मेरी शादी को 3 वर्ष हो चुके हैं और कावेरी ने घर की जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया है। उस दिन मैं घर पर ही था और कावेरी मुझे कहने लगी कि रमेश शायद हमारे पड़ोस में कोई रहने के लिए आया है।
कावेरी चाहती थी कि हम उन लोगों से मिले और जब हम लोग उनसे मिले तो हम लोगों ने उन्हें अपना परिचय दिया और बताया कि हम लोग आपके पड़ोस में ही रहते हैं।
उन्होंने हमें अपने घर पर बुला लिया उनका पूरा परिवार था और उनके माता-पिता भी उन लोगों के साथ ही थे उन्होंने कुछ समय पहले ही वह घर खरीदा था। मैंने उन व्यक्ति का नाम पूछा तो वह कहने लगे मेरा नाम रजत है रजत की उम्र भी मेरी जितनी ही थी और उनकी शादी भी अभी कुछ समय पहले ही हुई थी उनके पिताजी सरकारी विभाग में एक बड़े अधिकारी के पद से रिटायर हुए हैं और उन्होंने अपने पिताजी से भी मेरा परिचय करवाया।
हम लोग उनके घर पर ही बैठे हुए थे कावेरी रजत की पत्नी के साथ बात कर रही थी रजत की पत्नी का नाम सुहानी है वह लोग आपस में बात कर रहे थे और मैं रजत के साथ बात कर रहा था।
रजत ने मुझे बताया कि मिश्रा जी ने उन्हें यह घर बेच दिया उन्होंने मुझे बताया कि मिश्रा जी को कुछ पैसों की जरूरत थी इसलिए उन्होंने यह हमें बेच दिया और मुझे भी यह घर पसंद आया।
उन्होंने वह घर खरीद लिया था और वह लोग हमारे पड़ोस में रहने वाले थे हम लोग उनके साथ बहुत देर तक बात करते रहे और अब हम लोग घर लौट चुके थे तो कावेरी सुहानी की बड़ी तारीफ कर रही थी और कहने लगी कि सुहानी बहुत ही अच्छी है पहली ही मुलाकात में कावेरी ने सुहानी से अच्छी दोस्ती कर ली थी।
मैं ज्यादातर अपने ऑफिस में ही बिजी रहता था लेकिन कावेरी और सुहानी के बीच अच्छी दोस्ती हो गई थी इसलिए सुहानी का अक्सर हमारे घर पर आना जाना होता रहता था रजत भी मुझे मिलते ही रहते थे।
एक दिन मैंने कावेरी को कहा क्यों ना हम लोग रजत के परिवार को घर पर खाने के लिए इनवाइट करते हैं तो कावेरी कहने लगी हां आप बिल्कुल ठीक कह रहे हैं। मैंने रजत को फोन कर दिया था और जब वह लोग हमारे घर पर आए तो उस दिन हम लोगों ने उनकी मेहमान नवाजी में कोई भी कमी नहीं रखी और वह लोग भी बड़े खुश हुए।
पहली बार हीं हम लोगों ने उन्हें घर पर खाने के लिए इनवाइट किया था रजत के पिताजी बहुत ही अच्छे हैं और वह एक समझदार व्यक्ति भी हैं वह मुझे कहने लगे कि बेटा तुम्हारे माता-पिता तुम्हारे साथ नहीं है।
मैंने उन्हें बताया पहले वह लोग हमारे साथ रहा करते थे परंतु कुछ समय पहले ही भैया ने उन्हें अपने पास बुला लिया। मैंने उन्हें बताया कि मेरे भैया विदेश में रहते हैं और मेरे माता-पिता उन्ही लोगों के साथ रहते हैं मैं और मेरी पत्नी ही अब यहां पर रहते हैं।
वह लोग हमारे घर से जा चुके थे कावेरी और मैं अभी तक सोए नहीं थे हम दोनों काफी देर तक एक दूसरे से बात करते रहे फिर हम दोनों सो गए। अगले दिन मुझे अपने ऑफिस जाना था मैं सुबह जल्दी उठ गया था और अपने ऑफिस के लिए तैयार होकर मैं अपने ऑफिस के लिए निकल चुका था दोपहर के वक्त कावेरी का मुझे फोन आया और वह कहने लगी कि मैं सुहानी के साथ घूमने के लिए जा रही हूं।
मैंने उसे कहा कि तुम अभी कहां जा रही हो तो वह कहने लगी कि हम लोग कुछ सामान लेने के लिए जा रहे हैं मैंने कावेरी को कहा ठीक है। मैंने फोन रख दिया था और शाम के वक्त जब मैं घर लौटा तो उस वक्त कावेरी लौटी नहीं थी मैंने कावेरी को फोन किया और कहा कि तुम अभी तक घर नहीं लौटी हो।
