मकान मालकिन की रसभरी चूत

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मेरा नाम संतोष है । मैं आगरा का रहने वाला 21 साल का युवक हूं।

मैं नौकरी की तलाश में दिल्ली गया। जहां पर मेरा भाई नौकरी करता है। उसने किसी कंपनी में मेरे लिए नौकरी की बात कर रखी थी। जब मैं दिल्ली पहुंचा।

तो मुझे बहुत अकेला महसूस होता था मैं किसी को जानता भी नहीं था। जहां मेरे भाई का कमरा था। उसी से सटकर हमारे मकान मालिक भी वहीं पर रहते थे। उनके परिवार में पति पत्नी और उनके एक लड़का एक लड़की थे।

भाभी बहुत माल थी । भाभी का नाम मोनिका था। पर सभी लोग भाभी को मोना बुलाते थे। मोना भाभी के पति भी काम के सिलसिले में अक्सर बाहर ही रहते थे। उनके बच्चे भी स्कूल जाते थे। हमारा टॉयलेट बाथरूम कॉमन ही था।जनवरी की बात है।

दिल्ली में बहुत ठंड पड़ रही थी। मैंने सोचा चलो आज नहा लेते हैं। मैंने पानी किया और नहाने चले गया।  मेरा भाई और मोना भाभी के पति काम पर जा चुके थे। बच्चे भी स्कूल जा चुके थे।

मैं मज़े से नहा रहा था पानी में गरमा-गरम था जिसे ठंडी का अहसास बिल्कुल नहीं हो रहा था। मैं नंगा नहा रहा था।

शायद मैं बाथरूम की कुंडी लगाना भूल गया। इतना मैं शायद मोना भाभी को मुत लग गई थी। और मोना भाभी नहीं जैसे ही बाथरूम का दरवाजा खोला मैं बाथरुम में नहा रहा था। मोना भाभी की नजर मुझ पर पड़ी मैं नंगा था मोना भाभी ने मेरे लंड को भी देख लिया था।

मैंने भी मोना भाभी की तरफ देखा मेरा भी खड़ा हो गया। मोना भाभी ने मुस्कुरा दिया उनकी मुस्कुराहट में कुछ शरारत झलक रही थी। और उन्होंने बाथरूम का दरवाजा बंद कर दिया और वह चली गई।

हमारे लिए यह बहुत अजीब भी था और अच्छा भी लग रहा था। मैं दुविधा में था कि कहीं भाभी मेरे भाई से कुछ बोल ना दे। मैं चुपचाप अपने कमरे में नहा कर आ गया।

फिर शाम हो गई थी। मेरा भाई और भाभी के पति भी आ चुके थे। मैं डर भी रहा था कि कहीं भाभी मेरे भाई से कुछ बोल ना दे। लेकिन भाभी ने कुछ बोला नहीं।

इतने में मोना भाभी हमारे कमरे में आई भाभी के हाथ में कुछ था भाभी ने भाई को दिया और कहा आज मैंने खीर बनाई है। भाभी ने भाई को खीर दी और मेरी तरफ देखा मुझे लगा शायद कुछ बोल ना दे

मैं अंदर ही अंदर डर भी रहा था। लेकिन भाभी ने कुछ बोला नहीं और मेरी तरफ देखा और एक शरारत भरी नजरों से देखकर और मुस्कुरा कर चली गई।तब मुझे कुछ राहत महसूस हुई।

मैं रात को बिस्तर पर लेटा लेकिन मुझे नींद ही नहीं आई।

मैं भाभी के ख्यालों में खो गया। मैंने रात को ब्लू फिल्म देखी और मोना भाभी के नाम का मुठ मारकर सो गया। फिर अगले दिन जब मेरा भाई जा रहा था उसने कहा कि जहां मैंने नौकरी की बात की है वहां पर उन्होंने 15 दिन के बाद इंटरव्यू के लिए बुलाया है।

मैंने अपने बड़े भाई को बोलो ठीक है। और मेरे भैया काम पर चले गए। भाभी के पति भी बैग लेकर निकल ही रहे थे कि उन्होंने मुझे देखा। देखते ही पूछा भैया चले गए तुम्हारे मैंने कहा जी भैया भैया तो ऑफिस जा चुके हैं।

मैंने भी पूछा भैया कहीं जा रहे हैं आप उन्होंने भी जवाब दिया हां काम के सिलसिले में इंदौर जा रहा हूं।

लौटूंगा एक हफ्ते में फिर भैया ने बोला मोना का ध्यान रखना। और फिर वह चले गए। और बच्चों की भी छुट्टियां पड़ी थी तुम भाभी ने बच्चों को उनके नाना नानी के यहां भेज दिया जो कि पास में ही रहते थे।

मैं अपने कमरे में बैठा हुआ था टी वी देख रहा था। मोना भाभी शायद काम कर रही थी। कभी पास की कोई आंटी मोना भाभी के घर आई और फिर थोड़ी देर में चली गई। शायद किसी काम से आई हूं।

इतने में बर्तन गिरने की आवाज आई और मैं दौड़ता हुआ बाहर आया। देखा तो भाभी के कमरे से आवाज आई थी। मैंने मोना भाभी का दरवाजा खटखटाया तो भाभी ने आवाज़ लगाई कौन मैंने कहा भाभी जी संतोष।

भाभी ने मुझे अंदर आने को कहा। जैसे ही मैं अंदर गया तो भाभी ने कहा बैठो मैं बड़ी शालीनता से मैंने पूछा भाभी आवाज आई थी कुछ गिरा क्या। भाभी ने कहा हां वह खाना बना रही थी तो कढ़ाई गिर गई मेरे पैरों पर मैंने पूछा भाभी जला तो नहीं। मोना भाभी ने कहा जला तो है। उन्होंने कहा क्या तुम डॉक्टर हो जो ठीक कर दोगे।

