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यार क्या गुनाह किया चुदाई करके

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मैं हरियाणा के एक छोटे से शहर से हूं।

मेरा नाम सोनू है और मेरे बगल पड़ोस में विक्की भैया की पत्नी काजल भाभी रहती है। काजल होगी दिखने में बहुत ही माल टाइप की है। हमारे शहर के सारे बच्चे जो भी नए-नए जवान हुए हैं।

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उनको ही ध्यान में रखकर मुठ मारा करते हैं। क्योंकि उनके जैसे सुंदर और छरहरी बदन की कोई भी भाभी हमारे शहर में नहीं है। मेरा बस इतना फायदा था कि वह हमारे घर के बिल्कुल बराबर के घर में रहती थी।

इसलिए वो अक्सर हमारे घर कुछ ना कुछ काम से आ ही जाती थी। इसी के चलते मैं कई बार छत से उनकी चड्डी चुरा ले आता था। उस पर मुठ मारकर वही रख देता था।

उनकी चड्डी की खुशबू भी मेरे लिए किसी सुखद एहसास से कम नहीं थी। इसी वजह से अब अपनी चड्डी को वह अपने बाथरुम में ही छुपाने लगी थी।

मैं तो इस बात से बहुत तड़पने लगा था क्योंकि आप मुझे उनका एहसास नहीं हो पा रहा था। मुझ से रहा नहीं जा रहा था। क्योंकि उन्होंने कई बार मुझे अपनी पेंटी ब्रा को चुराते हुए देख लिया था। तूने मुझ पर पूरा शक था।

इसी वजह से वह हो आप बहुत सतर्क रहने लगी थी। पर मैं भी एक नंबर का मादरचोद था। मैं कभी भी किसी तरह का मौका अपने हाथ से गवाता नहीं था। क्योंकि मैं काजल भाभी के बिना रह नहीं सकता था।

मेरे अंदर उनकी हर एक बात का नशा सा हो गया था। में दिन-रात छत पर उनका इंतजार करता रहता था। जब वह दिन में कभी छत पर अपने कपड़े सुखाने आती थी तो मैं उनके रस भरे कड़क स्तनों को देख ही लेता था।

जो 34 नंबर कह रहे होंगे। जब वह अपने खुले बालों के साथ आती थी तो और भी सेक्सी लगती थी। मैं तुरंत अपने बाथरूम में जाता था और उनके नाम का मूठ विसर्जित कर देता था।

जिसे कई बार मेरी छोटी बहन ने भी देख लिया था और बहुत से अपनी चूत मे लगा लेती थी। मुझे बहुत मजा आता था। छोटी बहन को तो मैंने बहुत बार बजा रखा था। मैं कई बार उसकी चूत मैं भी अपना  वीर्य गिरा चुका था।

बहुत बार प्रेग्नेंट भी हो गई थी। पर मुझे उसको हॉस्पिटल ले जाकर उसका बच्चा गिराना पड़ता था। अब मैं बहुत परेशान हो गया था इस बात से इसलिए मैंने उसको चोदना छोड़ दिया था। इसी वजह से वह मेरे माल को अपनी चूत मैं लगा लेती थी। और कुछ कुछ तो खा भी लेती थी। मैं तो भाभी के नशे में था और  मे कुछ सोचता भी नहीं था।

मैं भी नौकरी जाने लगा था। पता नहीं कब सुबह से शाम हो जाती थी। जिंदगी झाडू से होने लगी थी। ना दिन का पता ना रात का पता ना खुद का पता और ना ही काजल भाभी के दर्शन। 6 महीने हो चुके थे मैंने काजल भाभी को देखा भी नहीं था। बस अपने हथियार से खाली फायर कर देता था। रविवार के दिन मेरी छुट्टी थी।

और काजल भाभी मेरे पास आई। शायद मेरी मां नहीं उस को मेरे पास भेजा था। मैंने बोला हां भाभी जी बोलिए कुछ काम था। वह बोलने लगी हां काम तो था। पर क्या तुम अभी फ्री हो। मैंने कहा भाभी जी क्यों नहीं मैं बिल्कुल फ्री हूं।

