जान बचाने वाले ने मुफ्त में दे दी चूत

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हेल्लो दोस्तों मेरा नाम वकील है और मैं बाबा टोला में रहता हूँ | यह जगह बहुत ही खतरनाक है क्यूंकि यहाँ बहुत बड़े गुंडे रहते हैं और मुझे हर दिन इनको देखना पड़ता है |

दोस्तों गरीबी क्या होती है ये आप में से कई लोग नहीं जानते क्यूंकि जिसपे बीतेगी वो ही जानेगा | और जिस दिन जान गया उस दिन तकदीर उसके क़दमों में होगी और वो मुकद्दर का सिकंदर कहलायगा |

मुझे जब पढना चाहिए था तब मैं काम करता था और जब मुझे काम करना चाहिए तब मैं गुंडागर्दी कर रहा हूँ |

मुझे तो ये पता भी नहीं था कि मुझे ऐसा कुछ करना पड़ेगा | मेरे दोस्त मुझे डॉन कहते है और जो मुझे आचे से जानते हैं वो मुझे कलाकार कहते हैं | हाँ दोस्तों मेरे अन्दर भी एक कला है मैं नाचता बड़ा अच्छा हूँ और मुझे कई बार मौका भी मिला पर लोगों ने गुंडा बोलके बाहर निकाल दिया | एक दिन कि बात है जब मैं एक प्रोग्राम में जा रहा था

तब मेरा एक लड़का आया और उसने मुझे कहा भाई आप भी चलो एक दम फद्दु मंच लगा है और आपको नाचने का मौका मिल जाएगा | मैंने भी सोचा चलो चलते है परजैसे ही लोगों ने मुझे देखा वो लोग वहां से चले गए |

मुझे उस दिन बहुत बुरा लगा क्यूंकि कोई भी पीड़ा होते साथ गुंडा नहीं बन जाता | हालत और जज़्बात दो बहुत बड़ी चीज़ें है जो इंसान से कुछ भी करवा सकते हैं | मेरे साथ भी बहुत कुछ बुरा हुआ है जिसका नतीजा ये हुआ कि मैं इतना बुरा बना | मेरे पास भी रहने को एक छत थी और घर में एक हस्त खेलता परिवार था |

कमाने वाले सिर्फ मेरे पिताजी थे जो एक सरकारी दफ्तर में चपरासी थे | पापा इतना कम लेते थे कि हमारा घर आराम से चल जाए और हम दो भाई आराम से पढ़ ले | हम दोनों पढ़ाई में बहुत तेज़ थे और किसी से भी कम नहीं थे |

हर विषय में हमलोगों ने अव्वल स्तन ही प्राप्त किया था | मैं सिर्फ छठी कक्षा टक ही पढ़ पाया था और मेरा भाई नौवीं | उसके बाद कुछ ऐसा हुआ जिसने मेरे शरीर से मेरी रूह को खींच लिया | आज मैं आपको एक सच्चाई बताता हूँ |

जो आपके साथ है मुसीबत में सबसे पहले वही आपका साथ छोड़ देगा और जो पराये हैं भले ही बुरे क्यूँ न हो आपका आखिर तक साथ देंगे |

मेरे पिताजी के दफ्तर में जो साहब थे वो बहुत ही कड़क थे और उनकी वहां पे बहुत चलती थी क्यूंकि भाई वहां के बाहुबली थे | एक तरीके से उनका राज चलता था वहां पे | एक बार उन्हें दारु पीने के लिए पैसे कम पड़ गए और उन्होंने अपने दफ्तर कि तिजोरी से पैसे निकाल लिए और इल्ज़ा पिताजी पर लगा दिया | पिताजी कि नौकरी चली गयी और हमारे घर कि गाडी पटरी से उतर गयी | मुझे तो पता भी नहीं था कि ऐसा कुछ हो सकता है |

मेरे पिताजी को मारा गया और उन्हें जेल मैं डलवा दिया | मेरे भाई के माथे पे लिखा चोर का बेटा और मेरी माँ और उसने मिल के ज़हर खा लिया | उनके शांत होने के बाद पिताजी को भी सदमा लगा और वो भी चले गए |

