अंजली के साथ प्यार भरा सेक्स की कहानी

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मेरे कॉलेज की पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद मैं नौकरी की तलाश में था। मैं नौकरी करने के लिए दिल्ली जाना चाहता था। मैं जब दिल्ली गया तो दिल्ली में मेरे दोस्त के साथ में रहने लगा। मैं मेरठ का रहने वाला हूं और मेरी नौकरी दिल्ली की एक अच्छी कंपनी में लग चुकी थी मैं बहुत ही ज्यादा खुश हूं मेरी नौकरी एक अच्छी कंपनी में लग चुकी है।

मैंने कुछ दिनों के लिए अपने ऑफिस से छुट्टी ले ली थी मैं कुछ दिनों के लिए घर आया हुआ था। जब मैं घर आया तो पापा और मां मुझसे कहने लगे बेटा तुम्हारी बहन की शादी की उम्र हो चुकी है हमे लगता है हमें उसके लिए लड़का देखना चाहिए।

मैंने पापा से कहा हां पापा यह तो आप ठीक कह रहे हैं। दीदी की शादी की उम्र हो चुकी थी और घर में सब लोग इस बात को लेकर काफी परेशान थे। पापा ने नौकरी छोड़ दी थी जिसके बाद पापा घर पर ही रहते हैं और मेरे ऊपर ही घर की सारी जिम्मेदारी थी। मैंने पापा से कहा हां पापा अगर आप लोग कहते हैं तो हम लोगों को अब दीदी के लिए लड़का ढूंढ लेना चाहिए।

मैं भी थोड़े बहुत पैसे सेविंग करने लगा था जिसके बाद पापा और मम्मी दीदी के लिए लड़का देखने लगे थे। दीदी के लिए भी काफी रिश्ते आने लगे थे जब दीदी के लिए मामा जी रिश्ता लेकर आए तो यह काफी अच्छा था।

पापा और मम्मी को भी वह लड़का काफी पसंद था दीदी की सगाई तय हो चुकी थी। जब दीदी की सगाई तय हुई तो उसके बाद सब लोग बहुत ही ज्यादा खुश थे और थोड़े ही समय में दीदी की शादी भी तय हो चुकी थी। जब दीदी की शादी तय हुई तो उस वक्त मैंने दीदी की शादी में सब कुछ अरेंजमेंट किया। सब कुछ बड़े ही अच्छे से हो चुका था दीदी की शादी हो चुकी थी और पापा मम्मी भी इस बात से खुश थे। थोड़े समय तक तो मैं घर पर था उसके बाद मैं दिल्ली चला गया।

जब मैं दिल्ली आया तो एक दिन मैं अपने दोस्त के घर पर गया हुआ था वह मेरे ऑफिस में ही जॉब करता है उसने मुझे अपने घर पर बुलाया था। जब मैं उसके घर पर गया हुआ था तो उसने मुझे कहा  सुमित मैं अभी आता हूं और वह थोड़ी देर के लिए घर से बाहर चला गया था।

जब वह घर से बाहर गया था तो उसी वक्त एक लड़की सुमित के घर पर आई। मैं हॉल में ही बैठा हुआ था जब वह लड़की आई तो उसने मुझसे पूछा क्या सुमित घर पर नहीं है। मैंने उसे कहा नहीं सुमित घर पर नहीं है।

सुमित की मम्मी रसोई में थी और थोड़ी देर बाद सुमित आ चुका था। वह लड़की भी वही बैठी हुई थी लेकिन हम लोगों की कोई बात नहीं हो पाई जब सुमित आया तो सुमित ने मेरा परिचय अंजली से करवाया। मैं अंजली से पहली बार ही मिला था लेकिन मुझे अंजली से बात करना अच्छा लग रहा था और अंजली को भी मुझसे बातें करना अच्छा लगा।

