मैं रविवार के दिन घर पर ही था उस दिन मेरे ऑफिस की छुट्टी थी मैं घर पर आराम से अपने माता पिता के साथ बात कर रहा था हमारा घर काफी बड़ा है क्योंकि हम लोगों की पुश्तैनी जमीन थी
और मेरे दादा ने उस पर काफी बड़ा घर बनाया था। तभी हमारे गेट की घंटी बजी और जब मैं बाहर गया तो मैंने देखा कोई व्यक्ति बाहर खड़े हैं
मुझे उस वक्त आभास नहीं हुआ कि उन्होंने शराब पी रखी है लेकिन वह बार-बार हमारे घर की घंटी बजा रहे थे
मैं जैसे ही बाहर गया तो मैंने उनसे पूछा हां भाई साहब आपको किससे मिलना है तो वह कहने लगे मुझे तो रमेश से मिलना है मैंने उन्हें कहा हां कहिए मैं ही रमेश हूं बताइये आपको मुझसे कोई काम है तो,
वह कहने लगे हां मुझे आपसे काम था वह कहने लगे मैंने अपने घर का सामान आप से मंगवाया था लेकिन आपने अभी तक हमारे घर का सामान नहीं पहुंचाया है मैंने उन्हें कहा कि आपने मुझसे कौन सा सामान मंगवाया तो वह कहने लगे मेरी आपसे फोन पर बात हुई थी मैंने उनसे कहा मेरी आपसे कोई फोन पर बात नहीं हुई थी।
मुझे जब पूरा माजरा समझ में आया तो मुझे मालूम पड़ा यह तो किसी और ही रमेश की बात कर रहे हैं और उनके घर में पेंटिंग का काम होना था, उन्हें कोई गलतफहमी हो गई इसलिए वह मेरे पास आ गए लेकिन उन्हें तो किसी और ही रमेश के पास जाना था और जब मैंने उन्हें कहा सर आप गलत घर में आ गए हैं
तो वह मुझ से माफी मांगने लगे हालांकि वह नशे में जरूर थे लेकिन उन्होंने बड़े आराम से बात की और बड़ी ही सही तरीके से बात कर रहे थे उसके बाद वह वहां से चले गए जैसे मैं घर के अंदर गया तो मुझे मेरी मम्मी पूछने लगी बेटा कौन था मैंने मम्मी से कहा कि कोई व्यक्ति आए थे और उन्होंने शराब भी पी ली थी
वह किसी और ही रमेश को ढूंढ रहे थे लेकिन शायद उन्हें किसी ने हमारे घर का पता गलत बता दिया इसलिए वह हमारे घर पर आ गए, मेरी मम्मी कहने लगी चलो कोई बात नहीं आज हम लोग मार्केट से सामान ले आते हैं मैंने मम्मी से कहा ठीक है मम्मी हम लोग चलते हैं।
हम लोग हमारे घर के पास के ही मार्केट में चले गए वहां पर काफी बड़ा मार्केट लगता है और हम लोग जब वहां पर गए तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था
इतने समय बाद अपनी मम्मी और अपने परिवार के साथ में आना बहुत ही अच्छा था और जब हम लोग वहां सामान ले रहे थे तो मैंने देखा वही व्यक्ति अपने परिवार के साथ वहां पर थे मैंने अपनी मम्मी से कहा यह वही व्यक्ति हैं
जिनके बारे में मैं आपको सुबह बता रहा था और जैसे ही वह मेरे पास से गुजरे तो उन्होंने मुझे आवाज देते हुए कहा अरे भाई साहब मैं आपको सॉरी कहना चाहता हूं सुबह गलती से आपके घर पर आ गया था,
मैंने उन्हें कहा कि आपने मुझे पहचान लिया तो वह कहने लगे अरे मैं आपको कैसे भूल सकता हूं सुबह के वक्त ही मैंने आपसे बात की थी मैंने उन्हें कहा लेकिन सुबह तो आपने थोड़ी बहुत ड्रिंक की हुई थी वह कहने लगे वह तो मेरी आदत है मैं हर रोज शराब पीता हूं। मैंने उन्हें कहा लेकिन यह सेहत के लिए अच्छा नहीं है
