चूत चुदवाई भैया से

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मेरा नाम संजय है और मैं एक नए शहर में पढ़ाई करने के लिए आया हूं। मैंने यहां कॉलेज में एडमिशन ले लिया है और फिलहाल मैं अपने दोस्त के पास ही रह रहा था लेकिन मुझे उसके साथ रहना पसंद नहीं था।

क्योंकि वहां पर बहुत सारे लड़के रहते थे और वह कमरा बहुत ही छोटा था। मुझे वहां रहने में बहुत दिक्कत हो रही थी। उनके साथ मैं कभी भी अच्छे तरीके से नहीं रहा।

अब मैंने सोचा कि मैं क्यों ना कहीं अलग से रहने के लिए कोई घर ले लूं। मैंने इस बारे में अपने पिताजी से बात की तो वह कहने लगे कि तुम चिंता मत करो।

मैं तुम्हें पैसे भेज दूंगा और तुम अपने रहने के लिए कोई अच्छी सी जगह देख लो। उसके बाद मैं घर ढूंढने लगा। जब मैं घर ढूंढ रहा था तो मुझे कहीं भी अपने हिसाब से कोई घर नहीं मिल रहा था।

ऐसे ही मैं एक दिन एक कॉलोनी में चला गया। वहां पर मैंने पूछा कि यहां कोई घर खाली है रहने के लिए। वह कहने लगे कि यहां पर तो नहीं है।

पर आप आगे जाकर पता कर लीजिए। शायद आपको आगे मिल जाये। जब मैं आगे गया तो एक महिला मुझे दिखाई दी और मैंने उनसे पूछा कि क्या यहां पर कोई घर खाली है।

वह कहने लगी कि आप अंदर कॉलोनी में चले जाइए वहां पर आप पूछ लीजिए। वहां पर घर खाली है। उन्होंने मुझे वहां का एड्रेस भी दे दिया।

मैं जब वहां गया तो मैं उनसे पूछने लगा कि क्या आप मुझे घर के मालिक का नंबर दे सकते हैं। तो उन्होंने मुझे घर के मालिक का नंबर दे दिया और जब मैंने उस नंबर पर उनको फोन किया तो वह किसी महिला की आवाज़ आ रही थी।

वह कहने लगी कि तुम क्या करते हो। मैंने उन्हें बताया कि मैं कॉलेज का स्टूडेंट हूं और मैं अपने लिए कोई एक घर देख रहा हूं और मैंने उन्हें बताया कि मैं अकेला ही रहने वाला हूं। इसलिए मुझे कोई ऐसी जगह चाहिए जहां पर मैं शांति से पढ़ाई भी कर सकूंगा और मुझे कोई दिक्कत भी ना हो। तो क्या आप मुझे घर दिखा सकती हैं।

वह कहने लगे कि तुम तीन चार दिन बाद आना। फिर मैं तुम्हें तो घर दिखा दूंगी। उसके बाद मैंने उन्हें तीन-चार दिन बाद फोन किया। पहले तो उन्होंने फोन नही उठाया। जब मैंने उन्हें दोबारा फोन लगाया तो तब उन्होंने फोन उठाया। वह कहने लगे कि मैं काम मे व्यस्त थी इसलिए फोन नही उठा पाई। मैने उन्हें कहा की कोई बात नही।

फिर उसके बाद हमने घर दिखाने की बात की। जब वह आई तो वह वही महिला थी जिन्होंने मुझसे फोन पर घर बताने की बात कही थी। उनका नाम अनीशा था और वह मुझे घर दिखाने लगी। जब उन्होंने मुझे घर दिखाया तो मुझे घर बहुत ही पसंद आया और मैंने तुरंत ही उस घर के लिए हां कर दी और अब मैं वहीं पर रहने वाला था।

उसके अगले ही दिन मैं उसी नए घर मे शिफ्ट हो गया। मेरे पास ज्यादा समान तो था नही। बस थोड़ा बहुत ही सामान था। जो मैं आसानी से ले आया। मैने अकेले ही अपने घर की शिफ्टिंग की। अब मैं अपने कॉलेज में जाया करता हूं और घर पर भी अच्छे से रहने लगा। अब मुझे वहां कोई दिक्कत नही थी।

मैंने धीरे धीरे घर का थोड़ा बहुत जरूरत का सामान भी वहां पर जोड़ लिया और अब अच्छे से रहने लगा। क्योंकि वहां मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं था कि हम एक ही कमरे में चार चार लोग रहे और अपनी जिंदगी वहां छोटे से कमरे पर काटे। मुझे तो अकेले रहना ही पसन्द था।

मैंने जब इस बारे में अपने पिताजी को बताया तो वह भी बहुत खुश हुए और कहने लगे की तुमने बहुत ही अच्छा किया जो कि कोई दूसरा घर ले लिया।

नहीं तो तुम्हें वहां उनके साथ बहुत दिक्कत होती और तुम अपनी पढ़ाई में ध्यान भी नहीं लगा पाते। वह भी बहुत खुश है और मुझे कहने लगे कि बेटा तुम्हारा यह बहुत ही अच्छा फैसला है।

कभी बीच-बीच में अनीशा भाभी हमारे घर पर आ जाती और मुझसे पूछ लेते कि पढ़ाई कैसी चल रही है। मैंने उन्हें बताया कि मेरी पढ़ाई बहुत ही अच्छी चल रही है।

मैं अब अपनी पढ़ाई पर पूरी तरीके से ध्यान देने लगा और मैं कभी भी ज्यादा इधर-उधर नहीं देखता था।

