अंदर तक डालो ना बाबू

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मैं आगरा का रहने वाला हूं मेरे पिताजी फैक्ट्री में काम करते थे

उन्होंने कभी भी हमें कोई कमी महसूस नहीं होने दी लेकिन कुछ वर्षों से उनकी तबीयत काफी खराब चलने लगी जिससे कि घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ने लगी क्योंकि घर में कमाने वाले वही थे।

उसके बाद मेरे ऊपर ही सारी जिम्मेदारियां आने वाली थी क्योंकि मैं घर का इकलौता लड़का था और मेरे पीछे मेरी दो बहने हैं जिनकी मुझे ही शादी करवानी है।

मेरे पास अब कोई रास्ता नहीं था सिवाय दिल्ली जाने के दिल्ली में मेरे मामा जी रहते हैं

उन्होंने मुझे कहा बेटा तुम दिल्ली आ जाओ और यहां पर काम करो सब कुछ ठीक हो जाएगा तुम बिल्कुल भी चिंता मत करना हम लोग तुम्हारे साथ हैं।

मेरे पिताजी की तबीयत अब बिल्कुल भी ठीक नहीं रहती थी इसलिए हम लोग नहीं चाहते थे कि वह अब काम करें और किसी भी प्रकार की वह टेंशन ले इसीलिए मैं दिल्ली चला गया।

मैं जब दिल्ली गया तो मैं उससे पहले भी एक दो बार अपने मामा के घर पर जा चुका था, जब मैं दिल्ली पहुंचा तो वहां पर मैंने सबसे पहले अपने मामा को फोन किया और कहा मैं दिल्ली आ चुका हूं।

मामा ने मुझे कहा तुम वहीं पर रहना मैं तुम्हें लेने के लिए आता हूं मैं स्टेशन के बाहर आकर खड़ा हो गया और वहां पर काफी ऑटो वाले और कार वाले खड़े थे वह मुझे पूछने लगे आपको कहां जाना है

तो मैंने उन्हें कोई जवाब नहीं दिया। कुछ ही समय बाद मेरे मामा मुझे लेने के लिए आ गए मैं उनके साथ चला गया मैं जब मामा के साथ घर पर गया तो मामी मुझे कहने लगी बेटा तुम्हारा सफर कैसा रहा।

मैंने मामी से कहा मामी सफर तो अच्छा रहा आप सुनाइए घर में सब लोग ठीक हैं वह मुझे कहने लगे हां बेटा घर में तो सब कुछ ठीक है।

कुछ देर तक मैंने उन लोगों के साथ बात की तो मामा मुझे कहने लगे बेटा तुम कुछ देर आराम कर लो मैं रूम में चला गया लेकिन मुझे सिर्फ मेरे घर की याद आ रही थी और मैं यही सोच रहा था कि मैं अब आगे क्या करूंगा क्योंकि मैंने अपनी कॉलेज की पढ़ाई भी आधे में ही छोड़ दी थी।

मैं बहुत ज्यादा टेंशन में था लेकिन तभी मामा आ गये और कहने लगे अंकित बेटा तुम लेटे हुए हो मैंने मामा से कहा मामा बस ऐसे ही लेटा हुआ था मामा कहने लगे तुम कुछ देर सो जाते तो तुम्हें अच्छा लगता मैंने मामा से कहा कोई बात नहीं मैं बाद में सो जाऊंगा।

मामा मेरे पास आकर बैठे और कहने लगे अंकित बेटा तुम चिंता मत करना हम लोग तुम्हारे साथ हैं और तुम्हें किसी भी चीज की कोई कमी हम लोगों नहीं होने देंगे।

मेरे मामा बहुत अच्छे हैं और वह हमेशा ही हमारी मदद के लिए सबसे आगे रहते हैं उन्होंने मुझे पूरा भरोसा दिला दिया था और कहा कि तुम बिल्कुल भी फिकर मत करना सब कुछ ठीक हो जाएगा।

अगले दिन मामा ने मुझे अपने दोस्त से मिलवाया वह जिस कंपनी में मैनेजर थे उन्होंने मुझे वहीं पर लगा दिया और कहा कि तुम अपने आगे की पढ़ाई पूरी करो मैंने उन्हें कहा ठीक है

मैं अपने आगे की पढ़ाई पूरी करता हूं। मैंने अपने कॉलेज की पढ़ाई भी जारी रखी और मैं नौकरी भी कर जा रहा था मुझे नौकरी करते हुए करीब 6 महीने हो चुके थे मैंने थोड़े बहुत पैसे जमा भी कर लिए थे मैं नहीं चाहता था कि मैं अब मामा के ऊपर बेवजह बोझ बनूँ। मैंने अपने मामा जी से कहा कि मैं अलग रहना चाहता हूं

