लंड और चूत का पहला मिलन । hot sex story । hindi sex stories

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Lund aur chut ka pahla milan sex story : अपने घर से दूर कॉलेज का पहला दिन था मैं जब कॉलेज में गया तो वहां पर सब नए चेहरे दिखाई दे रहे थे और मेरा मन बिल्कुल भी नहीं लग रहा था।

हालांकि मुझे अब अपने 3 वर्ष कॉलेज में ही बिताने थे और मेरे पास इसके सिवा कोई और दूसरा रास्ता भी तो नहीं था मैं अपनी बीबीए की पढ़ाई करने के लिए हैदराबाद चला आया था।

मैं जब हैदराबाद में आया तो सब कुछ पूरी तरीके से बदला हुआ था एक तो अपने घर से दूर और ऊपर से कोई भी दोस्त नहीं था।

मैं हॉस्टल में रहता था और जिस हॉस्टल में मैं रहता था उस हॉस्टल में आकाश भी रहता था अकाश और मेरे बीच में बहुत अच्छी दोस्ती तो नहीं थी लेकिन वह मेरा रूममेट था मैं उससे कम ही बात किया करता था।

एक दिन आकाश मेरे साथ बैठा हुआ था वह कहने लगा कि गौरव तुम बहुत कम बात किया करते हो मैंने उसे कहा मेरा नेचर ही ऐसा है लेकिन शायद मैं अपने आप से ही कुछ दिनों से परेशान चल रहा था क्योंकि मुझे कभी अकेले रहने की आदत नहीं थी और अब मुझे अकेला रहना पड़ रहा था।

मेरे पापा मम्मी मुझसे दूर जो थे मेरे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था लेकिन मैंने आकाश से उस दिन अपनी बात शेयर की तो वह कहने लगा आज से मैं तुम्हारा दोस्त हूं और उसके बाद हम दोनों की दोस्ती हो गई।

दोस्ती भी इतनी गहरी हो गई कि हर जगह हम दोनों साथ ही जाया करते थे मुझे हॉस्टल की मैस का खाना बिल्कुल भी पसंद नहीं था और वह मेरे गले के नीचे ही नहीं उतरता था लेकिन मजबूरी थी

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कि मैंस का खाना खाना पड़ता था। मैं हर रोज सुबह नाश्ता करने के लिए मैस में चला जाता था आकाश सुबह नाश्ता ही नहीं करता था

मैं उससे कई बार कहता भी था कि मुझे भी यहां का नाश्ता और खाना बिल्कुल भी पसंद नहीं है लेकिन मजबूरी है जो यहां खाना पड़ता है। हम दोनों ही जब भी

अपने कॉलेज कैंपस से बाहर जाते तो हम लोग बाहर ही खाना खा लिया करते थे परंतु ऐसा बहुत कम मौका मिल पाता था लेकिन आकाश कहीं ना कहीं तो बंदोबस्त कर ही लेता था

वह बहुत ही ज्यादा शरारती है और उसे सारी चीजें अरेंज करना बहुत ही आसानी से आता है। मैंने आकाश से कहा कि क्या हम लोग ऐसी ही अपनी जिंदगी यहां काटते रहेंगे तो आकाश कहने लगा कि नहीं यार हम लोग घूमने का प्लान जरूर बनाएंगे।

मुझे और आकाश को आए हुए करीब 4 महीने हो चुके थे लेकिन हम लोग अब तक कहीं बाहर घूमने के लिए नहीं जा पाए थे। एक दिन आकाश ने कहा कि चलो कहीं बाहर घूम आते हैं मैंने आकाश से कहा यार लेकिन बाहर घूमना ठीक रहेगा। वह कहने लगा कोई बात नहीं मेरे पहचान के एक भैया रहते हैं मैं उन्हें फोन कर देता हूं।

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आकाश ने उन्हें फोन किया और हम दोनों उनसे मिलने के लिए उनके घर पर चले गए। जब हम लोग उनके घर पर गए तो आकाश ने उस दिन उनसे उनकी मोटरसाइकिल की चाबी ले ली और हम दोनों उसमे घूमने के लिए निकल पड़े। हम दोनों को ही बहुत अच्छा लगा क्योंकि

जब से मैंने एडमिशन लिया था तब से हम लोग कहीं घूमने के लिए भी नहीं जा पाए थे और उसके बाद आज मौका मिला था तो उसे कैसे हम लोग छोड़ सकते थे।

