माधुरी की पलंगतोड़ चुदाई । Desi Sex Stories

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हर सुबह की तरह मैं सुबह की 6:00 बजे मॉर्निंग वॉक पर निकला था। जब मैं वहां से वापस लौट रहा था तो मैंने रास्ते में देखा कि एक व्यक्ति बेहोश हुए थे उनकी उम्र यही कोई 60 वर्ष के आसपास रही होगी। जब मैं उनके पास गया तो उस वक्त वहां पर कोई भी नहीं था लेकिन थोड़ी देर बाद वहां पर काफी लोग आ गए।

वहां पर काफी लोग आ चुके थे और जब उन बुजुर्ग व्यक्ति को मैंने पानी पिलाया तो वह थोड़ा होश में आ गए थे। अब वह ठीक हो चुके थे और फिर वह अपने घर चले गए लेकिन अगले दिन से जब भी वह मुझे देखते तो वह मुझसे जरूर बातें किया करते और हम लोग एक दूसरे से बातें करने लगे थे। उन्होंने मुझे बताया कि वह कुछ समय पहले ही स्कूल से रिटायर हुए हैं।

वह स्कूल में प्रिंसिपल थे और कुछ समय पहले ही वह स्कूल से रिटायर हुए थे और वह मुझसे अक्सर बातें किया करते थे।

एक दिन उन अंकल ने मुझे अपने घर पर आने के लिए कहा तो मैं भी उनके घर पर चला गया। जब मैं पहली बार उनके घर पर गया तो उन्होंने मुझे अपने परिवार से मिलवाया और उनके परिवार से मिलकर मुझे अच्छा लगा।

उनके परिवार में उनका बेटा जो कि स्कूल में टीचर है। उनकी बेटी माधुरी से जब मेरी मुलाकात हुई तो मुझे माधुरी काफी अच्छी लगी और उस दिन के बाद हम दोनों एक दूसरे से बातें करने लगे थे। हम दोनों एक दूसरे से मिलने लगे थे मैं जब भी माधुरी के साथ मुलाकात करता तो मुझे काफी अच्छा लगता और माधुरी को भी बहुत ज्यादा अच्छा लगता था।

यह भी अजीब इत्तेफाक था कि हम दोनों एक दूसरे के इतने ज्यादा करीब आ गए थे कि मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि इस तरीके से हमारी मुलाकात होगी। हम दोनों एक दूसरे के इतने करीब आ गए थे कि अब एक दूसरे के बिना रह पाना मुश्किल ही था। माधुरी अपने फ्यूचर को लेकर बहुत ज्यादा सीरियस थी वह कुछ समय पहले ही अभी कॉलेज से पास आउट हुई थी और वह अपनी नौकरी को लेकर बहुत ही चिंतित थी।

जब भी हम दोनों मिलते तो अक्सर मेरी और माधुरी की इस बारे में बात हो ही जाया करती थी। मैं माधुरी से हमेशा ही कहता कि तुम्हें चिंता करने की आवश्यकता नहीं है जल्द ही कुछ ना कुछ हो जाएगा।

माधुरी अपने करियर को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित थी। जब उसकी जॉब एक अच्छी कंपनी में लगी तो वह नौकरी करने लगी थी और हम दोनों एक दूसरे को कम ही मिला तो कम ही करते थे लेकिन जब भी हम दोनों एक दूसरे को मिलते तो हमें काफी अच्छा लगता। मुझे इस बात की बड़ी खुशी थी कि मैं और माधुरी एक दूसरे के साथ बहुत ही ज्यादा खुश हैं।

जिस तरीके से हमारी मुलाकात होती है और एक दूसरे के साथ हम लोग होते हैं उससे हम दोनों को बहुत ही अच्छा लगता है। एक दिन मैं और माधुरी साथ में बैठ कर बात कर रहे थे हम दोनों एक दूसरे से बातें कर रहे थे तो हमें अच्छा लग रहा था।

मैंने माधुरी से कहा कि अब तो तुम खुश हो तो माधुरी कहने लगी कि हां मैं खुश हूं। माधुरी की नौकरी लग चुकी थी और वह बहुत ज्यादा खुश थी जिस तरीके से उसकी नौकरी लग गई थी।

वह अपनी जॉब को लेकर काफी सीरियस थी। उस दिन हम दोनों एक दूसरे के साथ काफी देर तक बैठे रहे और हमें काफी अच्छा लगा जिस तरीके से उस दिन हम दोनों ने मुलाकात की और हम दोनों ने एक दूसरे के साथ समय बिताया। काफी दिन हो गए थे हम लोग एक दूसरे से मिले भी नहीं थे और एक दूसरे के साथ हम लोग समय भी नहीं बिता पाए थे।

