मेरा नाम सोहन है मैं स्कूल में अध्यापक हूं मेरे घर में मेरे माता-पिता और मेरा एक छोटा भाई है जिसका नाम माधव है माधव को पिताजी ने कभी किसी चीज की कमी नहीं होने दी और उसे एक अच्छे कॉलेज
में उन्होंने दाखिला दिलवाया। माधव बेंगलुरु के एक बहुत ही अच्छे कॉलेज में पढ़ाई करता था और वह अपने कॉलेज के दौरान काफी कम ही घर आया करता था लेकिन अब उसकी पढ़ाई पूरी हो चुकी थी तो वह घर आ गया।
हम लोग कानपुर के रहने वाले हैं लेकिन जब से माधव घर आया है तब से वह काफी बदला बदला सा नजर आता था। मैंने कई बार माधव से कहा कि माधव तुम अब पहले जैसे बिल्कुल भी नहीं हो तुम काफी बदल चुके हो माधव को ना जाने नशे की लत कैसे लगी अब वह नशे का आदी हो चुका था।
मुझे यह बात उस वक्त पता चली जब एक दिन माधव हमारे घर के बाहर पनवाड़ी के यहां पर सिगरेट पी रहा था मैं उस वक्त अपने स्कूल से लौट ही रहा था तभी मैंने देखा माधव सिगरेट पी रहा है।
माधव ने मुझे देखते ही सिगरेट को बुझाने की कोशिश की लेकिन मैंने उसे तब तक देख लिया था परंतु उस मुझे लगा कि शायद माधव सिगरेट तक ही सीमित होगा लेकिन मुझे क्या मालूम था कि वह तो नशे का भी आधी हो चुका है।
वह काफी ज्यादा नशा करता है जिससे कि वह पूरी तरीके से बर्बाद हो चुका था मैंने उसे एक दिन समझाने की कोशिश की तो वह मुझे कहने लगा भैया आप मुझे ना ही समझाये तो ठीक रहेगा।
मुझे उसकी यह बात बहुत बुरी लगी और उस दिन के बाद मैंने उससे बात नहीं कि माधव और मेरी अब कोई बात नही होती थी लेकिन मुझे उसकी इस बात का बहुत बुरा लगा।
मैंने माधव से कहा तुम मुझसे छोटे हो और तुम्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि मैं तुम्हारा बड़ा भाई हूं यदि तुम ऐसा करोगे तो मुझे नहीं लगता कि तुम कभी भी अपने किसी भी काम में ध्यान दे पाओगे।
माधव और मेरे बीच में कई बार इस बात को लेकर झगड़े भी होते थे यह बात मेरे पिताजी को नहीं मालूम थी लेकिन माधव तो हद पार करने लगा था। एक दिन उसने घर में रखे गहने बेच दिए उसके बाद वह काफी दिनों तक घर नहीं लौटा पापा और मम्मी इस बात से बहुत नाराज थे।
उन्होंने माधव को एक अच्छी शिक्षा दी और उसे उन्होंने कभी कोई कमी महसूस नहीं होने दी लेकिन पापा को अपनी गलती का एहसास हो चुका था कि उन्होंने माधव को शायद कभी अपना प्यार नहीं दिया।
जिससे कि वह अब गलत रास्ते पर चल चुका था लेकिन मैं माधव को बर्बाद होता हुआ नहीं देख सकता था मैं उसे किसी भी हाल में सुधारना चाहता था मैं चाहता था कि उसे उसकी गलती का एहसास हो।
उसके बाद तो उसने ना जाने घर से कितना सामान बेच दिया था और हर बार वह यही करता था पापा और मम्मी ने उसे अब पैसे देने भी बंद कर दिए थे। माधव पता नहीं कहां से पैसों का बंदोबस्त कर लिया करता था अब उसकी शरारत दिन ब दिन बढ़ती जा रही थी और वह हाथ से पूरी तरीके से निकल चुका था।
मैंने एक दिन माधव का पीछा किया तो मुझे उसके बारे में काफी कुछ चीजें पता चली मुझे मालूम पड़ा कि वह तो गलत संगत में है ही लेकिन वह किसी लड़की के चक्कर में भी पड़ा हुआ है। वह जो भी सामान घर से बेच देता है वह पैसे माधव उसी लड़की के ऊपर खर्च कर देता है हम लोग बहुत परेशान हो गए थे मैंने तो अब सोच लिया था कि मैं माधव को सुधार कर ही रहूंगा। एक दिन जब मैं उसी लड़की से मिला जिसे माधव मिला करता था
