भाई और भाई के दोस्त ने चोदा

4.7/5 - (7 votes)

नमस्ते दोस्तों, कैसे हैं आप सभी ?

मैं आशा करती हूँ कि आप सभी अच्छे होंगे और अपनी अपनी चुदाई की दुनिया में मगन होंगे | मेरा नाम प्रियांशी है और मैं बनारस की रहने वाली हूँ |

मेरी उम्र 20 साल है और मैं फिलहाल दिल्ली में रह कर अपनी पढाई पूरी कर रही हूँ | मैं दिखने में सांवली हूँ और मेरा फिगर एक दम सेक्सी है |

मेरी 34 की चुच्चिया हैं और 36 की गांड है और 32 की कमर है | दोस्तों मैं खाली वक़्त में रोज ही चुदाई की कहानिया पढने के लिए समय निकाल लेती हूँ | दोस्तों आज जो मैं आप लोगो के लिए कहानी लिखने जा रही हूँ

ये मेरी पहली कहानी है और कुछ सच्ची घटनाओ में से एक है | तो अब मैं आप लोगो का ज्यादा समय ना लेते हुए सीधा अपनी कहानी शुरू करती हूँ |

दोस्तों जैसा कि मैंने आप लोगो को बताया कि मैं दिल्ली में रह कर अपनी पढाई पूरी कर रही हूँ |

दिल्ली में मेरा चाचा जी रहते हैं और उनका एक बेटा है जिसका नाम शुभम है |

शुभम एक बहुत मादरचोद लड़का है वो मेरी चूत के लिए कुछ भी कर सकता है |

एक बार शादी के फंक्शन में उसने मुझे प्रोपोस किया और मेरी भी चूत में आग लगी थी तो मैंने उसे तुरंत हाँ कर दिया और फिर अगले ही दिन मैंने उससे अपनी चूत की गर्मी निकलवा ली |

लेकिन अभी कुछ समय से हमे चुदाई के लिए जगह नहीं मिल पा रही थी और मेरी चूत की आग बढती जा रही थी |

मैं शुभम से चुपके चुपके अपने बदन को रगड़व लेती और मैं भी उसे सहला देती | लेकिन आप सभी जानते हैं कि चूत को एक बार लंड का चस्का चढ़ जाए तो फिर उसकी प्यास सिर्फ एक लंड ही बुझा सकता हैं |

मेरी चूत की दुर्दशा क्या हो रही थी ये तड़प सिर्फ मैं ही समझ सकती थी उस समय | जब भी मैं गरम होती तो कभी चूत में ऊँगली डाल कर पानी निकालती तो कभी लौकी डाल के पानी निकालती |

लेकिन मेरा गुजारा इन सब से नहीं हो पा रहा था और मुझे तो बस लंड ही चाहिए था | कुछ समय बाद कॉलेज की छुट्टिया पड़ गई तो मैं अपने घर प्यासी चूत ले कर आ गई |

मैं सिर्फ उसी से इसलिए चुदवाना चाहती थी क्यूंकि उसी ने मेरी चूत की नथ उतारी है और मैं अपनी जवानी किसी और को सौंपना नहीं चाहती थी |

कुछ हफ्ते ऐसे ही बीत गए और फिर मेरा टाइम आ गया दिल्ली जाने का | यहाँ से तो पापा ने मुझे छोड़ दिया स्टेशन लेकिन वहां से शुभम मुझे स्टेशन लेने आया अपनी बाइक पर | फिर मैं उसके साथ बैठ गई एक दम सट के |

मेरी चुच्चिया उसके पीठ पर गड़ रही थी तो उसका लंड खड़ा हो गया | उसने मुझसे कहा कि यार तेरे मम्मे मेरी पीठ पर दबाव बना रहे हैं जिस वजह से मेरा लौड़ा खड़ा हो गया |

तो मैंने कहा यार तू मुझे चोद दे और तेरे लंड की प्यास और मेरी चूत की प्यास मिट जायगी | तो उसने कहा यार मैं कमरे का जुगाड़ तो कर रहा हूँ पर बहनचोद कमरा किसी का खाली मिल नहीं रहा है तू ही बता क्या करू ? तो मैंने कहा रहने दे तुझसे कुछ नहीं हो पायगा | तूने तो एक बार मुझे चोद कर अपनी गर्मी निकाल ही ली है |

तेरा काम तो हो ही गया अब तुझे क्या पड़ी है मेरी चूत की ? मेरी चूत बहुत तड़प रही है लंड खाने को अगर तू मुझे नहीं चोदेगा तो मैं किसी और से चुदवा लूंगी | तो उसने कहा मेरी जान तू टेंशन मत ले मैं कुछ करता हूँ |

