मेरा नाम सुमित है और मेरी उम्र 40 वर्ष है। मेरा होजरी का कारोबार है।
मैं पंजाब के लुधियाना शहर का रहने वाला हूं और मुझे यह कारोबार करते हुए बहुत समय हो चुका है। मेरे घर में मेरी पत्नी और मेरे दो लड़के हैं।
जो कि अभी स्कूल में पढ़ रहे हैं और हमारे साथ में हमारे माता-पिता भी रहते हैं। यह कारोबार मेरे पिताजी नहीं शुरू किया था। अब उनकी उम्र हो चुकी है तो उन्होंने मुझे यह कारोबार संभालने के लिए दे दिया है।
मैंने भी इसके लिए बहुत मेहनत की और अब मेरे पास अन्य शहरों के बहुत सारे लोग आते हैं। मैं उनके हिसाब से उन्हें कपड़े दिखाता हू। वह मेरे यहां से ऑर्डर बुक करवाते है और मैं ट्रांसपोर्ट में उनका सामान भिजवा देता हूं।
होजरी का कारोबार करते हुए मुझे काफी वर्ष हो चुके हैं।
मैंने अपने स्कूल की पढ़ाई के तुरंत बाद ही अपने पिताजी के साथ उनके कारोबार में काम शुरू कर दिया था। शुरुआत में तो मुझे काम सीखने में काफी दिक्कत हुई लेकिन मैं बहुत जल्दी ही उनके साथ काम सीख गया था और अब एक सफल व्यापारी हूं।
जब से मैंने काम को पूरी तरीके से संभाला है उसके बाद तो मैंने बहुत ही ज्यादा मेहनत की। क्योंकि मार्केट में बहुत ज्यादा कंपटीशन था और सब लोग सस्ते दामों पर कपड़े देते हैं। इसलिए मुझे अपने पुराने कस्टमर को एक अच्छा और सस्ता सामान देना था। मैं उनके मुताबिक ही सामान बनाता हूं।
ताकि उन्हें उसका मुनाफा ज्यादा हो और वह अच्छे पैसे उसमें कमा पाए। इस वजह से मेरे साथ में वह लोग जुड़े हुए हैं। मेरे जितने भी दोस्त हैं वह सब भी अपने कामों में अच्छे से लगे हुए हैं।
हम लोग महीने में एक बार मिलते हैं और सारे पुराने दोस्त मिलकर अपने काम के बारे में बात करते हैं। यदि किसी को कभी कुछ पैसे के संबंध में आवश्यकता होती है तो उसे हम पैसे भी दिलवा देते हैं।
इस वजह से हमारी मुलाकात भी हो जाती है और हम सब मिल भी लेते हैं। मेरी पत्नी घर का ही काम संभालती है और वह ज्यादातर बाहर जाना पसंद नहीं करती।
इस वजह से हम लोग सिर्फ साल में एक बार घूमने ही जाया करते हैं और मेरे बच्चे स्कूल भी पढ़ रहे हैं। तो समय निकालना थोड़ा मुश्किल हो जाता है।
मेरा एक दोस्त है उसका नाम राजेंद्र है। उसका इलेक्ट्रॉनिक आइटम का काम है। वह भी शुरुआत से इलेक्ट्रॉनिक्स का काम करता रहता है। एक दिन वह मुझे मिला और कहने लगा तुम्हारा कारोबार कैसा चल रहा है।
मैंने उसे बताया कि मेरा कारोबार बहुत ही अच्छा चल रहा है और अब मेरे कुछ नये कस्टमर भी बन गए हैं।
जोकि मेरा सामान ले जाते हैं। जिससे मुझे काफी अच्छा मुनाफा होता है और वह भी बहुत अच्छा मुनाफा कमा लेते हैं। मैंने भी उसके बारे में पूछा तुम्हारा काम कैसा चल रहा है।
वह कहने लगा मेरा काम भी बहुत अच्छा चल रहा है। ऐसी बातों बातों में मैंने उससे पूछ लिया कि तुम्हारी लड़की आजकल क्या कर रही है।
वह कहने लगा कि उसका भी कॉलेज कंप्लीट हो चुका है। मैंने उसे कहा यह तो बहुत ही अच्छी बात है। अब वह मुझसे कहने लगा कि मैं फिलहाल उसके लिए कहीं जॉब देख रहा हूं। जहां पर वह काम कर सकेगी और आगे भी कुछ काम को संभाल पाए। उसे भी होजरी के काम का बहुत ही इंटरेस्ट है।
इसलिए वह चाहती है कि वह तुम्हारे साथ काम सीखे और आगे अपना कुछ काम शुरू कर पाए। यह बात सुनते ही मैंने उसे कहा कि तुम उसे मेरे पास भेज देना। मैं उसे काम सिखा दूंगा।
तुम उसकी बिल्कुल चिंता मत करो। अब हम लोग ऐसे ही काफी देर तक बातचीत करते रहे और उसके बाद वह अपने काम पर चला गया। मैं भी अपना काम देखने लगा। उसकी लड़की ने मुझे फोन किया और कहने लगी कि मेरे पिताजी ने आप से बात की होगी। मैंने उसे कहा तुम मेरे ऑफिस में आ जाना।
वह मुझसे मिलने मेरे ऑफिस में आ गई। जब वह मेरे ऑफिस में आई तो मैंने उसे पूछा तुम्हारा इंटरेस्ट किसमे है। वह कहने लगी कि मैं होजरी का काम सीखना चाहती हूं।
ताकि मैं अपना ही कुछ कारोबार शुरू कर पाऊं। मैंने उसे कहा ठीक है। तुम कल से आ जाना। मैं तुम्हें काम सिखा दूंगा और कच्चा माल कहां से आता है, वह सब तुम्हें बता दूंगा। आज तो वह चली गईं। अब वह दूसरे दिन मेरे ऑफिस में आई।