अब मैं बिलकुल अकेला हो गया था और मुझे संभालने वाला कोई नहीं था | वहाँ एक शराबी रहता था जो मुझे हर दिन टॉफ़ी खिलाता था | वो आया और कहा बेटा अब वो लोग तुझे मारने आयेंगे इसलिए मेरे साथ चल | मैं तो छोटा था और कुछ समझ थी नहीं इसलिए चल दिया उसके साथ |

उसके साथ उसकी एक बेटी भी थी जो गयी थी | उसका घर था बाबा टोला में और उसकी पहचान भी थी उसने सब को बता दिया कि मेरे साथ ऐसा ऐसा हुआ है | सब तैयार हो गए मेरी लड़ाई लड़ने के लिए और बाहुबली और उसके लोग भी यहाँ आने से डरते थे | कुछ दिन बीते और वो लोग आये पर यहाँ के लफंडर लोगों ने उनको खदेड़ दिया |

अब धीरे धीरे कुछ साल बीते और मैं भी बड़ा हो गया और वो शराबी चाचा भी निकल लिए थे तो उनकी बेटी कि भी ज़िम्मेदारी मेरी थी | वो भी बड़ी हो चुकी थी और उसका बदन भी खिल गया था | वो शर्मीली नहीं थी क्यूंकि उसने बचपन से मुझे चड्डी में देखा था | वो भी मेरे सामने चादी में घूमती थी और मुझे लगता था पागल है ये लड़की |

वो कहती कि देख ले मुझे ऐसे क्या पता कल मैं भी न रहूँ | लट्टू थी वो मुझपे और मैं भी अब बड़ा गुंडा बन चुका था तो किसी कि हिम्मत नहीं थी उसे आँख उठा के देखने की | वो मेरे सामने अपने कपडे बदलती और अपने हुस्न का जलवा दिखाती | मुझे तो बहुत मन था कि उसे चोद दूँ पर शादी भी तो करनी थी उस पागल से |

फिर मैंने सोचा कि अभी सही समय नहीं है थोड़े दिन रुक जाते हैं | मैं रुक गया पर वो कहाँ रुकने वाली थी वो कभी मेरे सामने अपने दूध मसलती तो कभी अपनी चूत को मेरे मुंह के स्समने लेक बोलती देख अच्छी खुशबु है ना | मैं भी शर्म के मारे मुह घुमा लेता और कहता अबे बल तो बना ले अपनी चूत के | वो कहती एक बार खुशबु तो लेके देख |

मैंने कहा चल तू बाल बना ले और उसके बाद मैं खुशबु ले लूँगा | उसने इस बात को बड़े ही गंभीर रूप से लिया और अगले दिन देखा मैंने कि उसके पूरे सहारे पे एक भी बाल नहीं था |

बिलकुल चिकनी थी थी वो एक दम मलाई के जैसी | मेरा तो लंड और ईमान दोनों डोल गए थे उसको देख के | फिर मैंने उससे कहा यार आज तो तूने मेरा लंड ही खड़ा कर दिया तो उसने कहा दिखा | मैंने कहा खुद देख ले | वो मेरे पास आई और उसने हलके हाथ से मेरे लंड को सहलाया और कहा वाह ये तो कड़क हो गया है |

मैंने कहा हाँ हो तो गया है | फिर उसने धीरे से मेरी चड्डी को नीचे किया और मेरे लंड को पकड़ के देहने लगी | मेरा लंड हिलने लगा था उसके हाथ में मैंने कहा इसकी खुसबू लेले और इसकी गर्मी अपने मुह से बुझा दे | उसने कहा छि मैं नहीं लुंगी इसको मुह में | मैंने कहा लेले प्लीज मैं भी तेरी चूत को अच्छे से चाटूंगा |

