मेरा लंड उसकी चूत में

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हे आई ऍम अर्श 22 साल का हूँ, मेरी गर्लफ्रेंड का नाम अंशु है वो बहुत खुबसूरत है, बॉडी साइज़ एक दम परफेक्ट शेप में हे, वो मेरे से कुछ दुरी पे ही रहती है.

उसके घर पे वो और उसके पेरेंट्स रहते है हमलोग अक्सर चुदाई करते थे कभी उसके घर कभी होटल में,कभी कभी किसी इन्टरनेट कैफ़े में जा कर चूमा छाती भी केर लेते थे, एक बार हम लोगो ने कही घुमने का प्लान बनाया, हम लोग आगरा गये, वहा होटल में रूम लिया फिर हम लोग घुमने चले गये.

शाम को वापस आये और जैसे ही गेट लॉक कियाहुम लोग किस कार्नर लगे और पता भी नही चला कब हूँ लोग उन्ड्रेस हो गये किस करते करते मैंने उसके बॉडी पार्ट को चूमा.उसके बूब्स को धीरे धीरे मैंने चूसा और फिर चूत में आ गया,और बहुत देर तक उसकी चूत छाती,वो एक बार झड चुकी थी, मैंने उस से इशारो में पुचा के डालू तो उस ने भी कहा की दल दो,

मैंने अपना लंड के ऊपर थोडा सा थूक लगाया और उसकी चूत तो पहले ही गीली हो रही थी, मैंने अपने लंड का टोपा उसकी चूत पे सेट किया और हल्का सा ढाका मारा तो मेरा लंड फिसल गया, फिर उस ने अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ा और धका मरने को बोला, मेरे लंड का टोपा उसके चूत में घुस गया और वो सिहर गयी. में उसे किस करने लगा और उसके सिर को सहलाने लगा.

फिर मैंने धीरे धीरे लंड को अन्दर सरकने लगा, मेरे हर धाके के साथ वो आह आह के रही थी, थोड़ी देर बाद वो मेरे ऊपर आ गयी और बहुत मज़े मरने लगी, और आअह्ह्ह्ह आआअह्ह्ह्ह करने लगी और हम दोनो चोदते चोदते ही सो गये. रात में फिर मेरी आंख खुली तो मैंने देखा वो बेखबर सोयी हुयी थी फिर उसका फिगर देख कर मेरा लंड में तनाव आना शुरू हो गया,

मैंने उसे किस करना शुरू क्र दिया, तो वो भी जग गयी और मेरा साथ देने लगी, जल्दी ही हम दोनो सेक्स के लिए पूरी तरह से तयार हो गये. मैंने अपना लंड उसके चूत पे रखा और धका मारा अध लंड सरसराता हुआ उस चूत में घुस गया और वो सिसक गयी,और धीरे धीरे करो कहने लगी,

फिर मैंने उसे कुते के स्टाइल में आने को कहा तो वो फटाफट अपने हाथ बेड पर रख के अपनी गांड को उठा लिया, मैंने धीरे से अपना लंड उसकी चूत में सर्कस दिया पहले लगा हम लोग फिर एक बार चरम पर पहुच गये और नींद में खो गये.

सुबह में मुझे लगा जैसे कोई मेरे लंड से खेल रहा है मैंने आंख खोल के देखा के मेरी गर्ल फ्रेंड मेरे सोये हुए लंड को सहला रही है, कुछ देर में मेरा लंड पूरी औकात में आ गया, फिर वो मुझे किस करने लगी और मेरे ऊपर आ गयी और मुह में जीभ डालने लगी, अब उस की चूत मेरे एंड से रगड़ खा के गीली हो रही हती, लेकिन मेरा इरादा उसकी गांड मरने का था.

मैंने उसे निचे लेता दिया और खीच के बेड पर लेता दिया फिर मैंने अपना लंड उसके चूत में घुसा दिया और धक्के मारते मारते लंड को चूत से खीचा और गांड में पेल दिया, उसकी छेख निकल गयी और एक दम से बोल पड़ी के ये कहा घुसा दिया में मर गयी, निकालो इसे लेकिन मुझे तो मजा आ रहा था गांड मरने में तो मैएँ उसके चीखो पे ध्यान ही नहीं दिया, और धके पे धके मरते रहा और वो करह रही थी उसके गांड बहुत टाइट थी, मेरा लंड फास फास की जा रहा था, उसी चेखो में अब कमी आ गयी थी और वो अब गांड मरने का मज़ा ले रही थी.

फिर मैंने अपने लंड को निकाल के उसके बूब्स पे स्पर्म गिरा दिया, स्पर्म की कुछ बूंदे उसके मुह पे भी पड़ गयी, वो स्पर्म की बूंदों से और भी खुबसूरत दिख रही थी, वो उठ के बाथरूम जाने लगी तो उस से ढंग से चला नही जा रहा था, गांड फटने की वजह से चाल बिगड़ गयी थी.

फिर मैंने उसे पकड़ के बाथरूम ले गया, वो वह फ्रेश हुई फिर में भी फ्रेश हुआ, जब में बहार आया तो वो आईने के सामने खड़ी बाल बना रही थी बिलकुल नंगी.

वो बहुत खुबसूरत दिख रही थी, मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया और किस करने लगा, फिर हम दोनो ने थोडा आराम किया और घुमने गये, शाम को ताज महल से आने के बाद मैंने रस्ते में से कंडोम ले लिया, रूम में आ के खाने का आर्डर किया, खाना खाने के बाद फिर से चुदाई सुरु हो गयी, उसके हुस्न को देख कर मेरा लंड बार बार खड़ा हो जा रहा था. और हम जब तक वह रुके तब तक जम के चुदाई की.

हम दोनो जब भी सो कर उठते हम दोनो सिर्फ और सिर्फ सेक्स ही करते मेरा मनन ही नहीं मन रहा था उसके बूब्स को देखने के बाद लगता की कब उसे दबू और बस दबाता रहू.

मुझे ऐसा लग रहा था की मेरा लंड उसके चूत में से बहार ही न निकले बस उसे चोदता ही रहे हम दोनो थक जाते तो थोडा सो जाया करते थे ताकि और ताकत मिले तो और जम कर सेक्स का मजा लिया जा सके

जब मेरा लंड उसके चूत में घुसता था तो ऐसा लगता था की मनो में इस दुनिय में हु ही नहीं, उसको भी मेरा लंड लेने में बड़ा मजा आता था वो जब टाइम मिलता था मुझसे चुद्वाती थी .

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