वह कहने लगी रमेश बस थोड़ी देर बाद मैं घर लौट आऊंगी रास्ते में बहुत ज्यादा ट्रैफिक हो रहा है। कावेरी ने फोन रख दिया क्योंकि कुछ सुनाई नहीं दे रहा था शायद इसी वजह से उसने फोन रख दिया करीब एक घंटे बाद वह घर आई और उसने मुझे बताया कि रास्ते में कितना ज्यादा ट्रैफिक था।
मैंने उसे कहा चलो कोई बात नहीं मैंने कावेरी को कहा क्या तुमने शॉपिंग कर ली तो वह मुझे कहने लगी कि हां मैंने तो शॉपिंग कर ली। मैंने कावेरी को कहा कि कुछ दिनों के लिए पापा मम्मी आने वाले हैं तो कावेरी कहने लगी कि वह लोग कब आ रहे हैं। मैंने कावेरी को बताया कि पापा और मम्मी अगले हफ्ते यहां आ जाएंगे कावेरी ने कहा मुझे तो इस बारे में किसी ने भी कुछ नहीं बताया मैंने कावेरी को कहा आज ही मुझे भैया का फोन आया था।
कुछ दिनों बाद मेरे पापा मम्मी भी हमारे पास रहने के लिए आ गए और जब वह लोग घर पर आए तो उस दौरान मैंने रजत के पिताजी से उन लोगों की मुलाकात करवाई।
मेरे पिताजी और उसके पिताजी के बीच बहुत जमने लगी वह लोग ज्यादा समय तक तो घर पर नहीं रहे लेकिन रजत के पिताजी को भी मेरे पिताजी का साथ मिल चुका था और वह लोग एक दूसरे से अपनी बातें किया करते। अब मेरे पिताजी का मैंने फ्लाइट का टिकट करवा दिया था वह लोग अब इंग्लैंड जाने की तैयारी में थे और कुछ ही दिन बाद वह लोग इंग्लैंड चले गए।
मैं और कावेरी घर पर अकेले ही थे कावेरी मुझे कहने लगी कि रमेश पापा मम्मी के चले जाने से घर में कितना अकेलापन सा महसूस हो रहा है। मैंने उसे कहा हां पापा मम्मी की याद तो मुझे भी बहुत आ रही है और वह लोग अब भैया के साथ ही रहते हैं तो इसमें हम भी कुछ नहीं कह सकते।
मेरे पापा और मम्मी कभी कबार हम लोगों से मिलने के लिए आ जाया करते थे हम दोनों बात कर ही रहे थे कि तभी डोर बेल बजी, मैंने जब दरवाजा खोला तो मैंने देखा सुहानी दरवाजे पर खड़ी है।
सुहानी ने मुझे कहा की क्या कावेरी घर पर हैं तो मैंने सुहानी को कहा हां कावेरी घर पर ही है और सुहानी अब घर के अंदर आ चुकी थी कावेरी और सुहानी आपस में बात कर रहे थे।
मैंने कावेरी को कहा तुम लोग बात करो मैं अभी नहा लेता हूं मैं नहाने के लिए बाथरूम में चला गया और जब मैं नहा कर बाहर आया तो मैंने देखा मेरे फोन में भैया का फोन आ रहा था। मैंने भैया का फोन उठाया और भैया से काफी देर तक मैंने बात की भैया से मेरी बात बहुत देर तक होती रही और उन्होंने कहा कि पापा और मम्मी भी इंग्लैंड पहुंच चुके हैं।
मैंने भैया से कहा भैया अगली बार आप भी पापा और मम्मी के साथ जरूर आइएगा तो भैया कहने लगे हां रमेश मैं जरूर पापा मम्मी के साथ आऊंगा। कवेरी और सुहानी साथ में ही बैठे हुए थे शायद कावेरी ने मुझे नहीं देखा और सुहानी ने भी नहीं देखा वह लोग एक दूसरे से बात कर रहे थे।
जब वह लोग आपस में बात कर रहे थे तो मैं जैसे ही बाहर गया तो मैंने देखा टेबल पर पैंटी और ब्रा पड़ी हुई हैं जैसे ही सुहानी ने मुझे देखा तो उसने छुपाने की कोशिश की लेकिन मैंने वह सब देख लिया था मैं उन लोगों के साथ बैठा हुआ था और उनसे बात करने लगा। मेरी नजर सुहानी पर ही पड रही थी और सुहानी को देखते ही मेरा लंड खड़ा हो रहा था
