की मस्ती

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यह उस वक्त की बात है जब मेरा ट्रांसफर पुणे में हुआ मुझे पुणे में ज्यादा वक्त नहीं हुआ था,

मैं एक बैंक में नौकरी करता हूं और जब मैं अपने बैंक में काम कर रहा था उस वक्त एक लड़की पर मेरी नजर पड़ी मैं अपने काम में इतना व्यस्त था कि उसे अच्छे से देख भी नहीं पाया लेकिन उसकी सुनहरी आंखें और उसके सुनहरे बालों ने जैसे मुझ पर कोई जादू सा कर दिया था

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जैसे ही मेरा काम खत्म हुआ तो मैंने उस लड़की की तरफ नजर घुमाई वह मेरी ठीक आगे बेंच पर बैठी हुई थी उसके साथ में लड़की और भी थी वह लोग शायद बैंक से पैसे निकालने के लिए आए हुए थे, मेरी नजर तो जैसे उस कजरारे आंखों वाली लड़की से आंखें हट ही नहीं रही थी मैं सिर्फ उसकी तरफ ही देखे जा रहा था।

जब उसकी नजरें भी मेरी तरफ बढ़ी तो वह भी मुझे एकटक नजरों से देखने लगी और हम दोनों की जैसे एक दूसरे से आंखों ही आंखों में बातें होने लगी थी तभी उसके साथ वाली लड़की ने उससे कुछ कहा जिससे कि वह दोनों गुस्से में हो चुकी थी और वह हमारे मैनेजर के रूम में चली गई,

जब वह मैनेजर के रूम में गई तो वहां से काफी शोर शराबे की आवाज आने लगी मैं भी दौड़ता हुआ मैनेजर के केबिन की तरफ गया, मैं जैसे ही मैनेजर की केबिन में पहुंचा तो वहां मैंने देखा वह दोनों लड़कियां मैनेजर से बड़ी गरमा गरमी में बात कर रही थी और उनका गुस्सा सातवें आसमान पर था,

हमारे मैनेजर साहब तो जैसे भीगी बिल्ली बनकर बैठे हुए थे और वह उन्हें समझा रहे थे की मैडम आप चिंता मत कीजिए मैं आपका काम करवा देता हूं।

मैंने भी बीच में हस्तक्षेप करते हुए उन लड़कियों से पूछा मैडम आप बताइए क्या प्रॉब्लम हुई है? वह कहने लगी हमारे घर में मेरे भैया की शादी है और उसके लिए हम पैसे निकालने आए थे

लेकिन आपके स्टाफ में कह रहे हैं कि आपको कल आना पड़ेगा अभी उतना पैसा बैंक में नहीं है बस इसी बात को लेकर हम लोगों ने मैनेजर साहब से बात की लेकिन मैनेजर साहब तो सीधे मुंह बात ही नहीं कर रहे थे।

मैंने उन दोनों लड़कियों का गुस्सा शांत करवाया और कहा मैडम अभी बैंक में कैश नहीं आया है आपको कुछ देर इंतजार करना पड़ेगा यदि आप रुक सकती हैं तो आप थोड़ी देर तक इंतजार कर लीजिए,

वह दोनों मेरी बात से आश्वस्त हो गई और उसके बाद वह उसी बेंच में जाकर बैठ गई, मैं उनके पास गया और कहा आप लोगों को थोड़ी देर इंतजार करना पड़ेगा, वह मुझसे कहने लगी कि आप कितने अच्छे तरीके से बात कर रहे हैं और एक आपके मैनेजर हैं जिन्हें बात करने की तमीज तक नहीं है।

मैंने इस बात का कोई जवाब नहीं दिया क्योंकि मुझे पता है कि मैनेजर साहब भी अच्छे हैं लेकिन उस वक्त ना जाने उनके दिमाग में क्या चल रहा था, उनका स्वभाव बड़ा ही अच्छा है