हम दोनों एक दूसरे के साथ थे जब हम दोनों एक दूसरे के साथ थे तो मुझे बहुत ही अच्छा लगा। अंजली को भी बहुत ज्यादा अच्छा लगा था। उसके बाद मैंने अंजली से मिलने का मन बनाया और सुमित की मदद से मै और अंजली एक दूसरे के करीब आने लगे थे। अब हम दोनों एक दूसरे के साथ डेट करने लगे थे।

मैंने अंजली का नंबर भी ले लिया था जिससे कि मुझे अंजली से बात करना अच्छा लगता। मैं अंजली के साथ समय बिताने की कोशिश किया करता हूं। जब भी अंजली और मैं एक दूसरे के साथ होते तो हम दोनों को बहुत ही अच्छा लगता और मुझे इस बात की बड़ी खुशी थी की अंजली के साथ में जिस तरीके से रिलेशन में हूं वह मेरे लिए और अंजली के लिए बहुत ही अच्छा था।

हम दोनों एक दूसरे को बहुत ज्यादा प्यार करते हैं और एक दूसरे के साथ ज्यादा समय बिताने की कोशिश किया करते हैं। मैं अकेला ही रहता हूं इसलिए कई बार अंजली मुझसे मिलने के लिए आ जाया करती थी। जब भी वह मुझसे मिलने के लिए आती तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता। एक दिन अंजली मुझसे मिलने के लिए घर पर आई हुई थी।

जब वह मुझसे मिलने के लिए आई थी तो उस दिन अंजली बहुत ही ज्यादा सुंदर लग रही थी। हम दोनों एक दूसरे से बातें कर रहे थे बातों बातों में मेरा हाथ अंजली के हाथों से लगने लगा जिससे कि अंजली मेरी तरफ देखने लगी।

कहीं ना कहीं अंजली के अंदर की गर्मी भी बढ़ने लगी थी और वह पूरी तरीके से गर्म होने लगी थी। मैं भी गरम हो चुका था हम दोनो एक दूसरे के साथ बहुत ही ज्यादा खुश हैं।

मैंने अंजली के स्तनों को दबाना शुरू किया और उसके होठों को चूमने लगा। उसके होठों को चूमकर मुझे मजा आने लगा था और अंजली को भी बहुत अच्छा लग रहा था जब हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को बढ़ाए जा रहे थे।

वह मेरी गर्मी को बढ़ती जा रही थी और मैं बहुत ज्यादा खुश था जिस तरीके से मैं और अंजली एक दूसरे की गर्मी को बढ़ा रहे थे। उससे मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था। मैंने जब अंजली के कपड़ों को उतारा तो वह गर्म होने लगी।

अंजली तड़पने लगी थी और मैं भी गर्म होने लगा था। जब अंजली और मैं एक दूसरे की गर्मी को बढ़ा रहे थे तो वह मुझे कहने लगी मेरी गर्मी को तुम और ना बढ़ाओ। मैंने अंजली के स्तनों को अपने मुंह में लेकर उन्हें चूसना शुरू कर दिया था और अंजली के स्तनों का रसपान करने मे मुझे अच्छा लग रहा था और अंजली को भी बहुत ज्यादा मजा आ रहा था

जिस तरीके से अंजली और मैं एक दूसरे की गर्मी को बढ़ा रहे थे। हम दोनों ने एक दूसरे की गर्मी को बहुत ज्यादा बढ़ा दिया था। मैंने उसके सामने अपने मोटे लंड को किया जब मैंने अंजली के सामने लंड को किया तो वह मेरे लंड को देखकर कहने लगी तुम्हारा लंड तो बहुत ही ज्यादा मोटा है।

मैं बहुत ज्यादा खुश था और अंजली भी बहुत ज्यादा खुश थी। अब हम दोनों की गर्मी बढ़ती ही जा रही थी जब मैंने अंजली  की चूत पर अपनी जीभ को लगाया तो वह तड़पने लगी और उसकी गर्मी बढती जा रही थी।