मेरे मामा मुझे कहने लगे क्या यह तुम्हारा घर नहीं है। मैंने उन्हें कहा मामा जी मुझे मालूम है कि आपने मेरे लिए बहुत कुछ किया है और आप आगे भी हमारी मदद करते जाएंगे लेकिन फिर भी मैं चाहता हूं कि मैं अब अपने बलबूते कुछ करूं तो आप मुझे रोके मत मामा कहने लगे ठीक है बेटा तुम देख लो जैसा तुम्हें उचित लगता है।

मैंने उन्हें कहा मुझे जब भी आपकी जरूरत होगी तो मैं आपको ही कहूंगा और यह कहते हुए मैंने मामा से कहा आप मेरे लिए एक रूम का  घर किराए पर देख लीजिएगा मामा कहने लगे ठीक है मैं तुम्हारी मामी से कह दूंगा वह यहीं कहीं आस पास कोई घर किराए पर देख लेगी।

मामी ने मेरे लिए एक घर किराए पर देख लिया मैं वहां पर रहने के लिए चला गया मुझे करीब 10 दिन हो चुके थे मुझे पता नहीं था कि वहां पर और कौन-कौन रहता है मैं सिर्फ आंटी से ही मिला था।

मैं सुबह के वक्त अपने ऑफिस चला जाया करता था और शाम को जब आता तो मैं अपने रूम में ही रहता मैं ज्यादा किसी के साथ बात नहीं किया करता था।

एक दिन मेरी छुट्टी थी तो उस दिन मैंने सोचा मैं छत पर जाता हूं और मैं जब छत पर चला गया वहां मुझे एक लड़की दिखी वह मुझे बड़े ही ध्यान से देख रही थी मुझे समझ नहीं आया कि वह लड़की कौन है।

उसकी नजरों में मेरे लिए जो प्यार मुझे दिखा वह मुझे अच्छा लगा परंतु मैं वहां से नीचे चला गया और उसके कुछ दिन बाद मुझे मालूम पड़ा कि वह हमारे मकान मालिक की लड़की संजना है जो कि एक कॉल सेंटर में जॉब करती

संजना मुझे हमेशा ही देखा करती थी लेकिन मैं नहीं चाहता था कि संजना से मैं बात करूं मैंने उसे कभी बात नहीं की परंतु एक दिन संजना ने मुझसे बात की और वह मुझे कहने लगी आप बड़ी ही शर्मीले नेचर के हैं।

मैंने संजना से कहा हां दरअसल मेरा नेचर ही ऐसा है वह कहने लगी अब तो आपको यहां रहते हुए काफी समय हो चुका है लेकिन आप किसी से भी बात नहीं करते मैंने संजना से कहा मुझे ज्यादा किसी के साथ बात करना

अच्छा नहीं लगता। संजना और मैंने उस दिन करीब 10 मिनट तक बात की संजना से बात करना मुझे अच्छा लगा और उसके बाद हम दोनों एक दूसरे से बात किया करते हैं।

वह जब भी मुझे देखती तो हमेशा ही मुझसे बात किया करती लेकिन उसके दिल में मेरे लिए जो फीलिंग थी उसे मैं अच्छी तरीके से जानता था परंतु मैं नहीं चाहता था कि हमारे बीच ऐसा कुछ भी हो जिससे कि हम दोनों का रिलेशन आगे बढ़े। मैं संजना से सिर्फ अपने रिलेशन को बात तक ही सीमित रखना चाहता था

हम दोनों एक दूसरे से बात किया करते तो उसे बहुत अच्छा लगता। मेरे ऊपर मेरे घर की जिम्मेदारियों का बोझ है और मैं चाहता हूं कि मैं अपने माता पिता की सेवा करूं, संजना बड़ी ही मॉडर्न तरीके की है।

एक दिन उसने मुझसे बैठकर बात की और कहा कि आखिरकार तुम मुझसे बात क्यों नहीं करते हो मैं जब भी तुमसे बात करती हूं तुम सिर्फ मुझसे काम की ही बात करते हो और उसके बाद आगे कोई बात नहीं करते।

मैंने उस दिन संजना को सारी बात बताई और कहा देखो संजना तुम्हारे और मेरे परिवार के बीच में एक बड़ी दीवार है मैं गरीब परिवार से हूं। तुम्हारे परिवार में सब लोग अच्छा कमाते हैं