करीब एक घंटे बाद जब बैंक में कैश आ गया तो उसके बाद मैंने उन्हें कहा मैडम आप अपना पैसा ले लीजिए, उन लोगों ने अपना पैसा लिया और जब वह लोग जाने लगे तो उन्होंने मुझे धन्यवाद कहा,

मैं इस बात से ही खुश था कि मेरी बात उस कजरारे आंखों वाली लड़की से हो गई लेकिन मुझे यह उम्मीद नहीं थी कि उसके बाद भी मेरी मुलाकात उससे हो पाएगी।

करीब एक महीने बाद दोबारा से जब मेरी मुलाकात उन लोगों से बैंक में हुई तो वह दोनों लड़कियां मेरे पास आई और कहने लगी सर उस दिन जल्दी बाजी में हमने आपका नाम भी नहीं पूछा,

मैंने उन्हें अपना नाम बताया फिर मैंने भी उन दोनों का नाम पूछा तो उस कजरारे आंखों वाली लड़की का नाम रुचि है और वह दूसरी लड़की उसकी चचेरी बहन है जिसका नाम संजना है, रुचि मुझसे कहने लगी कार्तिक जी आप तो बड़े ही अच्छे व्यक्ति हैं आप मेरे भैया की शादी में जरूर आइएगा। उन्होंने मुझे शादी का इन्विटेशन दे दिया रुचि ने मेरा नंबर भी ले लिया था

मैंने रुचि से कहा यदि आपको कभी भी कोई जरूरत हो तो आप मुझे बेझिझक फोन कर लीजिएगा। कुछ दिनों बाद रुचि का कॉल मुझे आया और वह मुझसे बात करने लगी मुझे उम्मीद नहीं थी कि मैं रुचि से इतनी ज्यादा देर तक बात कर पाऊंगा क्योंकि मैं जब भी उसे देखता या उससे बात करता तो मुझे अंदर से एक हिचकिचाहट सी होती लेकिन उस दिन मैंने भी रुचि से काफी देर तक बात की कुछ ही दिनों बाद रुचि के भैया की शादी होने वाली थी।

मैं मार्केट में कुछ सामान लेने गया हुआ था उस दिन मेरी भी छुट्टी थी तभी मुझे रुचि मिल गई, जब मेरी मुलाकात रुचि से हुई तो वह कहने लगी आज तो आप से मुलाकात हो गई, मैंने रुचि से कहा क्यों क्या तुम मेरे बारे में ही सोच रही थी, वह कहने लगी हां मैं आपके बारे में ही सोच रही थी

हम दोनों बात करते हुए चलने लगे हम दोनों एक दूसरे से बातें कर रहे थे उस दिन मुझे रुचि के बारे में काफी कुछ चीजों के बारे में पता चला उसे क्या चीज पसंद है और क्या चीज नहीं पसंद।

हम दोनों के विचार लगभग एक जैसे ही थे उसका नेचर भी बिल्कुल शांत स्वभाव है और मुझे ऐसे ही लोग पसंद हैं, बात करते हुए मेरे मुंह से रुचि के लिए तारीफ निकल गई मैंने रुचि की तारीफ कि तो वह मुस्कुराने लगी,

वह मुझे कहने लगी क्या मैं इतनी ज्यादा सुंदर हूं ? मैंने रुचि से कहा तुम्हारी कजरारी आंखें तो मुझे पहले दिन से ही पसंद है जब पहली बार मैंने तुम्हें बैंक में देखा था तो मैं तुम्हें देखकर पागल हो गया था मै तुम्हारी सुंदरता का दीवाना हो गया था।

मैंने रुचि की इतनी तारीफ की उसने मुझे गले लगा लिया वह मुझे कहने लगी तुमने तो आज मुझे खुश कर दिया। मेरे कुछ समझ में नहीं आ रहा था यह सब इतनी जल्दी में कैसे हो रहा है लेकिन मैं अंदर से बहुत ही ज्यादा खुश था