मैं पहले उसे अपनी फैक्ट्री में ले गया और सब कुछ दिखाया। जब उसने मशीनें देखी तो वो कहने लगी कि इतनी बड़ी-बड़ी मशीनें होती है। मैंने उसे कहा की यहां पर ऐसे ही मशीनें होती है।
इन सब से हम अपना सामान तैयार करते हैं। उस लड़की का नाम रंजना था। अब वह मेरे ऑफिस में ही काम संभालने लगी और जितने भी कस्टमर आते तो वह उनको मिलती और हमारे सामान की जानकारी देती।
अब धीरे-धीरे वह भी काम सीखने लगी और मुझे उसने कहा कि अब मैं अपना काम शुरू करना चाहती हूं। मैंने उसके काम शुरू करने में उसकी बहुत ही मदद की। मैंने उसे सब मशीनें दिलवाई और उसके बाद उसका सारा सेट अप करवा कर उसका काम शुरू करवा दिया। राजेंद्र भी इस बात से बहुत ज्यादा खुश था।
शुरुआत में तो उसे थोड़ा दिक्कत हुई लेकिन धीरे-धीरे उसका काम भी अच्छे से चलने लगा। उसे जब भी कोई परेशानी होती तो वह मेरे पास मेरे ऑफिस में आकर मुझसे पूछ लेती। या फिर मुझे फोन कर दिया करती थी।
एक दिन रंजना मेरे पास आई और कहने लगी कि मुझे कोई नया सैंपल आप दिखा दीजिए। मैं उसे अपने गोडाउन में लेकर गया। जैसे ही मैं उसे गोडाउन में ले गया तो उसका पैर फिसला और वह मेरे ऊपर गिर पड़ी।
जैसे ही वह मेरे ऊपर गिरी तो उसके छोटे छोटे स्तन मेरे मुंह पर लग गए और मैंने उसे कसकर पकड़ लिया। जब मैंने उसे पकड़ा तो उसकी गांड मेरे हाथ में आ गई और मैं उसकी गांड को दबाने लगा।
जब मैंने उसकी नरम गांड को दबाया तो उसके मुंह से बड़ी तेज आवाज निकली और वह चिल्लाने लगी। मैं उसकी गांड को ऐसे ही दबाया जा रहा था मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था जब मैं उसकी गांड को दबाता।
मैंने उसके कपड़े उतारते हुए उसके स्तनों को अपने मुंह में ले लिया। मैंने थोड़ी देर उसके होठों को भी अपने होठों में लेकर रखा और उसके होठों का रसपान करता रहा। मुझे बहुत ही अच्छा लगता जब मैं उसको होठों का रसपान कर रहा था मुझे ऐसा लगता जैसे कि मेरे अंदर से एक गर्मी निकल रही है।
मैंने अब उसे अपने नीचे लेटाते हुए उसके पूरे बदन को चाटना शुरु कर दिया। मैंने उसके बदन को इतना अच्छे से चाटा कि उसकी कमसिन जवानी बाहर आने लगी और वह सिसकियां लेने लगी।
जैसे ही वह सिसकियां लेती तो मेरा बदन भी मचल जाता और मैंने उसकी चूत के अंदर अपनी जीभ डाल दी। उसकी चूत गीली हो गई और मैंने तुरंत ही अपने लंड को निकालते हुए उसकी चूत के अंदर जैसे ही धक्का मारा तो उसकी चूत से खून की पिचकारी मेरे लंड पर लग गई।
जब उसकी खून की पिचकारी मेरे लंड पर लगी तो मैंने उसे बड़ी तीव्र गति से चोदना शुरू कर दिया। मैं उसे इतनी तेज तेज चोद रहा था कि उसके गले से आवाज आ रही थी और वहां बड़ी तेज चिल्लाय जा रही थी। उसने भी अब मेरी छाती को चाटना शुरु कर दिया और वह बड़े प्यार से मेरी छाती को चाट रही थी।
मेरी छाती के बाल उसके मुंह के अंदर जाते तो मेरी उत्तेजना और चरम सीमा पर पहुंच जाती। मैंने उसके दोनों पैरों को कसकर पकड़ा और ऐसे ही धक्के मारने लगा।
मैं इतनी तीव्र गति से उसे चोद रहा था कि उसके गले से जो आवाज निकलती वह मुझे अपनी ओर खींच लेती। मैंने उसे ऐसे में ही उल्टा लेटा दिया और अब उसकी योनि से खून निकल रहा था। मैंने जैसे ही उसकी टाइट चूत मे अपने लंड को डाला तो वह बड़ी तेज आवाज में चिल्लाने लगी।
मैं उसके चूतड़ों पर बड़ी तेज तेज धक्के मारता जाता। जिससे उसकी चूतडे पूरी लाल हो चुकी थी और मेरा लंड भी छिल चुका था लेकिन मुझे बहुत ही मजा आ रहा था।
उसकी कमसिन जवानी को मैंने सफल बना दिया वह इतनी तेज आवाज में चिल्लाने लगी कि मुझसे भी उसकी आवाज बर्दाश्त नहीं हो रही थी और मैं उसके बदन को चाटते हुए उसे झटके दिए जा रहा था। मैंने इतनी तेज उसे धक्के देना शुरु किया कि उसक चूत मे मेरा वीर्य जाकर गिर गया।
मैं उसके ऊपर काफी देर तक ऐसा ही लेटा रहा। अब हम दोनों वहां से उठे और मैंने उसे वह सैंपल दिया। उसके बाद से वह मेरा लंड अपनी चूत मे लेने कई बार मेरे ऑफिस में भी आ जाती है।
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