बहन और पत्नी की गांड से खून

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मेरा नाम पवन है मैं हरियाणा के रोहतक का रहने वाला हूं, मैं एक शादीशुदा व्यक्ति हूं। मेरी उम्र 30 वर्ष है और मेरी शादी को एक वर्ष हो चुका है। मेरी और मेरी पत्नी की मुलाकात मेरी बहन राधिका ने करवाई थी।

मेरी पत्नी का नाम विदिशा है। वह दोनों कॉलेज में साथ में ही पढती थी, वह दोनों बहुत अच्छी दोस्त की थी इसी वजह से मेरी मुलाकात विदिशा से हुई।

जब मेरी मुलाकात विदिशा से हुई तो मुझे वह पहली नजर में ही पसंद आ गई और मैंने अपनी बहन से इस बारे में बात की तो वह कहने लगी कि विदिशा बहुत अच्छी लड़की है और यदि तुम उससे शादी कर लोगे तो तुम बहुत खुश रहोगे लेकिन विदिशा इस रिश्ते के लिए तैयार नहीं थी।

मैंने उसे काफी मनाने की कोशिश की लेकिन वह बिल्कुल भी मानने को तैयार नहीं थी। मुझे बहुत समय लगा उसे मनाने में तब विदिशा में मुझे हां कह दी। जब उसने मुझे हां कहा तो उसके कुछ समय बाद ही मैंने उसके घर पर शादी का प्रस्ताव भिजवा दिया। मेरी शादी का प्रस्ताव मेरे पिताजी और मामा, विदिशा के कर ले गए थे।

हम लोगों का परिवार भी अच्छा है और हमारे परिवार में सब लोग अच्छी नौकरी पर है इसी वजह से विदिशा के घर वाले मुझे मना नहीं कर पाये और मैं भी एक अच्छी कंपनी में ही नौकरी पर हूं।

जब हम दोनों की शादी हो गई तो उसके बाद हम दोनों ने ही साथ में बहुत अच्छा समय बिताया और राधिका भी हमारे रिश्ते से बहुत खुश थी परंतु अब राधिका और विदिशा के बीच में बिल्कुल भी बात नहीं होती। मैंने कई बार उन दोनों की बात करवाने की कोशिश की लेकिन वह दोनों बात ही नहीं करती।

जब से मेरी शादी हुई है उसके बाद राधिका का व्यवहार भी विदिशा के प्रति बदल गया है। विदिशा का व्यवहार भी राधिका के प्रति बिल्कुल बदल चुका है।

मैंने कई बार उन दोनों को समझाने की कोशिश की परंतु वह दोनों बिल्कुल भी समझते नहीं हैं और फिर मुझे इस बात का बहुत बुरा लगता है इसीलिए मैं सोचने लगा कि क्यों ना उन दोनों को एक बार आपस मे बैठा कर समझाया जाए।मैंने एक दिन दोनों को साथ में बुला लिया, पहले वह बिल्कुल भी तैयार नहीं थी

लेकिन बाद में जब राधिका आ गई तो उसके कुछ समय बाद विदिशा भी कमरे में आ गई और उस दिन मैंने उन दोनों को बहुत अच्छे से समझाया।

मैंने उन दोनों की बात सुनी तो मुझे प्रतीत हुआ कि उन दोनों को एक दूसरे पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है, वह दोनों एक दूसरे पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं करते। उस दिन उन दोनों ने आपस में बिल्कुल भी बात नहीं की और मुझे बहुत बुरा लगा परंतु मैंने सोचा कि अब मै इनसे बात करूंगा तो ठीक नहीं रहेगा इसलिए

मैंने उसके बाद उन दोनों से बिल्कुल भी बात नहीं की और मैं बहुत ही परेशान हो चुका था इसलिए मैंने भी दोनों को समझाना बिलकुल छोड़ दिया था। उन दोनों के झगड़े का कारण उनका अपना ही इगो है, वह दोनों ही एक दूसरे से बिल्कुल भी बात नहीं करना चाहती। उन दोनों के बीच एक बार बहुत छोटी सी बात को लेकर झगड़ा हो गया।

उसके बाद वह दोनों एक दूसरे से बिल्कुल भी बात करना पसंद नहीं करती यदि वह एक दूसरे से बात करते तो शायद वह समस्या हल हो जाती और वह आपस में बात कर सकते थे परंतु जिस प्रकार से उन दोनों का व्यवहार आपस में है, मुझे नहीं लगता कि अब वह दोनों कभी बात करने वाली हैं।

मेरे माता-पिता भी इस बात से बहुत दुखी हैं लेकिन वह लोग ज्यादा किसी से भी इस बारे में बात नहीं करते क्योंकि वह अब बुजुर्ग हो चुके हैं और वह घर पर ही रहते हैं। उन्हें किसी के साथ भी बात करना अच्छा नहीं लगता।

उसी बीच में राधिका के लिए रिश्ते आने शुरू हो गए थे और मैंने जब राधिका से पूछा कि क्या तुम शादी करना चाहती हो, वह कहने लगी कि मैं फिलहाल अभी शादी नहीं करना चाहती मुझे थोड़ा और वक्त चाहिए।