मैं सुहाने के स्तनों की तरफ देख रहा था उसके स्तन उसकी सूट से बाहर की तरफ आ रहे थे मैं चाहता था कि उसके स्तनों को अपने मुंह में ले लू। मेरे अंदर सुहानी को लेकर एक अलग ही भावना जाग चुकी थी मैं चाहता था कि सुहानी के साथ में सेक्स का आनंद लूं शायद मुझे जल्द ही मौका मिलने वाला था। कावेरी कुछ दिनों के लिए अपने मायके गई हुई थी और सुहानी घर पर आई मैंने सुहानी को बैठने के लिए कहा, वह सोफे पर बैठी हुई थी।
वह जब बैठी हुई थी तो मैं उससे बात कर रहा था मैं सुहानी की तरफ देख रहा था और सुहानी मेरी तरफ देख रही थी। मैंने उसे अपनी बातों से इतना प्रभावित कर दिया कि वह मेरी गोद में आकर बैठी।
जब वह बैठी तो मेरा लंड एकदम से खड़ा होने लगा मेरा लंड तन कर खड़ा हो चुका था और सुहानी मुझे कहने लगी मुझे आपके लंड को अपने मुंह में लेना है मैंने जैसे ही सुहानी के सामने अपने लंड को किया तो उसने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर तक ले लिया और जब उसने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर बाहर करना शुरू किया तो मुझे मजा आने लगा।
वह मेरे लंड का रसपान बड़े अच्छे से कर रही थी मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए और सुहानी से कहा कि चलो बेडरूम में चलते हैं हम दोनों बेडरूम में चले गए और सुहानी ने भी अपने कपड़े उतार दिए।
सुहानी ने जब अपने कपड़े उतारे तो मेरा लंड एकदम से तन कर खड़ा हो चुका था मैं सुहानी के स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूस रहा था उसके स्तनों पर मैंने अपने प्यार की निशानी भी छोड़ दी थी और जिस प्रकार से मैंने उसके स्तनों का जमकर रसपान किया वह बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई।
सुहानी मुझे कहने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा है मैंने सुहानी के साथ जमकर मजा लिया और उसकी चूत को मैंने चाटा तो वह इतनी ज्यादा उत्तेजित हो गई थी कि वह अपने आपको बिल्कुल भी नहीं रोक पा रही थी।
मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर लगाया तो उसकी चूत से निकलता हुआ पानी कुछ ज्यादा बढ़ चुका था मैंने उसकी चूत के अंदर अपने लंड को धीरे धीरे करना शुरू किया और मेरा लंड सुहानी की चूत के अंदर प्रवेश हो चुका था। उसकी चूत के अंदर तक मेरा लंड जाते ही वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा है मैं उसे लगातार तेजी से धक्के मार रहा था।
उसकी चूत के अंदर बाहर जब मेरा लंड हो रहा था तो वह मुझे कहने लगी तुम ऐसे ही मुझे चोदते रहो मैं उसे ऐसे ही धक्के मार रहा था और मुझे उसे चोदने में बहुत मजा आ रहा था थोड़ी देर बाद मैंने उसे डॉगी स्टाइल में बनाते हुए उसकी चूत के अंदर लंड डाला तो वह चिल्ला उठी और कहने लगी तुम्हारा लंड कितना मोटा है।
मैंने उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को करना शुरू कर दिया था मेरा लंड उसकी चूत के अंदर बाहर आसानी से हो रहा था लेकिन मेरा लंड वीर्य बाहर को छोड़ने को तैयार था। सुहानी की चूत भी मुझे बहुत टाइट महसूस हो रही थी
उसकी चूत के अंदर जैसे ही मैंने अपने गरमा गरम वीर्य को गिराया तो वह कहने लगी आज तो तुमने मेरी गर्मी को बुझा दिया है और मुझे बड़ा ही मजा आया जिस प्रकार से तुमने आज मेरी गर्मी को बुझा दिया।