मेरी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी अंजली मुझे कहने लगी मुझसे रहा नहीं जाएगा। मुझसे भी बिल्कुल रहा नहीं जा रहा था मैंने अंजली की चूत के अंदर अपने लंड को घुसाने का फैसला कर लिया था।

अंजली की चूत पर जब मैंने अपने मोटे लंड को लगाया तो मुझे मजा आने लगा और अंजली को भी मजा आ रहा था। उसकी चूत से निकलता हुआ पानी बहुत ज्यादा बढ़ने लगा था और मेरी गर्मी बहुत ही ज्यादा बढ़ने लगी थी।

मैंने अंजली से कहा मैं बिल्कुल भी रह नहीं पाऊंगा। अंजली ने भी अपने पैरों को खोल लिया था। अंजली डर रही थी लेकिन उसकी चिकनी चूत गिली हो चुकी थी।

मैंने धीरे से उसकी चूत में लंड को घुसा दिया था। जब मैंने उसकी चूत में लंड को डाला तो वह जोर से चिल्लाई और मुझे कहने लगी मुझे मजा आने लगा है। अब मैं और अंजली एक दूसरे का साथ अच्छे से दिए जा रहे थे मैं उसे तेजी से धक्के दिए जा रहा था। जब मैं अंजली को चोद रहा था तो मुझे मजा आ रहा था और अंजली की सिसकारियां बढ़ती ही जा रही थी।

अंजली की चूत से निकलता हुआ पानी बहुत ज्यादा बढ़ रहा था और मैं भी उसकी गर्मी को बढाए जा रहा था। मैंने उसकी चूत पर अपने लंड को सटाते हुए अंदर की तरफ डालना शुरू कर दिया था

जिससे कि अंजली मुझे कहती मुझे और तेजी से तुम धक्के मारते जाओ। मैं उसको बड़ी तेजी से धक्के दिए जा रहा था और मेरे धक्कों में और भी ज्यादा तेजी आती जा रही थी।

अंजली की चूत की गर्मी को मैंने बढा दिया था मेरा लंड पूरी तरीके से छिल चुका था।

मैंने अंजली से कहा मुझे लगता है मेरे अंडकोषो तक मेरा वीर्य आने वाला है। अंजली मुझे कहने लगी तुम मेरी चूत में अपने वीर्य को गिरा दो। अंजली की चूत मुझे बहुत ज्यादा टाइट महसूस हो रही थी और मैंने अंजली की चूत में अपने माल को गिरा दिया था। मैंने जब अपने मोटे लंड को उसकी चूत से बाहर निकाला तो मैंने देखा उसकी चूत से पानी निकल रहा था और मेरा वीर्य अंजली की चूत से बहुत ज्यादा टपक रहा था।

जिस से अंजली मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है और मुझे भी बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था। मैंने अंजली की चूत पर दोबारा से अपने लंड को सटाया और जैसे ही मैंने उसकी चूत पर अपने लंड को सटाकर अंदर की तरफ डाला तो मुझे अच्छा लगने लगा और अंजली को भी मजा आने लगा था।

हम दोनों को बहुत ज्यादा मजा आ रहा था और मैंने अंजली की चूत से अपने वीर्य को गिराकर अंजली की चूत की खुजली को मिटा दिया था। मेरे लंड की गर्मी भी अब शांत हो चुकी थी हम दोनों एक दूसरे की बाहों में लेटे हुए थे।

मैं उसके नंगे बदन को महसूस कर रहा था और उसके बदन को महसूस करना मुझे अच्छा लग रहा था। मैंने अंजली से कहा आज तुम मेरे साथ में रुक जाओ। अंजली ने भी मेरे साथ रहने का फैसला किया और उस रात वह मेरे साथ रुकी और हम दोनों के बीच रात को भी सेक्स संबंध बने।

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