तो वह कहने लगे अब सेहत के बारे में सोचेंगे तो शायद कभी भी शराब नहीं पी पाएंगे और वह बड़ी जोर से मुस्कुराने लगे तभी पीछे से उनकी पत्नी भी चली आई और उन्होंने मुझे कहा अरे भाई साहब इनकी तो आदत ही ऐसी है यह हमेशा ही हर किसी के साथ ऐसे ही मजाक करते रहते हैं मैंने उन्हें कहा कोई बात नहीं बहन जी।
जब मैंने उन्हें पूरी बात बताई तो वह कहने आज सुबह यह आपके घर पर आ गए थे इन्होंने मुझे यह बात बताई थी, उनका नाम कमलेश है और उनकी पत्नी का नाम सुलोचना है
जब उन्हें ये बात मैंने बताई तो वह जोर से खिल खिला कर हंसने लगे मुझे भी बहुत हंसी आ गई थी और उसके बाद तो वह मुझे कहने लगे अरे भाई साहब आप कभी हमारे घर पर आइयेगा।
उसके बाद वह लोग चले गए उन्होंने मुझे अपने घर का पता दे दिया था और मैं अपनी मम्मी के साथ घर वापस चला आया मेरी मम्मी ने ढेर सारा सामान ले लिया था और उस दिन वहां से हम लोग पैदल ही घर आए
मैं वह सामान जब घर पर लाया तो मैंने मम्मी से कहा ना जाने तुम भी क्या-क्या उठा लेती हो,
तो मम्मी कहने लगी बेटा घर का सामान इतना ज्यादा होता है कि कुछ पता ही नहीं चलता और ना चाहते हुए भी बहुत सारी खरीदारी हो ही जाती है।
मैं हर दिन की तरह अपने ऑफिस जाने लगा मेरी जिंदगी में कुछ नया नहीं था और ना ही ऐसा कुछ हो रहा था
जिससे कि मुझे लगे मेरे जीवन में कुछ नया घटित हो रहा है इसलिए मैंने अपने ऑफिस के दोस्तों के साथ घूमने का प्लान बनाया और उसके बाद हम लोग घूमने के लिए मनाली की सर्द वादियों में चले गए और काफी दिनों तक हम लोग मनाली में रुके, मनाली में हम लोगों ने खूब जमकर एंजॉय किया
मैं बहुत ज्यादा खुश था और काफी समय बाद इतना रिलैक्स हो पाया था क्योंकि ऑफिस के काम का प्रेशर इतना ज्यादा होता है कि कभी पता ही नहीं चल पाता। जब मैं अपने घर वापस लौट आया तो मेरी मम्मी और पापा मुझसे पूछने लगे तुम्हारा टूर कैसा रहा तो मैंने उन्हें बताया टूर तो बड़ा ही मजेदार था
और बहुत इंजॉय किया मेरे पापा कहने लगे बेटा जब हम भी तुम्हारी उम्र के थे तो हम लोग भी खूब घूमने जाया करते थे लेकिन अब हमारी उम्र भी हो चुकी है, मैंने पापा से कहा पापा कोई बात नहीं आपका
जब भी मन हो तो आप मुझे बता देना हम लोग इस बार साथ हीं घूमने जाएंगे पापा कहने लगे अरे बेटा अब कहां जाने का मन करता है तुम्हारी मम्मी हमें कहीं जाने ही नहीं देती, मम्मी जोर-जोर से हंसने लगी वह कहने लगी तुम दोनों बाप-बेटे मिलकर मेरी चुगली कर रहे हो।
पापा भी उस दिन बड़े मजाक के मूड में थे और उस दिन वह काफी खुश थे मुझे भी बहुत हंसी आ रही थी। एक दिन मैं अपने ऑफिस जा रहा था तभी रास्ते में मुझे कमलेश जी दिखाई दिए कमलेश जी मुझे कहने लगे अरे रमेश भैया कैसे हो मैंने उन्हें कहा मैं तो ठीक हूं लेकिन आप इस वक्त कहां जा रहे हैं मैं जब उनसे बात कर रहा था
तो उनके मुंह से शराब की स्मेल आ रही थी मैं समझ गया कि आज भी उन्होंने सुबह ही ड्रिंक कर ली है लेकिन वह बात बड़ी अच्छी तरीके से कर रहे थे उन्होंने मुझे कहा आज आप कहां जा रहे हैं तो मैंने उन्हें बताया मैं अपने ऑफिस जा रहा हूं वह मुझे कहने लगे आप मेरे साथ मेरे घर पर चलिए मैंने उन्हें कहा लेकिन मुझे आज ऑफिस जाना है।