मैं माधुरी से बहुत ही ज्यादा प्यार करता हूं और वह भी मेरे साथ बहुत खुश है। जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे के साथ होते हैं उससे हमें बहुत अच्छा लगता है। मैंने भी माधुरी को अपनी फैमिली से मिलाने का फैसला कर लिया था और जब मैंने माधुरी को अपनी फैमिली से मिलवाया तो सब लोग काफी खुश थे।

हम दोनों चाहते थे कि हम दोनों अपनी जिंदगी साथ में बिताए क्योंकि मैं माधुरी से बहुत प्यार करता हूं हम दोनों एक दूसरे से काफी प्यार करते है। माधुरी भी एक अच्छी कंपनी में जॉब कर रही थी और कहीं ना कहीं वह भी अब यही चाहती थी कि हम दोनों शादी कर ले।

मैंने माधुरी से कहा कि हमें अब शादी कर लेनी चाहिए तो माधुरी इस बात के लिए तैयार थी। माधुरी के पिताजी को इससे कोई भी ऐतराज नहीं था क्योंकि सब लोग इस बात से काफी खुश थे कि हम दोनों शादी कर रहे है। कुछ ही समय बाद हम दोनों की शादी हो गई और जब हम दोनों की शादी हुई तो हम दोनों बड़े ही खुश थे।

माधुरी की ओरिजिनल चुदाई की कहानियाँ

जब हमारी शादी हुई तो हमारी फैमिली इस बात से बहुत खुश थी। माधुरी अब मेरी पत्नी बन चुकी थी माधुरी का मेरी पत्नी बन जाने के बाद मैं और माधुरी साथ में ज्यादा समय बिताने की कोशिश किया करते हैं। हालांकि हम दोनों को टाइम कम ही मिला करता था लेकिन फिर भी जब भी हम दोनों साथ होते तो मैं कोशिश करता कि हम दोनों साथ में समय बिताए।

मुझे और माधुरी को साथ में समय बिताना काफी अच्छा लगता है और एक दिन जब हम दोनों साथ में बैठे हुए थे तो उस दिन माधुरी ने मुझसे कहा कि आज हम लोग कहीं घूमने चलते हैं।

हम लोग उस दिन घूमने के लिए गए और हम लोगो ने काफी अच्छा समय साथ मे बिताया और फिर रात को हम लोग घर लौट आये। उस दिन हमे घर लौटने में काफी देर हो चुकी थी लेकिन फिर भी हम दोनों को काफी अच्छा लगा।

अगले दिन से माधुरी ऑफिस जाने लगी थी और मैं भी अपनी जॉब पर जाने लगा था इसलिए मुझे और माधुरी को कम समय मिल पाता था कि हम दोनों साथ में समय बिता पाए। मैं अक्सर अपने काम के सिलसिले में बाहर ही रहता जिससे मुझे समय नहीं मिलता था और ना ही माधुरी को टाइम मिल पाता था इसलिए हम दोनों एक दूसरे के साथ कम ही समय बिता पाते थे।

हम दोनों अपने शादीशुदा जीवन से बहुत ज्यादा खुश हैं और मैं काफी खुश हूं जिस तरीके से मेरे और माधुरी का रिलेशन चल रहा है। मैं अपने काम के सिलसिले में दिल्ली गया हुआ था तो मेरे साथ माधुरी भी आई थी

क्योंकि माधुरी के मामा जी दिल्ली में रहते हैं और हम लोग कुछ दिनों तक दिल्ली में रहे। मैंने अपना काम खत्म किया और उसके बाद हम लोग वापस मुंबई लौट आए थे। जब हम लोग मुंबई वापस लौटे तो मैंने अपने ऑफिस से कुछ दिनों की छुट्टी ले ली थी।

मैंने कुछ दिनों के लिए अपने ऑफिस से छुट्टी ले ली थी इसलिए माधुरी और मैं साथ में काफी अच्छा समय बिता रहे थे। एक दिन हम दोनों रात के वक्त घर लौटे तो उस दिन मैं और माधुरी एक दूसरे की बाहों में लेटी हुए थे और हम दोनों एक दूसरे से बातें कर रहे थे।

