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मामी की चुचियों को चूसकर लाल किया भाग १

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम हीरो है और में जालंधर का रहने वाला हूँ।

में  फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज का नियमित पाठक हूँ। और यह कहानी आज से 8 साल पहले शुरू हुई थी, जब में 15 साल का था और में उस वक़्त सेक्स के बारे में कुछ भी नहीं जानता था।

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जब मेरे मामा की शादी हुई थी और मेरे मामा जी हमारे साथ ही रहते थे, मेरी मामी बहुत सुंदर है और में उनके फिगर के बारे में इतना ही कहूँगा कि उनको देखते ही गले लगाने और चोदने का मन करता है, लेकिन में उनसे दूर-दूर रहता था। मेरी मामी को मेरे मामा पसंद नहीं थे, वो उनसे दूर ही रहती थी।

ये सर्दियों की बात है और एक दिन हम सब रज़ाई में बैठे बातें कर रहे थे। अब में अपनी मामी के करीब लेटा हुआ था कि अचानक से मैंने महसूस किया कि उनका हाथ मेरे हाथ में था।

अब उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा हुआ था और अब में थोड़ा डर गया था, लेकिन मुझे मज़ा भी आ रहा था, क्योंकि मैंने पहली बार उनकी त्वचा को छुआ था, उनकी बड़ी मखमली त्वचा थी। अब थोड़ी देर के बाद मेरा हाथ उनके पैर पर था और अब में उनके पैरों को सहला रहा था।

अब मेरा मन तो कर रहा था कि में अपना एक हाथ उनकी साड़ी के अंदर तक ले जाऊं, लेकिन मेरी हिम्मत नहीं हुई, क्योंकि सभी वहाँ बैठे हुए थे और में नहीं जानता था कि उनको अच्छा लगेगा या बुरा। फिर कुछ देर के बाद उन्होंने मेरा एक हाथ अपनी कमर पर रख दिया, लेकिन मैंने अपना हाथ सरका लिया।

अब मेरा हाथ उनकी चूत पर था और अब में बहुत गर्म हो गया था और उनकी चूत ढूँढने लगा था, लेकिन उनकी साड़ी की वजह से नहीं ढूँढ पा रहा था। अब में बिल्कुल गर्म हो चुका था और इतना कि मेरे पसीने छूट गये थे, यह फिलिंग बहुत मस्त थी।

अब में हर बार स्कूल से आकर उनके पास सो जाता था, लेकिन मेरी फेमिली भी वहाँ होती थी इसलिए में उन्हें छूने के लिए पूरे सावधानी बरत रहा था। फिर मैंने धीरे-धीरे अपने पैर से उनके पैर को टच करना शुरू किया, उउउफफफफफ्फ़ क्या चीज़ थी मेरी मामी? में आपको नहीं बता सकता।

अब वो भी मेरा साथ देने लगी थी। फिर में अपना पैर धीरे-धीरे उनके घुटनों तक ले आया, उफ़ क्या मखमली स्पर्श था? अब हम दोनों एक दूसरे को पैर से सहलाने लगे थे। फिर ये सिलसिला चलता रहा, लेकिन हमने इस बारे में कभी भी बात नहीं की। फिर कुछ दिन के बाद मुझे एक मौका मिला और उस दिन में हमेशा की तरह मामी जी के पास सोया हुआ था। अब वहाँ मेरे छोटे-छोटे भाई बहन ही थे।

अब मेरी थोड़ी हिम्मत बढ़ गयी थी और अब मामी टी.वी देख रही थी। फिर मैंने पहले अपना एक हाथ उनकी पतली मखमली कमर पर रखा, उउफफफफफफ्फ़ क्या एहसास था? तो में काफ़ी देर तक उनकी कमर सहलाता रहा।

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