मैं और आकाश घूम कर वापस लौटे तो मैंने आकाश से कहा यार आज का दिन तो बड़ा ही अच्छा रहा आकाश कहने लगा कोई बात नहीं दोस्त अब आगे भी ऐसा ही चलता रहेगा।

आकाश पढ़ने में अच्छा था और हम दोनों ने ही अपने एग्जाम में सबसे ज्यादा नंबर हासिल किए थे हालांकि हम दोनों को देखकर कोई भी यह नहीं सोचता था कि हम दोनों पढ़ते भी होंगे लेकिन हम दोनों अपनी पढ़ाई को लेकर बहुत सीरियस रहते थे।

जब भी हम दोनों को पढ़ाई का मौका मिलता तो हम दोनों कभी भी वह मौका नहीं छोड़ते और हम दोनों साथ मे बहुत ही अच्छे से रहा करते थे।

उसके बाद हम लोग पास होकर अगली क्लास में चले गए हम लोग अब सेकंड ईयर में आ चुके थे और सेकंड ईयर में ही जाने के बाद हमारे कॉलेज में नए एडमिशन होने लगे थे

बस अभी एडमिशन का दौर था। मैं अपने घर कुछ दिनों के लिए चला गया था और आकाश भी कुछ दिनों के लिए अपने घर चला गया था जब हम लोग वापस लौटे तो मैंने आकाश से कहा तुम्हारा घर का टूर कैसा रहा रहा।

आकाश कहने लगा घर में तो पूरे मजे आ गए लेकिन अब यहां पर वहीं पढ़ाई वहीं टीचर की डांट सुनते रहो। मैंने आकाश से कहा यार इस वर्ष नये बच्चे भी आए हैं तो चलो उन लोगों से भी मुलाकात कर ली जाये।

आकाश और मैं जब नए बच्चों से मिले तो मैं उस वक्त गुंजन से भी मिला जब मेरी मुलाकात गुंजन से हुई तो मुझे उससे मिलना बहुत अच्छा लगा और गुंजन से मिलकर मैं बहुत खुश था।

मैंने यह बात आकाश को भी बताई जब मैंने यह बात आकाश को बताई तो वह कहने लगा कि लगता है तुम्हारे दिल में गुंजन को लेकर कुछ चलने लगा है।

मैंने उसे कहा नहीं यार ऐसा तो कुछ भी नहीं है बस यह पहली नजर का ही अट्रैक्शन हो सकता है लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है आकाश मुझे कहने लगा तुम्हारी आंखें साफ बता रही हैं

कि तुम गुंजन से प्यार करने लगे हो तुम्हारे दिल में उसके लिए अब कुछ होने लगा है। मैंने जब आकाश को कहा कि नहीं यार ऐसा कुछ भी नहीं है

तो वह मेरी बात मानने को तैयार नहीं था और कहने लगा कि मैं यह मान ही नहीं सकता। रात के वक्त जब मैं लेटा हुआ था तो मुझे भी ऐसा आभास हो रहा था कि शायद मैं भी गुंजन से प्यार करने लगा हूं

क्योंकि जब मैं अपनी आंखें बंद करता तो मेरी आंखों के सामने गुंजन का चेहरा आ जाता है ना चाहते हुए भी मैं उसके बारे में सोचने लगता।

मैंने यह बात आकाश को बताई तो आकाश मुझे कहने लगा कि मैं तुमसे कहता नहीं था कि गुंजन से तुम्हें प्यार हो गया है। आकाश की बात में दम था लेकिन अब यह असली परीक्षा थी कि कैसे गुंजन को मैं अपना बनाऊंगा और उसके लिए मुझे कई मशक्कत करनी पड़ी लेकिन गुंजन से मेरी बात हो ही गई।

उसमें मेरी आकाश ने बहुत ही मदद की थी और गुंजन मेरी गर्लफ्रेंड बन चुकी थी कॉलेज में यह बात आग की तरह फैल चुका थी कि गुंजन मेरी गर्लफ्रेंड बन चुकी है। हम दोनों अक्सर एक दूसरे से चोरी छुपे ही मिला करते थे

लेकिन फिर भी यह बात सबको पता चल ही जाती थी। एक दिन मैंने आकाश से कहा कि मुझे गुंजन को रूम में बुलाना है आकाश कहने लगा पर यह तो बॉयज हॉस्टल है कैसे उसे यंहा लाएंगे आकाश ने तरीका ढूंढ लिया था।  