आपके लिए तो मैं हमेशा ही फ्री हूं। उस दिन भाभी ने काला सूट पहना हुआ था जिसमें वह हो एकदम मल्लिका लग रही थी। मैं भी उनको देखकर हर बार पागल ही रहता था। क्या मालूम मेरे अंदर किस बात का नाशा था।

ज्यादा जरूरत ना ले जाते हुए मुद्दे की बात होनी थी। जिसका मैं इंतजार कर रहा था। उस काले सूट में भी उनका पूरा बदन का ढांचा दिखाई दे रहा था। उन्होंने कहा तुम्हारी मां बोल रही थी कि तुम्हारे ऑफिस में एकाउंट्स की जॉब है।

मैंने उनको कहा हां है ना वह बोलने लगी मुझे अप्लाई करना था वहां पर  मैंने उनसे पूछा क्या आपने अकाउंट किया हुआ है उन्होंने कहा हां मैं पहले इसी फील्ड में जॉब करती थी।

फिर क्या था मेरे अंदर तो खुशी की लहर दौड़ पड़ी। जैसे ही भाभी गई तुरंत में अपनी बहन के कमरे में गया और उसकी गोरी चिकनी चूत मे अपना लंड घुसा दिया। और डेढ़ सौ धक्के मारे। जिसे वह भी खुश हो गई।

बोलने लगी भैया आज क्या हो गया तुम्हें तुमने मेरी इस नीरज चूत मैं रस भर दिया। उसको मैंने बोला चुप हो जाओ  और आज अपनी गांड भी मेरे लंड से सटा दो। मुझे आज उसको भी लाल करना है।

उसके बाद मैंने तीन चार शोर्ट कम से कम लगाया। अब तो वह भी बोलने लगी थी आज क्या मेरी जान लोगे। मैंने बोला नहीं नहीं ऐसा कुछ नहीं है तुम चुपचाप ऐसे ही बने रहो फिर तो मैंने उसके अंदर अपना एक लीटर  तरल पदार्थ उसके अंदर समा दिया था।

अब अगले दिन ऑफिस जाते हुए मैं भाभी का रिज्यूम अपने साथ ले गया। क्योंकि मैनेजर से मेरी बहुत अच्छी बात थी तो वह मेरी कुछ भी बात को मना नहीं करता था। मैनेजर को मैंने बहुत सारी चूते दिलाई थी अपनी ऑफिस की तो मैनेजर भी मेरी बात को मना ना कर सका। अब मै और भी ज्यादा खुश था।

मैं उसे घर जल्दी आ गया और भाभी के घर पर गया। मैं सीधा उनके कमरे में ही चला गया। अपने कमरे में मैक्सी में लेटी हुई थी। मैक्सी में उनका पिछवाड़ा गांड पूरी दिख रही थी और वह थोड़ा ऊपर भी उठी थी।

उनकी गांड 40 की रही होगी। मेरा तो पानी निकल गया था देखकर तभी वह उठी और बोली अरे तुम कब आए रूम में मेरे मैंने कहा भाभी मुझे तो बहुत टाइम हो गया मैं तो आप को देख रहा था।

आप सोए हुए थे भाभी ने भी बोला क्या देख रहे थे तुम मुझे सब पता है। मैंने पूछा क्या मतलब क्या भाभी एक दम से बोल पड़ी मेरी गांड देख रहे थे तुम ना इतनी देर से मुझे सब मालूम है।

फिर वह बात खत्म हुई मैंने भाभी को बोला बधाई हो आपकी नौकरी लग गई है। फिर भाभी ने पूछा कितनी सैलरी है मैंने कहा 35,000 और वह खुश हो गई। अब तो जैसे मैं भी बहुत खुश हो गया था।

तभी उन्होंने बोला क्या मैं तुम्हारे साथ तुम्हारी बाइक पर ऑफिस चल सकती हूं। मैंने कहा क्यों नहीं भाभी बिल्कुल मैं तो यही चाहता हूं कि आप मेरे साथ चलो जमाना बड़ा खराब है। मै अपने घर से अपने घर आ गया।