जब मैं माधुरी के होठों को चूमने लगा तो वह खुश हो गई और मुझे कहने लगी लगता है आज आप ज्यादा ही मूड में है। हम दोनों एक दूसरे के तड़पने लगे थे। माधुरी तड़पने लगी थी मुझे काफी अच्छा लग रहा था लेकिन माधुरी ने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर तक समा लिया था। वह मेरे लंड को बड़े ही अच्छे तरीके से मुंह में ले रही थी मुझे काफी अच्छा लग रहा था

जब वह ऐसा कर रही थी। हम दोनों एक दूसरे के साथ बड़े ही खुश हैं और जिस तरीके से हम दोनों का रिलेशन चल रहा है उससे हम दोनों को बड़ा ही अच्छा लगता है।

माधुरी और मैं एक दूसरे की गर्मी को बढ़ा रहे थे। मैं माधुरी के कपड़ों को खोल चुका था मैंने माधुरी के कपडो को उतारा। जब माधुरी की चूत पर मैंने अपने लंड को लगाया तो उसकी चूत से पानी निकलने लगा था और वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही अच्छा लगा है।

वह जिस तरीके से मेरा साथ दे रही थी मैं समझ चुका था अब वह बिल्कुल भी रह नहीं पाएगी। माधुरी की चूत से गर्म पानी बाहर निकल रहा था।

मैंने जैसे ही उसकी चूत के अंदर लंड को घुसाया तो वह गर्म हो चुकी थी। मैंने माधुरी से कहा मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जाएगा। मैंने माधुरी की चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दिया था। मैंने माधुरी की चूत मे अपने लंड को घुसाया तो मुझे काफी अच्छा लग रहा था। वह मेरा साथ दे रही थी अब मैं बड़ी तेजी से उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को किए जा रहा था जिससे मुझे काफी मजा आ रहा था। हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत ज्यादा खुश है।

मैं माधुरी को बड़ी तेजी से धक्के दिए जा रहा था। अब हम दोनों एक दूसरे के साथ अच्छे से दे रहे थे और जैसे ही मेरा वीर्य बाहर गिरा तो मैंने माधुरी से कहा मैं तुम्हारी चूत मारकर बहुत ज्यादा खुश हूं।

मैंने माधुरी के गाल पर पप्पी दी जिससे कि वह मुस्कुरा उठी हम दोनों एक दूसरे की बाहों में लेटे हुए थे। मुझे काफी अच्छा लगा जिस तरीके से उस दिन हम लोगों ने शारीरिक सुख के मजे लिए थे।

हर सुबह की तरह मैं सुबह की 6:00 बजे मॉर्निंग वॉक पर निकला था। जब मैं वहां से वापस लौट रहा था तो मैंने रास्ते में देखा कि एक व्यक्ति बेहोश हुए थे उनकी उम्र यही कोई 60 वर्ष के आसपास रही होगी।

जब मैं उनके पास गया तो उस वक्त वहां पर कोई भी नहीं था लेकिन थोड़ी देर बाद वहां पर काफी लोग आ गए। वहां पर काफी लोग आ चुके थे और जब उन बुजुर्ग व्यक्ति को मैंने पानी पिलाया तो वह थोड़ा होश में आ गए थे।

अब वह ठीक हो चुके थे और फिर वह अपने घर चले गए लेकिन अगले दिन से जब भी वह मुझे देखते तो वह मुझसे जरूर बातें किया करते और हम लोग एक दूसरे से बातें करने लगे थे।

उन्होंने मुझे बताया कि वह कुछ समय पहले ही स्कूल से रिटायर हुए हैं। वह स्कूल में प्रिंसिपल थे और कुछ समय पहले ही वह स्कूल से रिटायर हुए थे और वह मुझसे अक्सर बातें किया करते थे।

एक दिन उन अंकल ने मुझे अपने घर पर आने के लिए कहा तो मैं भी उनके घर पर चला गया। जब मैं पहली बार उनके घर पर गया तो उन्होंने मुझे अपने परिवार से मिलवाया और उनके परिवार से मिलकर मुझे अच्छा लगा।

उनके परिवार में उनका बेटा जो कि स्कूल में टीचर है। उनकी बेटी माधुरी से जब मेरी मुलाकात हुई तो मुझे माधुरी काफी अच्छी लगी और उस दिन के बाद हम दोनों एक दूसरे से बातें करने लगे थे।

हम दोनों एक दूसरे से मिलने लगे थे मैं जब भी माधुरी के साथ मुलाकात करता तो मुझे काफी अच्छा लगता और माधुरी को भी बहुत ज्यादा अच्छा लगता था।