मैं नहीं चाहता हम दोनों के बीच ऐसा कुछ हो जिससे कि तुम्हें कोई तकलीफ हो, संजना मुझे कहने लगी है ऐसा कुछ भी नहीं है तुम गलत सोच रहे हो।

उस दिन संजना ने मुझसे अपने दिल की बात कही और कहा मैं तुम्हें पसंद करती हूं उसका यह मतलब नहीं कि मैं तुम्हारी फीलिंग को भी ना समझूँ कभी आज तक तुमने मुझसे कुछ बात ही नहीं की तो मैं कैसे जान पाऊंगी कि तुम्हारे दिल में क्या चल रहा है। उस दिन मुझे एहसास हुआ कि संजना इतनी भी बुरी नहीं है

जितना मैं उसे समझता हूं मैंने भी संजना से अपने दिल की बात कह दी। हम दोनों एक दूसरे को पसंद करते थे लेकिन मुझे अपने रिलेशन का भविष्य पता नहीं था कि हम दोनों के रिलेशन का क्या होगा।

हम दोनों रिलेशन में थे लेकिन मुझे अपने रिलेशन का भविष्य नहीं पता था परंतु मैं और संजना एक दिन एक साथ घर पर थे उसके घर पर कोई नहीं था।

वह कहने लगी हम लोग नीचे बैठकर मूवी देखते हैं हम दोनों साथ में बैठकर मूवी देखने लगे तभी ना जाने मेरा हाथ संजना की जांघ पर पड़ा तो वह मेरी तरफ देखने लगी,

उसकी नजरों में कुछ अलग फीलिंग थी।

मैंने संजना से कहा तुम मुझे ऐसे क्यों देख रही हो तो वह कहने लगी बस ऐसे ही तुम्हें देखना  अच्छा लग रहा है।

मैंने संजना से कहा क्या मैं तुम्हारे होठों को किस कर लूं उसने कहा हां कर लो मैंने संजना के होठों को किस कर लिया मुझे उसके होठों को चूमने में बड़ा मजा आया काफी देर तक

मैं उसके होठों का रसपान करता रहा। जैसे ही मैंने उसकी टीशर्ट को उतारा तो उसके बड़े स्तनों को मैंने अपने मुंह में ले लिया और उन्हें चूसने लगा उसके स्तनों का रसपान करने में मुझे बड़ा मजा आया मैंने काफी देर तक उसके स्तनों का रसपान किया।

जैसे ही मैंने उसकी योनि को चाटना शुरू किया तो उसकी योनि से गर्म पदार्थ बाहर की तरफ को आने लगा और काफी देर तक मैं उसकी योनि के मजे लेता रहा उसके अंदर का जोश बढ़ता जा रहा था।

उसने मेरे लंड को अपने मुंह में लिया और उसे अच्छे से सकिंग करने लगी मुझे भी बहुत मजा आया जब वह मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूस रही थी लेकिन हम दोनों के अंदर ज्यादा ही जोश पैदा होने लगा था।

मैंने अपने लंड को उसकी योनि के अंदर डाल दिया जैसे ही मेरा लंड उसकी योनि के अंदर घुसा तो उसके मुंह से चिल्लाने की आवाज निकली और वह चिल्लाने लगी लेकिन मैं उसे तेजी से धक्के दिए जाता।

वह अपने दोनों पैरों को चौड़ा कर लेती और मुझे कहती मुझे बड़ा मजा आ रहा है लेकिन उसकी टाइट चूत के मजे में ज्यादा समय तक ना ले सका और मेरा वीर्य पतन कुछ क्षणों बाद हो गया।

जैसे ही मेरा वीर्य पतन हुआ तो संजना ने मुझे गले लगा लिया और कहां आज तुम यहीं रुक जाओ। रात भर हम दोनों एक साथ ही रहे और एक दूसरे के बदन की गर्मी को हमने बडे ही अच्छे से महसूस किया।

मुझे संजना को चोदने में बड़ा मजा आया अब भी हम दोनों एक दूसरे से सेक्स करते हैं लेकिन हमारे रिलेशन का भविष्य मुझे नहीं पता परंतु मुझे उसके साथ सेक्स करने में बड़ा मजा आता है।

3 thoughts on “अंदर तक डालो ना बाबू”

  1. Maharashtra me kisi girl, bhabhi, aunty, badi ourat ya kisi vidhava ko maze karni ho to connect my whatsapp number 7058516117 only ladies

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