तो मैंने उसे कहा क्या मैं तुम से 10 मिनट बात कर सकता हूं उसने मुझे कहा हां क्यों नहीं। मैं उसे लेकर एक रेस्टोरेंट में चला गया मैंने उसे कहा मैं माधव का बड़ा भाई हूं तो उसने मुझसे कहा मेरा नाम मोना है
मैंने मोना से कहा देखो मोना माधव मेरा छोटा भाई है और अब वह पूरी तरीके से गलत रास्ते पर चल चुका है मैं तुमसे हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि तुम इसमें हमारी मदद करो। मोना मुझे कहने लगी देखिए सर इसमें मेरी कोई गलती नहीं है वह तो पहले से ही नशे का आदी है और मुझे नहीं मालूम था कि माधव इतना ज्यादा नशा करता है।
मोना कहने लगी कि फिर भी मैं उसे समझाने की कोशिश करूंगी मैंने मोना से कहा उसने घर से ना जाने क्या-क्या सामान बेचा है और कितनी बार तो वह घर से चोरी भी कर चुका है लेकिन अब भी वह सुधरने का नाम नहीं ले रहा।
हम लोग उससे बहुत ज्यादा परेशान हो चुके हैं और इसमें तुम ही हमारी मदद कर सकती हो मोना कहने लगी मैं पूरी कोशिश करूंगी कि माधव को मैं सही रास्ता दिखाऊं मैंने मोना से कहा तुम माधव से बात करना।
मोना ने माधव से बात की थी लेकिन शायद उसमें उसका भी स्वार्थ कहीं ना कहीं छुपा हुआ था मैंने मोना को एक दिन फोन किया मोना कहने लगी मैंने उसे समझाया था लेकिन वह कुछ समझने को तैयार ही नहीं है।
मैंने मोना से कहा तुम उससे दोबारा बात करना लेकिन मोना भी अपने स्वार्थ के आगे शायद उससे बात करना नहीं चाहती थी क्योंकि जो भी वह माधव से कहती थी माधव उसे पूरा किया करता था।
माधव उसकी हर एक जरूरत को पूरा करता था जिससे कि उसका भी स्वार्थ कहीं ना कहीं माधव से जुड़ा हुआ था इसलिए वह माधव को कुछ समझाना ही नहीं चाहती थी।
मैंने जब मोना के बारे में पता किया तो मुझे मालूम पड़ा कि मोना के पिताजी का देहांत काफी समय पहले हो चुका है और उसके घर की स्थिति भी कुछ ठीक नहीं है लेकिन वह उसके बावजूद भी अपने शौक को पूरा कर दिया करती है। माधव उसकी हर एक जरूरतों को पूरा करता है मुझे अब समझ आ चुका था कि मुझे क्या करना चाहिए मैंने एक दिन माधव के खिलाफ पुलिस में कंप्लेन करवा दिया।
जब वह एक दिन पुलिस स्टेशन में रहा तो तब उसे सब समझ आया कि उसने गलत किया है वह मुझे कहने लगा भैया मुझे यहां से छुड़ा लो मैंने उसे कहा मैं तुम्हें एक शर्त पर यहां से छूट पाऊंगा जब तुम अपनी इन आदतों से बाज आ जाओगे और तुम घर में अब किसी को भी परेशान नहीं करोगे।
माधव कहने लगा हां भैया मैं आज के बाद घर में किसी को भी परेशान नहीं करूंगा और ना ही घर में चोरी करूंगा। चोरी का इल्जाम माधव पर ही लगा था
इसलिए उसे पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया था लेकिन उसके बाद वह पुलिस स्टेशन से छूट गया। मैंने उसे समझाया तुम अब इन गलत हरकतों में ना ही पड़ो तो तुम्हारे लिए भी अच्छा होगा और हम लोगों के लिए भी अच्छा रहेगा तुम्हारी वजह से मेरे काम पर भी असर पड़ने लगा है।
कितने दिन तो मैं स्कूल से छुट्टी कर के आ चुका हूं पापा और मम्मी भी तुम्हारी वजह से बहुत ज्यादा परेशान रहने लगे हैं तुम्हें क्या यह चीजे समझ नहीं आती कि तुम्हारी वजह से कितने लोग परेशान हो रहे हैं।