यह भी अजीब इत्तेफाक था कि हम दोनों एक दूसरे के इतने ज्यादा करीब आ गए थे कि मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि इस तरीके से हमारी मुलाकात होगी।

हम दोनों एक दूसरे के इतने करीब आ गए थे कि अब एक दूसरे के बिना रह पाना मुश्किल ही था। माधुरी अपने फ्यूचर को लेकर बहुत ज्यादा सीरियस थी वह कुछ समय पहले ही अभी कॉलेज से पास आउट हुई थी और वह अपनी नौकरी को लेकर बहुत ही चिंतित थी।

जब भी हम दोनों मिलते तो अक्सर मेरी और माधुरी की इस बारे में बात हो ही जाया करती थी। मैं माधुरी से हमेशा ही कहता कि तुम्हें चिंता करने की आवश्यकता नहीं है जल्द ही कुछ ना कुछ हो जाएगा।

माधुरी अपने करियर को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित थी। जब उसकी जॉब एक अच्छी कंपनी में लगी तो वह नौकरी करने लगी थी और हम दोनों एक दूसरे को कम ही मिला तो कम ही करते थे लेकिन जब भी हम दोनों एक दूसरे को मिलते तो हमें काफी अच्छा लगता।

मुझे इस बात की बड़ी खुशी थी कि मैं और माधुरी एक दूसरे के साथ बहुत ही ज्यादा खुश हैं। जिस तरीके से हमारी मुलाकात होती है और एक दूसरे के साथ हम लोग होते हैं उससे हम दोनों को बहुत ही अच्छा लगता है।

एक दिन मैं और माधुरी साथ में बैठ कर बात कर रहे थे हम दोनों एक दूसरे से बातें कर रहे थे तो हमें अच्छा लग रहा था। मैंने माधुरी से कहा कि अब तो तुम खुश हो तो माधुरी कहने लगी कि हां मैं खुश हूं। माधुरी की नौकरी लग चुकी थी और वह बहुत ज्यादा खुश थी जिस तरीके से उसकी नौकरी लग गई थी।

वह अपनी जॉब को लेकर काफी सीरियस थी। उस दिन हम दोनों एक दूसरे के साथ काफी देर तक बैठे रहे और हमें काफी अच्छा लगा जिस तरीके से उस दिन हम दोनों ने मुलाकात की और हम दोनों ने एक दूसरे के साथ समय बिताया। काफी दिन हो गए थे हम लोग एक दूसरे से मिले भी नहीं थे और एक दूसरे के साथ हम लोग समय भी नहीं बिता पाए थे।

मैं माधुरी से बहुत ही ज्यादा प्यार करता हूं और वह भी मेरे साथ बहुत खुश है। जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे के साथ होते हैं उससे हमें बहुत अच्छा लगता है। मैंने भी माधुरी को अपनी फैमिली से मिलाने का फैसला कर लिया था और जब मैंने माधुरी को अपनी फैमिली से मिलवाया तो सब लोग काफी खुश थे। हम दोनों चाहते थे कि हम दोनों अपनी जिंदगी साथ में बिताए क्योंकि मैं माधुरी से बहुत प्यार करता हूं हम दोनों एक दूसरे से काफी प्यार करते है।

माधुरी भी एक अच्छी कंपनी में जॉब कर रही थी और कहीं ना कहीं वह भी अब यही चाहती थी कि हम दोनों शादी कर ले।

मैंने माधुरी से कहा कि हमें अब शादी कर लेनी चाहिए तो माधुरी इस बात के लिए तैयार थी। माधुरी के पिताजी को इससे कोई भी ऐतराज नहीं था क्योंकि सब लोग इस बात से काफी खुश थे कि हम दोनों शादी कर रहे है।

Madhuri Palang Tod Desi Sex Story

कुछ ही समय बाद हम दोनों की शादी हो गई और जब हम दोनों की शादी हुई तो हम दोनों बड़े ही खुश थे। जब हमारी शादी हुई तो हमारी फैमिली इस बात से बहुत खुश थी। माधुरी अब मेरी पत्नी बन चुकी थी माधुरी का मेरी पत्नी बन जाने के बाद मैं और माधुरी साथ में ज्यादा समय बिताने की कोशिश किया करते हैं।

हालांकि हम दोनों को टाइम कम ही मिला करता था लेकिन फिर भी जब भी हम दोनों साथ होते तो मैं कोशिश करता कि हम दोनों साथ में समय बिताए। मुझे और माधुरी को साथ में समय बिताना काफी अच्छा लगता है और एक दिन जब हम दोनों साथ में बैठे हुए थे तो उस दिन माधुरी ने मुझसे कहा कि आज हम लोग कहीं घूमने चलते हैं।