वह कई बार मुझसे भी अच्छे से बात नहीं करती थी और मुझे ही उसे समझाना पड़ता था कि यदि तुम मुझसे सही से बात नही करोगी तो मैं तुमसे कभी भी बात नहीं करूंगा। उसके बाद ही वह मुझसे ठीक से बात किया करती थी।

राधिका का व्यवहार मेरे लिए बिलकुल बदल चुका था और वह मुझे कहती कि तुम अब अपनी पत्नी के साथ ही रहा करो।मैंने उसे कहा तुम इस प्रकार की धारणा अपने मन में बनाओगी तो यह बहुत गलत बात है

क्योंकि उसे अब लगने लगा था कि शायद मैं विदिशा की ज्यादा तरफदारी करता हूं लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं था और वह मेरे बारे में बहुत ही गलत धारणा अपने दिमाग में बैठा रही थी। यदि मैं उस पर कभी भी गुस्सा हो जाता तो वह उल्टा मुझे ही जवाब दे देती थी और अब वह हमसे बिल्कुल भी अच्छे से बात करने को तैयार नहीं थी।

विदिशा हमेशा ही मुझे समझाती थी कि उसके दिमाग में पता नहीं क्या बात आ चुकी है, जिस वजह से वह मुझसे भी बिल्कुल अच्छे से बात नहीं करती।

पहले वह विदिशा के साथ ही रहती थी और वह दोनों साथ में ही कहीं भी बाहर घूमने जाते थे परंतु अब बिल्कुल भी ऐसा नहीं है। अब सब कुछ बदल चुका है, जब भी वह विदिशा को देखती है तो वह वहां से उठ कर चली जाती है। मुझे यह बात बहुत बुरी लगती है

परंतु मैं फिर भी उससे ज्यादा इस बारे में बात नहीं कर सकता, मैंने इस बारे में विदिशा और राधिका को बिल्कुल भी कहना छोड़ दिया था और मैं अपने काम में ही लगा रहता था। मैं जब भी घर में आता तो मैं अपने कमरे में ही बैठा रहता था और वहीं पर मैं अपने ऑफिस का भी काम कर लिया करता था। एक दिन मैं अपने कमरे में ही बैठा हुआ था और काम कर रहा था।

मैं जब टॉयलेट में गया तो उसके बाद जैसे ही मैं बाहर है मेरा लैपटॉप मेरे कमरे में नहीं था। मैं जैसे ही बाहर आया तो मैंने देखा वह मेरी बहन के पास है। मैंने उसे कहा कि तुम मेरे लैपटॉप को क्यों छेड रही हो। वह कहने लगी कि मुझे कुछ जरूरी काम था इसलिए मैंने तुम्हारा लैपटॉप ले लिया। मैंने जब उसे कसकर पकड़ा तो उसके स्तन और गांड मुझसे टकरा रही थी मेरा पूरा मूड खराब हो गया और मैंने उससे किस करना शुरू कर दिया।

मैने उसे वही बिस्तर पर लेटा दिया और उसकी सलवार को उतार दिया। मैंने जल्दी से उसकी योनि के अंदर अपने लंड को डाल दिया तो वह मचलने लगी और मेरा पूरा साथ देने लगी। मैंने अब उसे बड़ी तेजी से झटके देना शुरू कर दिया वह मेरे नीचे थी और मैं उसे बड़ी तेजी से झटके मार रहा था। मैंने उसे बहुत देर तक चोदा जैसे ही मेरा माल उसकी योनि में गया तो मेरी पत्नी विदिशा दरवाजे पर खड़ी यह सब देख रही थी।

मैंने उसे भी अपने पास बुलाया और अपने लंड को उसके मुंह में डाल दिया उसने बहुत अच्छे से मेरे लंड को चूसा। उसके बाद मैंने उसे घोडी बनाते हुए उसकी गांड के अंदर अपने लंड को डाल दिया।

जैसे ही मेरा लंड विदिशा की गांड में गया तो वह चिल्लाने लगी। वह अपनी चूतड़ों को मेरी तरफ करने लगी उसकी गांड से खून निकल गया था क्योंकि मैंने पहली बार उसकी गांड में अपने लंड को डाला था।

अब वह पूरे मूड में थी मुझे भी बहुत मजा आ रहा था मैंने भी उसे बड़ी तेज झटके मारने शुरू करें मै उसे इतनी तीव्रता से झटके दे रहा था कि वह भी मेरा पूरा साथ देने लगी। लेकिन मैं उसकी गांड की गर्मी को ज्यादा समय तक बर्दाश्त नहीं कर पाया और जैसे ही मेरा माल विदिशा की गांड में गिरा तो मुझे बहुत अच्छा लगा।

उसके बाद मैंने राधिका की गांड में अपने लंड को डाल दिया और वह बड़ी तेज चिल्ला रही थी और उसकी गांड से खून निकल आया था। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था जब मैं उसकी गांड मारा था।

उसने भी मेरा पूरा साथ दिया और मैंने उसकी आधे घंटे तक नॉनस्टॉप गांड मारी जिससे कि मेरा लंड बुरी तरीके से छिल चुका था। उसके बाद वह दोनों आपस में बात करने लगी और कहने लगी कि अब से पवन का लंड मै अपनी गांड में लूगी। मुझे बहुत खुशी हो रही थी कि वह दोनों आपस मे बात कर रही हैं।

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