उसने कहा ठीक है जैसे ही उसने मेरा लंड मुह में लिया उफ्फ्फ मज़ा आ गया | वो मेरे लंड कि टोपे को चूसती कभी मेरे सुपाडे को और मैं बस आह्ह्हह्ह्ह्हह्ह आह्ह्हह्ह्ह्हह्ह आह्ह्हह्ह्ह्हह्ह आह्ह्हह्ह्ह्हह्ह आह्ह्हह्ह्ह्हह्ह आह्ह्हह्ह्ह्हह्ह आह्ह्हह्ह्ह्हह्ह आह्ह्हह्ह्ह्हह्ह आह्ह्हह्ह्ह्हह्ह उम्म्मम्म्म्मम्म्म्म करता रहता | उसके बाद जब उसने आधे घंटे टक मेरा लंड चूसा तब मेरा माल उसके मुह में गया और अब वो भी गरम हो गयी थी | अब वो मुझे कह रही थी मेरे बदन कि गर्मी बुझा दे |

मैंने उसकी बात मानी और उसको मस्त बैठा के उसके दूध और निप्पल को चूसने लगा | वो आह्ह्हह्ह्ह्हह्ह आह्ह्हह्ह्ह्हह्ह आह्ह्हह्ह्ह्हह्ह आह्ह्हह्ह्ह्हह्ह उम्म्मम्म्म्मम्म्म्म उफ्फ्फ्फफ्फफ्फ्फ़ कर रही थी | फिर मैंने उसको कहा कि एक तान मेरे ऊपर रख और मैं बैठ गया |

अब उसकी चूत मेरे मुह के सामने थी और मेरी जीभ उसकी चूत को चाट रही थी | उसकी चूत का स्वाद बड़ा मस्त था | मैंने उसकी चूत को एक घंटे तक खाया उसके बाद उसने अपना माल और मूत दोनों मेरे मुह पर चोद दिया | दिर मैंने उससके कहा अब तू दोनों टांगों को मेरे कंडे पे रख और मैंने उसकी चूत पे अपना लंड रख दिया |

मैं धीरे धीरे अपने लंड को उसकी चूत पे रगड़ रहा था ताकि वो उसके माल से गीला हो जाए | अब मेरा लंड पूरी तरह गीला हो चुका था और मैंने तुरन ही उसके चूत के छेद में अपना लंड डाला | वो चिल्लाई उम्म्मम्म्म्मम्म्म्म उम्म्मम्म्म्मम्म्म्म उम्म्मम्म्म्मम्म्म्म आह्ह्हह्ह्ह्हह्ह आह्ह्हह्ह्ह्हह्ह आह्ह्हह्ह्ह्हह्ह आह्ह्हह्ह्ह्हह्ह आह्ह्हह्ह्ह्हह्ह आह्ह्हह्ह्ह्हह्ह आह्ह्हह्ह्ह्हह्ह आह्ह्हह्ह्ह्हह्ह उम्म्मम्म्म्मम्म्म्म |

उसने कहा मेरी चोट फट रही है और जोर से चोद | मैंने भी तीन चार जोर से धक्के लगाये और फिर ताज़ी से उसको पेलने लगा | वो मज़े से गांड उठा रही थी और मादक आवाजें निकाल रही थी | उसने दू बार अपनी चूत अपनी चूत का पानी छोड़ दिया था और फिर भी उसे जोश था | उसने कहा अब मेरी गांड को फाड़ दे और मैंने उसे घोड़ी बना दिया |

फिर मैंने तुरंत ही उसकी गांड में अपना लंड डाल के ऐसा चोदा कि वो दो घंटे तक मेरे लंड को कहती रही क्या लंड है रे | फिर उसने कहा माल मेरे मुह पे मार | मैंने अपना लंड निकाल और उससे कहा चूस |

वो मेरा लंड चूस रही थी और गोटे दबा रही थी | फिर उसने हाथ से मेरा लंड हिलाया और मेरा माल अपने अपने प्यारे चेहरे पे गिरा लिया | इसके बाद तो हम ऐसी खतरनाक चुदाई करने लगे और अब तो शादी भी हो गयी है |

तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी | आशा है की आप लोगों को पसंद आई होगी | आप लोग अपनी प्रतिक्रिया देना मत भूलियेगा | जल्द ही मिलता हूँ अगली कहानी के साथ |

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