हम लोग उस दिन घूमने के लिए गए और हम लोगो ने काफी अच्छा समय साथ मे बिताया और फिर रात को हम लोग घर लौट आये। उस दिन हमे घर लौटने में काफी देर हो चुकी थी लेकिन फिर भी हम दोनों को काफी अच्छा लगा।

अगले दिन से माधुरी ऑफिस जाने लगी थी और मैं भी अपनी जॉब पर जाने लगा था इसलिए मुझे और माधुरी को कम समय मिल पाता था कि हम दोनों साथ में समय बिता पाए। मैं अक्सर अपने काम के सिलसिले में बाहर ही रहता जिससे मुझे समय नहीं मिलता था और ना ही माधुरी को टाइम मिल पाता था इसलिए हम दोनों एक दूसरे के साथ कम ही समय बिता पाते थे।

हम दोनों अपने शादीशुदा जीवन से बहुत ज्यादा खुश हैं और मैं काफी खुश हूं जिस तरीके से मेरे और माधुरी का रिलेशन चल रहा है। मैं अपने काम के सिलसिले में दिल्ली गया हुआ था तो मेरे साथ माधुरी भी आई थी क्योंकि माधुरी के मामा जी दिल्ली में रहते हैं और हम लोग कुछ दिनों तक दिल्ली में रहे।

मैंने अपना काम खत्म किया और उसके बाद हम लोग वापस मुंबई लौट आए थे। जब हम लोग मुंबई वापस लौटे तो मैंने अपने ऑफिस से कुछ दिनों की छुट्टी ले ली थी।

मैंने कुछ दिनों के लिए अपने ऑफिस से छुट्टी ले ली थी इसलिए माधुरी और मैं साथ में काफी अच्छा समय बिता रहे थे। एक दिन हम दोनों रात के वक्त घर लौटे तो उस दिन मैं और माधुरी एक दूसरे की बाहों में लेटी हुए थे और हम दोनों एक दूसरे से बातें कर रहे थे।

जब मैं माधुरी के होठों को चूमने लगा तो वह खुश हो गई और मुझे कहने लगी लगता है आज आप ज्यादा ही मूड में है। हम दोनों एक दूसरे के तड़पने लगे थे। माधुरी तड़पने लगी थी मुझे काफी अच्छा लग रहा था लेकिन माधुरी ने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर तक समा लिया था।

वह मेरे लंड को बड़े ही अच्छे तरीके से मुंह में ले रही थी मुझे काफी अच्छा लग रहा था जब वह ऐसा कर रही थी। हम दोनों एक दूसरे के साथ बड़े ही खुश हैं और जिस तरीके से हम दोनों का रिलेशन चल रहा है उससे हम दोनों को बड़ा ही अच्छा लगता है। माधुरी और मैं एक दूसरे की गर्मी को बढ़ा रहे थे।

मैं माधुरी के कपड़ों को खोल चुका था मैंने माधुरी के कपडो को उतारा। जब माधुरी की चूत पर मैंने अपने लंड को लगाया तो उसकी चूत से पानी निकलने लगा था और वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही अच्छा लगा है।

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मैंने जैसे ही उसकी चूत के अंदर लंड को घुसाया तो वह गर्म हो चुकी थी। मैंने माधुरी से कहा मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जाएगा। मैंने माधुरी की चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दिया था।

मैंने माधुरी की चूत मे अपने लंड को घुसाया तो मुझे काफी अच्छा लग रहा था। वह मेरा साथ दे रही थी अब मैं बड़ी तेजी से उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को किए जा रहा था जिससे मुझे काफी मजा आ रहा था। हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत ज्यादा खुश है।

मैं माधुरी को बड़ी तेजी से धक्के दिए जा रहा था। अब हम दोनों एक दूसरे के साथ अच्छे से दे रहे थे और जैसे ही मेरा वीर्य बाहर गिरा तो मैंने माधुरी से कहा मैं तुम्हारी चूत मारकर बहुत ज्यादा खुश हूं।

मैंने माधुरी के गाल पर पप्पी दी जिससे कि वह मुस्कुरा उठी हम दोनों एक दूसरे की बाहों में लेटे हुए थे। मुझे काफी अच्छा लगा जिस तरीके से उस दिन हम लोगों ने शारीरिक सुख के मजे लिए थे।

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