अगले दिन मैं 9:00 बजे तैयार होकर भाभी के घर के बाहर खड़ा हो गया क्यों क्योंकि हमारा ऑफिस 10:00 बजे का था। भाभी भी सफेद रंग का पटियाला सूट और अपने बाल खुले रखे हुए आई।

फिर उन्होंने अपने 40 साइज की गांड मेरे बाइक की सीट पर रखी और उनके 34 नंबर के स्तन मेरे कंधे को छू रहे थे। और हम लोग ऑफिस के लिए निकलने लगे। मैं भी जहां-जहां ब्रेकर आ रहे थे वहां पर बहुत तेज ब्रेक मारता और भाभी के स्तंभ मेरे से टकराते। इसी चक्कर में उन्होंने मेरा लंड पकड़ लिया।

मैं तो बहुत खुश हो गया और गाड़ी धीरे धीरे चलाने लगा। उनके हाथ के स्पर्श है मेरी जवानी सफल हो गई थी। हम लोग ऑफिस पहुंचे उनको ऑफिस में पहला दिन था। ऑफिस का लंच हुआ हम लोग कैंटीन में चले गए कैंटीन में जाते ही भाभी ने अपना टिफिन खोलो। मुझे तो टिफिन लाने की आदत थी नहीं कभी-कभी कैंटीन में खा लेता था।

वह बोलने लगी तुम मेरे टिफिन से खाना खा लो पहले मैंने मना किया। उन्होंने बाद में मुझे अपने हाथों से रोटी का निवाला मेरे मुंह में रखा। और बोलने लगी यह तुम्हारे लिए है

मेरी तरफ से क्योंकि तुमने मेरी नौकरी के लिए अपने मैनेजर से बात की और मेरी नौकरी लग पाई। अब तो मुझे भी लगने लगा था की भाभी मुझ पर फिदा हो गई। फिर जब हम शाम को ऑफिस से घर आ रहे थे। तो रास्ते में आते आते बारिश लग गई थी।

बारिश में भाभी का पूरा सामान बाहर की ओर झाकने लगा था। लेकिन हम लोग चलते रहे कहीं नहीं रुके। फिर अचानक से आगे गड्ढा आया और हम लोग वहां गिर पड़े। भाभी मेरे नीचे और मैं अंकों पर गिर पड़ा।

अब तो उनका भी मूड खराब हो गया था। उन्होंने मुझे किस कर दिया। लगता है उनके भी अंदर से आवाज आ गई थी। मैं उनको वहां पर एक खंडहर से मकान में ले गया। जहां उन्होंने मेरा लंड पकड़ कर सीधे अपने मुंह में रख लिया। जैसे-जैसे मेरा लंड बड़ा होता जाता वैसे वैसे वह और अंदर समाती जाती।

कुछ देर बाद उन्होंने अपने आप ही मेरे और अपने कपड़े उतार दिए यह समय मेरे लिए सबसे अच्छा समय था मेरे जीवन का फिर तो मैंने भी आव देखा ना ताव सीधा उनको घोड़ी बनाते हुए उनकी चूत मैं अपना लंड दे दिया। मैंने धीरे धीरे उनकी योनि में अपने पप्पू को प्रवेश करवाया। उनकी आहा निकल रही थी।

बोल रही थी जल्दी से डालो मुझे ऐसा लगा जैसे उनको मुझसे भी ज्यादा जल्दी है। मैंने तेजी करनी शुरू की मेरे लंड और उनकी चूत से घर्षण पैदा होने लगा जिससे कुछ ही देर बाद मैंने अपना थोड़ा बहुत उनके मुंह में डाल दिया। उसके बाद तो यहां रोज का सिलसिला सा बन गया है। शहर के सारे लौंडे मुझसे जलते हैं।

1 thought on “यार क्या गुनाह किया चुदाई करके”

  1. Maharashtra me kisi girl, bhabhi, aunty, badi ourat ya kisi vidhava ko maze karni ho to connect my whatsapp number 7058516117 only ladies

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