मेरी खुशी उस वक्त और ज्यादा बढ़ गई जब रुचि ने मुझसे कहा कार्तिक क्यों ना हम लोग कहीं अकेले में बैठने चलें। मैं समझ चुका था रुचि को मुझसे कुछ चाहिए मैं रुचि को अपने घर पर ले आया।

जब वह मेरे घर पर आई तो मैं बहुत खुश हो गया रुचि के चेहरे की मुस्कान भी देखते हुए पता चल रहा था वह भी बहुत खुश है। मैं तो उसे सिर्फ चोदने के मकसद से ही घर पर लाया था जैसे ही मैंने उसकी कमर पर हाथ रखा तो वह उत्तेजित हो गई वह अपने आप पर काबू नहीं रख पाई उसने मेरे होठों पर किस कर दिया।

मैंने उससे कहा रुचि तुम्हारे होंठ तो बड़े ही लाजवाब है, मैं उसके होठों का रसपान करने लगा जब मैं उसके होठों का रसपान कर रहा था तो उस वक्त मेरी उत्तेजना भी दोगुनी हो गई थी मेरा लंड तन कर खड़ा था।

मैंने रुचि के हाथ को पकड़ते हुए अपनी पैंट के अंदर डाल दिया जैसे ही उसके हाथ का स्पर्श मेरे लंड पर हुआ तो वह गर्म हो गई वह मेरे लंड को हिलाने लगी।

मैंने भी उसे जल्दी से उठाते हुए बिस्तर पर पटक दिया जब मैंने उसे बिस्तर पर पटका तो मैंने जल्दी से उसके कपड़े उतार दिए वह मेरे सामने नंगी थी उसका बदन देखकर मेरी आंखें खुली की खुली रह गई।

मैंने उसके स्तनों का जमकर रसपान किया कुछ देर तक तो मैं उसके गोरे स्तनों को अपने हाथों से दबाता रहा लेकिन जब मेरे अंदर अधिक जोश बढने लगा तो मैंने उससे कहा क्या तुम मेरे लंड को अपने मुंह में लोगी?

वह मुझे कहने लगी मैंने आज तक किसी के लंड को मुंह में तो नहीं लिया है लेकिन तुम्हारे लंड को अपने मुंह में लेकर मैं ट्राई करती हूं। जब उसने मुझसे यह बात कही तो मैंने तुरंत अपने लंड को उसके मुंह पर सटा दिया वह मेरे लंड को सकिंग करने लगी।

उसने मुझे बड़े ही अच्छे से मजा दिया मेरा लंड उसकी चूत में जाने के लिए बेताब था। मैंने भी उसके दोनों पैरों को खोलते हुए उसकी चूत के अंदर अपने लंड को डाला परंतु उसकी योनि बहुत ज्यादा टाइट थी मैंने कोशिश करते हुए उसकी योनि के अंदर अपने लंड को घुसा दिया। जैसे ही मेरा मोटा लंड उसकी योनि में प्रवेश हुआ तो

मैं बहुत खुश हो गया उसे बड़ी तेजी से चोदने लगा मैंने उसे इतनी तीव्र गति से धक्के देने शुरू कर दिए उसकी योनि से खून आने लगा लेकिन उसे चोदने में मुझे जो आनंद मिल रहा था

वैसा आनंद मैंने इससे पहले कभी भी नहीं लिया था। मैं उसकी कजरारी आंखों में खो सा गया और उसे धक्के देते रहा जब मेरा वीर्य गिरने वाला था तो मैंने अपने वीर्य को रुचि के पेट पर गिरा दिया। हम दोनों की इच्छाएं पूरी हो चुकी थी

हम दोनों ने अपने कपड़े पहन लिए उसके बाद रुचि कहने लगी कार्तिक मुझे आज बहुत अच्छा लगा और यह कहते हुए वहां चली गई।

1 thought on “कजरारी आंखो की मस्ती”

  1. Maharashtra me kisi girl, bhabhi, aunty, badi ourat ya kisi vidhava ko maze karni ho to connect my whatsapp number 7058516117 only ladies

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