गुंजन हमारे हॉस्टल में आ चुकी थी यह बात सिर्फ मुझे और आकाश को ही मालूम थी आकाश रूम से बाहर चला गया था और मैं और गुंजन साथ में बैठे हुए थे। गुंजन मुझसे कहने लगी मुझे बड़ा डर लग रहा है

मैंने उसे कहा डरो मत गुंजन कुछ नहीं होगा। मैंने उसकी जांघ पर अपने हाथ को रखा तो मेरे अंदर से जवानी जागने लगी और गुंजन भी मेरी तरफ देखने लगी।

कुछ देर के बाद हम दोनों ने जब एक दूसरे के होठों को चूसना शुरू किया तो मैंने गुंजन को नीचे लेटा दिया और उसके होठों को चूसकर मैंने पूरी तरीके से लाल कर दिया था।

गुंजन मुझे कहने लगी तुमने मेरे होठों में दर्द कर दिया है मैंने उसे कहा मैं तुम्हारी योनि को चाटना चाहता हूं। मैंने गुंजन की चूत को चाटने के लिए उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिए और गुंजन के बदन से मैने पूरे कपड़े निकाल दिए। जब मैंने गुंजन के शरीर से कपड़े उतारकर उसकी योनि को चाटा तो मुझे बहुत ही अच्छा लगा।

गुंजन की चूत में एक भी बाल नहीं था और मुझे गुंजन की चूत को चाटने में मजा आ रहा था और गुंजन को भी बड़ा आनंद आ रहा था।

काफी देर तक हम लोगों ने ऐसा ही किया जब उसकी चूत से पानी बाहर निकलने लगा तो वह अपने आपको रोक नहीं पाई और मुझे कहने लगी कि मैं अपने आपको रोक नहीं पाऊंगी।

गुंजन के ऐसा कहने से मैंने उसकी चूत के अंदर उंगली डालने की कोशिश की लेकिन उंगली गई नहीं तो मैंने अपने लंड पर थूक लगाकर गुंजन के दोनों पैरों को चौड़ा किया।

मेरा भी यह पहला मौका था मैंने जब गुंजन की योनि पर अपने लंड को सटाया तो मैंने धीरे से उसकी योनि के अंदर अपने लंड को घुसाया तो वह चिल्लाने लगी

जैसे ही गुंजन की योनि के अंदर मेरा लंड घुसा तो वह बहुत ही ज्यादा चिल्लाने लगी थी। मैंने उसके होठों को चूम लिया और उसके बाद में उसे जिस तरह उसे धक्के मरने लगा मुझे मजा आता। गुंजन अपने मुंह से सिसकिया ले रही थी मुझे तो उसके दोनों पैरों को अपने हाथों में लेकर उसे चोदने में मजा आ रहा था।

मैंने उसके एक पैर को अपने कंधे पर रख लिया और दूसरे पैर को बिस्तर पर ही रखा था मै उसकी चूतडो पर बड़ी तेजी से प्रहार कर रहा था। कुछ देर बाद मैंने उसको दीवार के सहारे खड़ा कर दिया

और उसकी योनि के अंदर लंड डाला तो वह चिल्लाने लगी। वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत दर्द हो रहा है तुम धीरे से करो मैंने उसे कहा हां बाबा मैं धीरे से ही कर रहा हूं। गुंजन की योनि के अंदर बाहर मेरा लंड बड़ी तेजी से हो रहा था

मुझे भी पूरी तरीके से मजा आने लगा था और गुंजन को भी पूरा मजा आ रहा था। जब गुंजन अपनी चूतडो को मेरे लंड से टकराती तो वह मुझे कहने लगी तो वह मुझे कहने लगी यह

मेरा पहला मौका है और शायद तुम्हारा भी पहला ही मौका है तुमने मेरी योनि से खून निकल दिया। गुंजन जिस प्रकार से मेरा साथ दे रही थी

मैंने उसकी चूतडो का रंग भी लाल कर दिया था। गुंजन का बुरा हाल हो चुका था मेरा भी लंड छिलकर बेहाल था लेकिन मैंने जब गुंजन की योनि के अंदर अपने वीर्य को गिराया तो गुंजन मुझे कहने लगी

तुम अपने लंड को बाहर निकालो। मैंने अपने लंड को गुंजन की चूत से बाहर निकाला तो वह मुझसे गले मिल गई। उसकी योनि से मेरा माल अब भी टपक रहा था।

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