चूत का बिल फटा

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मेरा नाम अमन है। यह मेरे स्कूल के समय की बात है। जब मैं स्कूल में पढ़ता था तो मैं बहुत ही शरारती था

इसलिए मेरे घर वाले मुझसे बहुत परेशान रहते थे। मेरी उम्र उस समय 18 साल थी। मैंने अपने स्कूल के एग्जाम दिए थे। इसलिए मेरी छुट्टियां पड़ी हुई थी। घर में मुझसे सब परेशान रहते थे।

मेरे पिताजी भी मुझे बहुत डांटते और कहते रहते थे कि तुम कुछ ज्यादा ही परेशान करते हो। मेरी एक बड़ी बहन है जो मुझ से 1 साल बड़ी है। उसका नाम माधुरी है। वह मुझे बहुत ही समझाती थी और मेरा साथ देती थी।

मैं कभी भी कुछ भी गलती करता था तो वह हमेशा मेरे लिए खड़ी हो जाती थी। मुझे यह  बहुत अच्छा लगता था।

क्योंकि वह हर बार मेरा साथ देती थी। मुझे कभी पैसों की आवश्यकता होती थी तब भी वह मुझे पिता जी से कहकर पैसे दिलवा देती थी। यदि कभी पिताजी पैसे नहीं देते तो वह अपने पास जमा पैसो को मुझे दे देती थी।

उसने इसी साल कॉलेज में एडमिशन लिया है। यह उसका पहला साल है। हम दोनों घर में भी बहुत मस्ती करते हैं लेकिन फिर भी पिताजी उसे बहुत अच्छा मानते हैं और मेरी मा भी उसे बहुत ज्यादा अच्छा मानती है।

वह घर पर अपने ज्यादा दोस्तों को नहीं लाती और ना ही अपने कॉलेज की बातें हमारे घर पर करती है लेकिन एक दिन वह अपनी सहेली को हमारे घर पर लेकर आई। उसका नाम देविका है।

जब मैंने देविका को देखा तो वह मुझे बहुत ही अच्छी लगी। मेरी बहन ने मेरा इंट्रोडक्शन देविका से करवाया। देविका भी मुझे देख कर बहुत खुश हो रही थी और मैं उसे देखकर उसकी तरफ आकर्षित हो गया था।

स्कूल में भी मैंने आज तक किसी को गर्लफ्रेंड नहीं बनाया था। मैंने हमेशा अपने दोस्तों के साथ ही स्कूल में मस्ती की।

अब कुछ दिनों बाद हमारा रिजल्ट भी आने वाला था। मेरी बहन ने देविका से बताया कि मेरा बारहवीं का रिजल्ट आने वाला है। उसने मुझे कहा ठीक है। जब तुम्हारा रिजल्ट आ जाएगा तो मुझे बता देना।

अब मेरा रिजल्ट आ गया। मेरे बहुत ही अच्छे नंबर आए। जितना कि मैंने सोचा भी नहीं था। मेरे घर वाले मुझसे बहुत खुश है और मेरे पिताजी कहने लगे बेटा हमें तो उम्मीद भी नहीं थी कि तुम्हारे इतने अच्छे नंबर आ जाएंगे।

मैंने अपने पिताजी से कहा आप मुझे हमेशा ही शरारती किस्म  का समझते हैं। इसी वजह से आपको कभी भी मुझसे कुछ ज्यादा उम्मीद नहीं होती।

अब मेरे पिताजी ने भी फैसला किया कि मुझे वह एक अच्छे कॉलेज में दाखिला दिलवाएंगे और मेरी आगे की पढ़ाई करवाएंगे। कुछ दिनों बाद उन्होंने मेरा एडमिशन एक बहुत ही अच्छे कॉलेज में करवा दिया। जब उन्होंने मुझे वह बात बताई तो मैं बहुत खुश हुआ।