एक दिन अनीशा भाभी मेरे कमरे में आई और कहने लगी कि हमारे बाथरुम में आज पानी नहीं आ रहा है तो क्या मैं तुम्हारे बाथरूम को यूज कर सकती हूं।

मैंने उन्हें कहा कि आपका ही घर है आप इस्तेमाल कर लीजिए ऐसी कोई दिक्कत वाली बात बिल्कुल भी नहीं है। वह मुझे कहने लगी कि फिर भी पूछना ठीक रहता है अब तुम यहां पर रह रहे हो तो मेरा पूछने का फर्ज है।

वो कहने लगी कि वहां पर हमारा नल खराब हो गया है और पलंबर कहीं गया हुआ है वह कल आएगा इसलिए मैं आज और कल तुम्हारा बाथरूम यूज कर सकती हूं अगर तुम्हें कोई आपत्ति ना हो तो।

इस बात को उन्होंने दोबारा से मुझसे पूछा मैंने कहा इसमें मुझे कोई आपत्ति नहीं है। वह थोड़ी देर बाद अपने कपड़े ले आई और नहाने के लिए बाथरूम में चली गई।

जब वह बाथरूम में जा रही थी तो उनके हाथ से उनकी पैंटी गिर गई मैंने वह पैंटी उठा कर दी तो वह एकदम लाल रंग की थी वो मुझे देख कर मुस्कुराने लगी।

मैं भी उन्हें देखकर मुस्कुराता जाता अब वह बाथरूम में चली गई मैं चुपके से बाथरूम में देखने लगा क्योंकि उसमें एक छेद था। जब वह नहा रही थी तो मुझे साफ दिखाई दे रहा था और वह जब अपनी गांड पर रगडती तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।

मैंने उनके बड़े बड़े स्तन देखे तो मेरा मन खराब हो गया उन्होंने थोड़ी देर बाद मुझे बाथरूम के अंदर से आवाज़ लगाई और कहने लगी कि मेरा तोलिया तो बाहर ही छूट गया है।

मैंने जब अपने बिस्तर पर देखा तो वहा उनका तोलिया था। मैंने जैसे ही उन्हें तोलिया दिया तो उन्होंने पूरा दरवाजा खोल लिया और उनका सारा सामान मुझे दिखाई दे गया। उनके बड़े बड़े स्तन मुझे दिखाई दे रहे थे

और उन की चूत मुझे दिखाई दे गई जिसमें हल्के हल्के बाल थे। मैंने उन्हें बाथरुम से बाहर खींचते हुए बिस्तर पर लेटा दिया उनका शरीर पूरा गीला था और उनके स्तनों पर साबुन भी लगी हुई थी।

मैंने उनके स्तनों को दबाना शुरु किया और बड़ी जोर-जोर के दबा रहा था जिससे कि उनकी आवाज़ भी निकल रही थी। वह मुझे कहने लगी कि तुम तो मेरे स्तनों को बहुत ही अच्छे से दबा रहे हो। मैंने उन्हें बिल्कुल भी नहीं छोड़ा और तुरंत ही उनके दोनों पैरों को खोलते हुए अपने लंड को उनकी योनि में घुसेड़ दिया।

उनकी योनि में हल्के हल्के भूरे रंग के बाल थे और मैं ऐसे ही उन्हें झटके देने लगा। मैं बड़ी तेजी से उन्हें चोद रहा था और मुझे बहुत ही मजा आ रहा था जब मैं उन्हें धक्के मार रहा था।

उनका बदन बहुत ही ज्यादा टाइट था जो कि मुझे बहुत पसंद आ रहा था। ऐसे ही उनका पूरा शरीर हिलने लगा लेकिन मुझे अब भी उन्हें चोदना मे बहुत ही मजा आ रहा था। थोड़ी देर बाद मैंने उन्हें 69 पोज में बना दिया और अपने लंड को उनके मुंह के अंदर डालते हुए उनकी चूत को चाटने लगा।

मैं उनकी चूत को बहुत ही अच्छे से चाट रहा था और वह मेरे लंड को अपने गले तक उतार लेती। उन्होंने उसे इतनी अच्छी तरीके से चूसा कि मुझे तो मजा आने लगा और मेरा शरीर और चौड़ा होने लगा। मैं उन्हें बड़ी तीव्र गति से ऐसे ही उनके मुंह के अंदर धक्के मार रहा था और मेरा लंड उनके मुंह के अंदर तक चला जाता।

थोड़ी देर बाद मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो उनके मुंह से पूरा झाग निकल रहा था। मैंने दोबारा से उनकी चूत के अंदर अपने लंड को डाल दिया। जैसे ही मैंने अपने लंड को डाला तो मैंने और तीव्र गति से उन्हें झटके मारना शुरू कर दिया। मैं इतनी तीव्र गति से चोद रहा था कि मुझे बहुत ही आनंद आ रहा था।

मुझे ऐसा लग रहा था कि अनीशा भाभी का शरीर कितना मस्त है और मैं उसे ऐसे ही धक्के देते जाता। मैंने उनके स्तनों को अपने हाथ से दबाना शुरु किया और उनके होठों को भी अपने होठों में लेकर चूमना शुरू किया।

थोड़ी देर बाद वह भी बहुत उत्तेजित हो गई और उनका झड़ चुका था उसके साथ ही मेरा माल भी उनकी योनि में जा गिरा। जब मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो उनकी योनि से मेरा माल टपक रहा था।

उसके बाद वह दोबारा से नहाने के लिए चली गई और मैं भी उनके साथ नहाने लगा।

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