मैंने भी कह दिया हा। उसके बाद भाभी ने अपनी साड़ी उठाई और कहा यह लो डॉक्टर साहब यहां जला है। भाभी के नंगे पैर देखकर मेरा तो खड़ा ही हो गया । मोना भाभी के पैर मक्खन की तरह मुलायम थे। उन्होंने कहा लो डॉक्टर साहब यहां पर जला है। जब भाभी ने साड़ी उठाई तो उनकी लाल कलर की चड्डी भी दिखाई दे रही थी।

मैं अंदर से घबरा भी रहा था। तो भाभी ने भी मजाकिया अंदाज में बोला क्या हुआ डॉक्टर साहब फट गई क्या। फिर तो ऐसा लगा मानो मोना भाभी ने मेरे अंदर से हवस की पुजारी को जगा दिया।

मैंने भी कहा मोना भाभी आगरा से हूं आगरा वालों की कभी फटती नहीं है। वह तो फाड़ते हैं मोना भाभी ने भी अपनी शरारती मुस्कुराहट से पूछ ही लिया कहां फाड़ते हैं।

जरा हम दिल्ली वालों को भी तो बताओ आगरा वाले कैसे फाड़ते हैं। मैंने भी कहा अरे भाभी जाने दो। फिर भाभी ने बड़े प्यार से बोला बार-बार मुझे भाभी को बुलाते हो मुझे मोना बुलाओ। मैंने कहा भाभी आप बड़ी है मुझसे तो मैं भाभी बोलता हूं आपको।

भाभी ने कहा मोना ही बोलोगे अब से तुम मुझे मैंने कहा ठीक है । बातों-बातों में भाभी ने ना जाने कब मेरे गालों और सर पर अपने हाथों से सहलाने लगी। मुझे भी अच्छा लगने लगा था। मैंने भी भाभी की जांघों पर हाथ फेरना शुरू कर दिया। इतने में मोना भाभी गर्म गर्म सांस लेने लगी उनकी की सिसकियां लेने लगी।

तभी भाभी ने मेरे होठों को किस करने लगी। फिर क्या था मैंने भी भाभी को अपनी बाहों में ले लिया। और उनके चूचो को दबाने लगा। फिर तो जैसे सब कुछ किसी कल्पना से कम नहीं था। मैंने भाभी के ब्लाउज को फाड़ दिया। और उनकी रेड कलर की ब्रा को भी खोल दिया। उनके बड़े-बड़े चूचे देखकर लग रहा था जैसे सनी लियोन के जैसे हो।

मैंने उनकी चुचियों को काटने लगा और मोना भाभी की सिसकारियां बढ़ती जा रही थी।उनसे भी रहा नहीं जा रहा था। उन्होंने भी मेरे लंड को पकड़ लिया। और हिलाने लगी। फिर उन्होंने भी मेरे लंड को मुंह में ले लिया।

मुझे ऐसा लगा जैसे मैं सातवें आसमान पर था। फिर क्या था मैंने भी भाभी के मुंह में अंदर तक घुसा दिया उनकी तो सांसे ही रुक गई थी।मेरे लंड को बाहर निकालते हुए बोली मजा आ गया भाभी के मुंह से झाग सा निकल रहा था। बोली तुम्हारा तो इनसे भी बहुत बड़ा है।

मैंने भी भाभी की साड़ी को उतारा और उनकी लाल चड्डी को निकाला और उनकी चूत को चाटने लगा। चूत भी एकदम लाल थी मोना की। उसके बाद मोना से रहा नहीं गया।

मोना ने कहां आऔ मेरी चूत की प्यास बुझाओ। मैंने मोना को घोड़ी बनाकर चोदा। और उसने कहा मजा आ रहा है। और करो फिर मैंने उसको उठाया और उसके बिस्तर तक ले गया और चोदता रहा। जब तक उसकी फट नहीं गई।

मेरा भी गिरने वाला था मेरा का क्या करूं मोना भाभी ने कहा अंदर ही गिरा दो जिससे मेरी प्यार बुझ जाए। मैंने अंदर ही गिरा दिया। मुझे जो मजा आया।वैसा मजा उससे पहले कभी आया नहीं था।

फिर मोना उठी और कपड़े से साफ किया। बोली तूने तो वाकई में मेरी फाड़ दी। संतोष इतने समय बाद मेरी प्यास बुझी है। मुझे इतना मजा बहुत पहले मेरे प्रेमी ने दिया था।

उसका भी तुम्हारी तरह सख्त और कड़क था। और मोना ने मुझे कहां जब तक मेरे पति आ नहीं जाते तब तक तुम मुझे रोज चोदोगे। मैं भी मन ही मन खुश था। मैंने भी कहा हां मोना मैं तुम्हें रोज चोदूंगा।

फिर मैंने मोना के पैर पर दवाई लगाई। और उसके बिस्तर पर ही हम दोनों सो गए। उसके बाद हमने खाना खाया। और ऐसे ही लगातार दिन रात मैं मोना को चोदता रहा। वह भी बहुत खुश है।

उसके बाद मेरी भी जॉब लग गई। अपना कमरा बदल लिया है पर मैं जब भी समय लगता है।मोना को चोद आता हू। जब उसका मन करता है तो वह भी मुझे बुला लेती है। मोना की चूत अब भी पहले जैसे है।

2 thoughts on “मकान मालकिन की रसभरी चूत”

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