अब मैं अपने कॉलेज में भी जाने लगा और कॉलेज में मेरे बहुत अच्छे दोस्त बनने लगे। जब मैं घर में जाता तो कई बार मेरी बहन देविका को हमारे घर पर ले आती थी। मैं जब भी उसे देखता हूं तो मेरे अंदर से एक अलग ही तरीके की फीलिंग जाग जाती है। मुझे वह बहुत ज्यादा अच्छी लगने लगी।

एक दिन मैंने अपनी दीदी से इस बारे में बात की। वह मुझे कहने लगी वह उस किस्म की लड़की नहीं है। वह इन सब चक्करों में नहीं पड़ती। मैंने उसे कहा तुम एक बार बात करके तो देखो। यदि वह मान जाएगी तो ठीक है और अगर नहीं मानती तो भी कोई बात नहीं। मैं उससे दोस्ती कर लूंगा।

माधुरी दीदी ने मुझे कहा ठीक है, मैं देवीका से बात करूंगी। उन्होंने देविका को इस बारे में बताया। उसने पहले तो मना कर दिया लेकिन मैंने अपनी बहन से देविका का नंबर ले लिया। अब मैं उसे मैसेजेस करने लगा और बीच बीच में फोन भी कर देता। अब हम दोनों में बहुत अच्छी बातें होने लगी और वह मेरे नजदीक आ गई।

यह बात मेरी दीदी को नहीं पता थी। मैंने भी सोचा कि उन्हें बताना उचित नहीं होगा। उन्हें कुछ समय बाद हम सरप्राइस देंगे। अब एक दिन ऐसे ही उन्होंने हम दोनों को मेरे कॉलेज के बाहर देख लिया। तो उन्होंने देविका से इस बारे में पूछा तो वह कहने लगी, कि हम दोनों अब एक साथ रिलेशन में है।

पहले मेरी बहन बहुत ज्यादा गुस्सा हुई। वह देविका  से कहने लगी कि तुमने मुझे कुछ भी नहीं बताया। तुम्हें इस बारे में मुझे तो बताना चाहिए था। अब उन्होंने मुझसे भी कहा, तुम मेरे भाई हो। मैंने तुम्हारी हर समय मदद की है।

उसके बावजूद भी तुमने मुझसे इस बारे में कुछ नहीं बताया। मैंने उन्हें कहा, हम आपको सरप्राइस देना चाहते थे लेकिन आप ने ही हम दोनों को सरप्राइज दे दिया। अब भी वह थोड़ा गुस्सा थी। इस वजह से मैंने उन्हें कहा कि तुम कैंटीन में चलो।

अब मैं उन दोनों को अपने कॉलेज की कैंटीन में ले गया। जब मैं अपने कॉलेज में ले गया तो वह कहने लगी, तुम्हारा कॉलेज तो बहुत ही अच्छा है। हमारा कॉलेज तो बहुत छोटा है।

जब मैं उन्हें अपने कॉलेज ले गया तो वह बहुत खुश हो गए और कहने लगे की यह कैंटीन है, या फिर कोई रेस्टोरेंट। मैंने उन्हें बताया यह हमारी कॉलेज की कैंटीन है। मैंने उन दोनों से पूछा आप लोग कुछ लेंगे। उन्होंने कहा कि हम पिज्जा खाएंगे।

मैंने उनके लिए पिज्जा ऑर्डर करवा दिया। अब मैंने माधुरी दीदी से कहा कि मैं आपको सारी बात बताने ही वाला था लेकिन उससे पहले आपको सब जानकारी हो गई। वह भी पूछने लगी कि तुम दोनों का रिलेशन कैसे हुआ।

देविका ने बताया कि मैंने उसे फोन पर ही बात करनी शुरू कर दी और हम दोनों का रिलेशन आगे बढ़ता गया। पहले तो मैं तैयार नहीं थी लेकिन अब मुझे भी अमन अच्छा लगने लगा और ऐसे ही हम दोनों अब  रिलेशन में साथ हैं। अब मेरी दीदी ने मुझे कहा कि मैं घर जा रही हूं। क्या तुम भी घर चल रहे हो।