माधव ने घर से चोरी करना तो बंद कर दिया था लेकिन वह अब भी मोना से बात किया करता था और मोना उसे हमेशा ही चोरी करने के लिए उकसाती रहती थी लेकिन वह अब यह सब चीजें करने से डरता था। उसे डर था कि कहीं दोबारा से उसे पुलिस ना पकड़ ले इसीलिए उसने अब मोना से बात करना भी बंद कर दिया था।
एक दिन मैंने मोना को फोन किया और उसे समझाया कि तुम हमेशा ही माधव को क्यों फोन करती रहती हो। मोना कहने लगी मैं उसे कभी फोन नहीं करती, मैंने सोचा कि मोना को भी अब उसकी असलियत दिखानी ही पड़ेगी।
मैंने मोना को समझाया लेकिन वह समझने का नाम ही नहीं ले रही थी इसलिए मैं उससे मिलने के लिए चला गया।
मैंने उसे कहा यदि तुम माधव को फोन करोगी तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा वह कहने लगी मैं माधव से प्यार करती हूं। मैंने उसे कहा तुम उससे प्यार व्यार नहीं करती तुम सिर्फ पैसों की भूखी हो तुम्हें कितने पैसे चाहिए।
मैंने उसे कहां मुझे तुम्हारे बारे में सब पता है तुम जैसी लड़कियां हमेशा दूसरे का घर ही बर्बाद करवाती है और तुम एक नंबर की कॉल गर्ल हो।
वह मुझे कहने लगी हां मैं कॉल गर्ल हूं तो मैंने उसे कहा तो फिर तुम मुझे भी मजे दो मैं तुम्हें पैसे दूंगा। मोना मेरी तरफ देखने लगी मैंने उसे कहा तुम मेरे लंड को सकिंग करो और मुझे पूरे मजे दो उसने मेरे लंड को बहुत अच्छे से सकिंग किया और मुझे उसने काफी देर तक मजे दिए मैं बहुत ज्यादा खुश था।
मैंने मोना से कहा क्या तुम मुझे अपनी गांड मारने दोगी वह कहने लगी नहीं मैंने आज तक किसी को भी अपनी गांड मारने नहीं दी है। मैंने उसे कहा मुझे तो तुम एक मौका दे ही सकती हो मैं तुम्हें उसके बदले अच्छे खासे पैसे दूंगा।
वह मुझे कहने लगा ठीक है मैं देखती हूं, मैंने पहले तो उसकी योनि के मजे लिए मैंने जैसे ही उसकी योनि के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवाया तो उसे मजा आता। मैं उसकी योनि के अंदर बाहर अपने लंड को कर रहा था और वह पूरी तरीके से जोश में आ जाती।
उसकी बडी चूतडो को मैंने कसकर पकड़ा हुआ था लेकिन मुझे तो उसकी गांड मारनी थी। मैंने उसकी गांड के अंदर अपने लंड को डाल दिया जैसे ही मेरा लंड उसकी गांड के अंदर घुसा तो वह चिल्लाने लगी।
मैं उसे तेज गति से धक्का देने लगा मुझे उसे धक्के देने में बड़ा मजा आता मैं काफी देर तक उसे धक्के मारता रहा लेकिन उसकी हालत खराब हो चुकी थी।
वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत दर्द हो रहा है मैंने उसे कहा बस कुछ देर की बात है फिर तुम्हे अच्छा लगने लगेगा। काफी देर तक तो वह दर्द से चिल्लाती रही
लेकिन उसके बाद जब उसकी गांड से कुछ ज्यादा ही गर्मी बाहर आने लगी तो उसे बहुत अच्छा लगने लगा और वह अपनी चूतडो को मुझसे मिलाने लगी उसे बड़ा मजा आ रहा था और मुझे भी बहुत अच्छा लगता।
वह मेरी तरफ अपनी चूतडो को करती और मैं बड़ी अच्छी तरीके से उसकी गांड के मजे लेता, काफी देर तक मैंने उसकी गांड के मजे लिए उसने माधव का साथ छोड़ दिया है और वह उसे बिल्कुल भी परेशान नहीं करती है।
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