फिर हम घर पंहुच गए | मैंने चाचा चाची को नमस्ते किया और फिर अपने रूम में चली गई | मेरा कॉलेज दो दिन बाद चालू होना था | फिर अगले दिन सुबह ही मेरे फ़ोन पे रिंग बजी तो मैंने देखा कि शुभम का फ़ोन है

और तुरंत फ़ोन उठाया | उसने मुझसे कहा कि तू जल्दी तैयार हो कर कॉलेज के पास मिल रूम का जुगाड़ हो गया है |

मैं भी झट से बाथरूम जा कर अपनी चूत शेव की | उसके बाद मैं तुरंत मस्त तैयार हो कर कॉलेज निकल गई | वो कॉलेज के गेट के पास ही था फिर हम दोनों उसके दोस्त के घर चले गए |

जब हम रूम में पंहुचे तो उसने तुरंत मुझे अपनी बांहों में भर लिया | मैंने भी उसका कोई विरोध नहीं किया और उसके होंठ में अपने होंठ रख के चूसने लगी | वो भी मेरे होंठ को चूसने लगा | फिर उसने मेरे टॉप को निकाल दिया और मेरी ब्रा को उतार दिया |

उसके बाद उसने मुझे पूरा नंगा कर दिया और खुद भी नंगा हो गया | फिर उसने तुरंत ही अपने लंड को मेरी चूत में रगडा हो और अलग हो गया | तो मैंने उससे कहा यार अब इंतजार मत करवाओ चोद दो मेरी भोसड़ी को |

तो उसने अपने दोस्त विवेक को बुला लिया और उसे देख कर मैंने तुरंत ही चादर से खुद को ढँक लिया और तभी शुभम ने कहा यार इसका रूम है और इसे भी चुदाई करना है तो चुदवा ले इससे भी |

मैंने कहा नहीं मैं नहीं चुदवाउंगी इससे तो शुभम ने कहा तो ठीक है मैं भी तुझे नहीं चोदुंगा | मैं बुरे हालात में फंस गई थी | आखिर चूत का सवाल था तो मैंने हाँ कर दी और विवेक भी तुरंत नंगा हो गया |

अब विवेक ने मेरी चूत में लंड टिकाया और अन्दर डाल दिया और मुझे चोदने लगा शॉट मारते हुए तो मेरे मुंह से आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न

ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहह की सिस्कारिया निकलने लगी |

शुभम मेरे दूध दबा रहा था | विवेक ने अपनी रफ़्तार पकड़ ली और जोर से चुदाई करने लगा और मैं आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह

आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहह करते हुए सिस्कारिया ले रही थी |

उसके बाद विवेक ने मुझे चोदना जारी रखा और शुभम ने अपना लंड मेरे मुंह में डाल दिया तो मैं उसके लंड को चूसने लगी और विवेक के भी आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ

अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहह करते हुए आन्हे भर रहा था |

थोड़ी देर चुदाई के बाद विवेक ने मेरी चूत के ऊपर ही अपना माल छोड़ दिया | अब विवेक थक कर बैठ गया और शुभम मेरे ऊपर आया और मुझे चोदने लगा अपना लंड डाल कर और मैं भी आआहाआह ऊउन्न्

आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा

आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहह करते हुए मचलने लगी | फिर शुभम ने अपनी चुदाई की स्पीड बढ़ा दिया और जोर जोर से धक्के मारते हुए चोदने लगा तो मैं आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा

आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः

अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहह करते हुए अपनी गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी | फिर उसने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी गांड में धक्का मारा तो उसका आधा लंड मेरी गांड में घुस गया जिससे मुझे बहुत दर्द होने लगा |

मैंने उसे बहुत मना किया कि यार मेरी गांड मत चोदो बहुत दर्द हो रहा है | पर उसने मेरी एक नहीं सुना और एक ही धक्के में पूरा लंड घुसेड़ दिया और चोदने लगा मैं दर्द से आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह

आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह

अहह करने लगी | कुछ समय बाद जब मेरी गांड का छेद ढीला हो गया तो मुझे भी मजा आने लगा और मैं भी अपनी गांड आगे पीछे करते हुए चुदवाने लगी | करीब आधे घंटे तक चुदाई के बाद उसने मेरी गांड में ही अपना माल छोड़ दिया | फिर मैं भी थक कर लेट गई और शुभम भी लेट गया | उसके बाद फिर एक एक बार दोनों ने मेरी चुदाई की |

Leave a comment