मैंने उन्हें कहा कि हां मैं भी घर चलूंगा। यह कहते हुए मैंने देविका से भी अपने घर चलने के लिए कहा। वह भी हमारे घर आ गई। अब हम तीनों ने बहुत इंजॉय किया और हम तीनों अब ऐसे ही साथ मे कभी कभी घर चले जाया करते और कभी वह हमारे घर आ जाती। जिससे कि हमें बहुत अच्छा लगता और कभी मैं उसे अपने साथ अपनी बाइक पर लॉन्ग ड्राइव पर भी ले जाता। जिससे कि देविका बहुत खुश हो जाती हैं।

ऐसे ही काफी समय बाद हम दोनों का रिलेशन और मजबूत होता चला गया। उसके बारे में मेरे घर पर भी पता चल चुका था लेकिन वह मुझसे कभी भी इस बारे में बात नहीं करते थे।

क्योंकि मैं कॉलेज में भी अच्छे नंबरों से पास होता जा रहा था। इसलिए वह मुझे कभी भी अब किसी चीज के लिए मना नहीं करते और यह मेरे लिए बहुत ही अच्छी बात थी।

एक दिन में देविका के घर पर चला गया। उस दिन शायद उसके घर पर कोई भी नहीं था। मैंने उसे देखा तो उसने एक बहुत ही पतली सी टी शर्ट और एक छोटा सा शॉर्ट पहना हुआ था।

वह मेरे आगे बैठे तो उसकी शॉर्ट में से उसकी चूत साफ दिखाई दे रही थी। मैं उसके पास में बैठ गया और उसकी चूत मे उंगली करने लगा।

मैं जैसे ही उसकी चूत मे उंगली करता तो वह उत्तेजित हो गई। मैंने तुरंत ही उसके छोटे से शाँर्ट को उतार दिया और उसकी पतली टी शर्ट को उतारते हुए उसके स्तनों को अपने मुंह में ले लिया। मैंने उसे अपने लंड को चूसने के लिए कहा उसने अपने मुंह में मेरे लंड समा लिया और बहुत अच्छे से चूसने लगी।

थोड़ी देर तक उसने ऐसे ही मेरे लंड को चूसना जारी रखा। उसके बाद मैंने उसके स्तनों और पूरे शरीर को चाटने शुरू कर दिया। मैंने उसकी गांड को भी अपने हाथों से दबाना शुरु कर दिया। मैं उसकी चूत को चाटे जा रहा था जिससे कि उसका शरीर बहुत ज्यादा मस्त हो गया और वहां मजे में आ गई।

थोड़ी देर बाद मैंने उसकी टाइट योनि में अपने लंड को सटा दिया और धीरे-धीरे अंदर डालने लगा।

जैसे ही मैंने अंदर घुसाया तो यह मेरा पहला बार था और उसका भी पहली बार था। मुझे भी बहुत ज्यादा दर्द हुआ और देविका तो दर्द से चिल्लाने लगी अब मैं उसे ऐसे ही झटके मारता रहा।

मैंने जब अपने लंड पर खून लगा हुआ देखा तो वह उसकी चूत से निकल रहा था। मैं एसे ही धक्के मारता जा रहा था।

मैंने काफी देर तक उसे ऐसे ही झटके मारना जारी रखा और उसके स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसता जाता। कभी अपने हाथों से दबा रहा था मैं उसे झटके मारे जा रहा था। उसने भी अपनी चूत को टाइट कर लिया जिससे कि मैं बर्दाश्त नहीं कर सका और मेरा वीर्य उसके योनि के अंदर ही गिर गया।

मैंने अपने रुमाल से उसकी योनि को साफ किया और अपने लंड को भी साफ किया लेकिन उसका खून अब भी निकल रहा था। मुझे बहुत ही मजा आया।

1 thought on “चूत का बिल फटा”

  1. Maharashtra me kisi girl, bhabhi, aunty, badi ourat ya kisi vidhava ko maze karni ho to connect my whatsapp number 7058516117 only ladies

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