वह जबरदस्ती मुझे अपने साथ लेकर चले गए मुझे लगा आज तो मेरा दिन ही खराब हो गया ना जाने किस घड़ी आज मैं सुबह सुबह कमलेश जी से मिल गया परंतु मैं उनके घर पर गया तो मैंने वहां देखा उनके घर में बहुत चहल पहल थी और उनके घर में उनके रिश्तेदार भी आए हुए थे, मैंने उन्हें कहा आज आपके घर में भीड़ बहुत है तो वह कहने लगे आप कुछ देर रुकिए तो सही।
मुझे नहीं मालूम था कि उनके बेटे का जन्मदिन है और उसी के लिए उनके रिश्तेदार आए हुए थे वह मुझे कहने लगे कि आज आपको शाम तक हमारे घर पर रुकना पड़ेगा मैंने उन्हें कहा लेकिन
मैं आपके घर पर नहीं रुक पाऊंगा उन्होंने मुझे अपने पास ही रोक लिया, शाम को हम लोगों ने उनके बच्चे का जन्म दिन का केक काटा उसके बाद मैं घर चला गया, लेकिन उससे मेरा पूरा दिन खराब हो चुका था
मैं घर चला आया था परंतु उसके बाद भी वह मुझे मिलते तो वह मुझे अपने घर लेकर चले जाते। एक दिन मैं खुद ही उनके घर चला गया उस दिन कमलेश जी घर पर नहीं थे उनकी पत्नी सुलोचना घर पर थी।
वह मुझे कहने लगी आओ रमेश बैठो मैं उनके घर के सोफे पर बैठा हुआ था और मेरी नजर उनके स्तनों पर पड़ रही थी। उन्होंने ढिली सी ड्रेस पहनी हुई थी जिसमें उनके स्तन बाहर की तरफ लटक रहे थे उनके स्तन देखकर मेरा मन पूरी तरीके से फिसल गया। मैंने उन्हें कहा आपका शरीर तो बहुत गोरा है वह मुझे कहने लगी
अरे कहां मेरा शरीर गोरा है। मैंने उन्हें कहा आप जरा अपने नीचे नजर मारिए उन्होंने अपने स्तनों की तरफ देखा तो वह मुस्कुराने लगी, वैसे भी कमलेश के साथ उनकी सेक्स को लेकर शायद वह बात नहीं थी
इसलिए वह मेरे पास आकर बैठ गई। जब वह मेरी गोद में बैठी तो मैने उनके स्तनों को दबाना शुरू किया वह पूरी तरीके से गरम होने लगी उनकी चूतडे मेरे लंड से टकराने लगी।
हम दोनों के शरीर से गर्मी पैदा होने लगी, मैंने जब उनके बड़े और भारी भरकम स्तनों को बाहर निकाल कर अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू किया तो उन्हें बहुत अच्छा लगने लगा वह मुझे कहने लगी मुझे आज मजा आ गया।
मैंने जिस प्रकार से उनके स्तनों का रसपान किया उन्हें बहुत अच्छा लग रहा था जब मैंने उन्हे पूरा नंगा करके उनकी चूत को चाटना शुरू किया तो उनकी चूत से पानी का बहाव हो रहा था
वह मुझे कहने लगी तुम ऐसे ही मेरी चूत को मारते रहो मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। मैंने काफी देर तक उनकी चूत का रसपान किया उन्हें बहुत मजा आ रहा था मैं बड़े अच्छे तरीके से उनकी चूत का रसपान कर रहा था हम दोनों बहुत खुश थे।
जब मैंने उनके दोनों पैरों को चौड़ा करते हुए उनकी योनि के अंदर अपने लंड को डाला तो मेरा लंड उनकी योनि के पूरे अंदर तक प्रवेश हो चुका था और उनके मुंह से चीख निकल पड़ी।
मैं अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा मैं बड़ी तेज गति से अपने लंड को अंदर बाहर करता तो मुझे मजा आ रहा था वह कहने लगी तुम ऐसे ही मुझे चोदते रहो।
वह अपने मुंह से बड़ी मादक आवाज में मुझे कहती तो मैं भी बड़ी तेजी से उन्हें धक्के देता मैने उन्हे अच्छे से चोदा। मैं अपने घर चला गया उसके बाद तो मेरे चक्कर उनके घर पर लगने लगे।
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