मैडम की पैंटी की खुशबू का आनंद लिया

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मेरा नाम प्रकाश है, मैं चंडीगढ़ का रहने वाला हूं, मैं स्कूल में पढ़ता हूं और यह मेरा स्कूल का आखिरी वर्ष है

इसीलिए मैं अपनी पढ़ाई में पूरा ध्यान दे रहा हूं। मेरी पढाई में मेरी मदद हमारी टीचर कर रही हैं,

उनका नाम सरिता है और वह हमारे स्कूल में ही पढ़ाती हैं। सरिता मैडम हमारी ही कॉलोनी में रहती हैं, वह मेरे घर के पास में ही रहती हैं इसीलिए मैं उन्हें पहले से ही पहचानता था और वह भी मुझ पर बहुत ध्यान देती हैं।

मेरे घर वालों का भी सरिता मैडम के घर पर अक्सर आना-जाना लगा रहता है। मेरे पापा सरिता मैडम के पति के बहुत अच्छे दोस्त हैं और इसी वजह से वह मुझ पर बहुत ज्यादा ध्यान देती हैं।

उनके पास और भी बच्चे ट्यूशन पढ़ने के लिए आते हैं लेकिन मुझे जब भी कोई परेशानी होती है तो मैं उनसे बेझिझक पूछ लिया करता हूं, वह मेरी बहुत मदद करती हैं।

मेरी मम्मी भी सरिता मैडम के साथ जब भी बैठती हैं तो वह हमेशा ही मेरे बारे में उनसे पूछते रहते हैं की प्रकाश पढ़ाई में ध्यान दे रहा है या नहीं। मुझे यह बात हमेशा ही सरिता मैडम बताती हैं और कहती हैं

तुम्हारी मम्मी तुम्हारे लिए बहुत ही चिंतित रहती हैं इसीलिए तुम इस वर्ष अच्छे नंबरों से पास हो जाओगे तो वह खुश हो जाएंगे। मैं पढ़ने में ठीक हूं इसीलिए मेरे माता-पिता भी मुझसे बहुत उम्मीद रखते हैं, मैं जिस स्कूल में पढ़ता हूं

वह स्कूल चंडीगढ़ का बहुत बड़ा स्कूल है और जब मेरे पापा मुझे लेने के लिए नहीं आ पाते तो मैं सरिता मैडम के साथ ही घर आ जाता हूं, अधिकांश मैं सरिता मैडम के साथ ही घर आता हूं।

सरिता मैडम की शादी को भी काफी वर्ष हो चुके हैं और उनकी उम्र भी मेरी मम्मी जितनी हीं है, उनका लड़का अपने नाना नानी के साथ रहता है, वह कभी-कभार ही उनके पास रहने के लिए आता है

क्योंकि उनके साथ कोई नही है, सरिता मैडम ही उनकी इकलौती बेटी है इसीलिए उनका लड़का उन्ही के साथ रहता है, वही उसका पालन-पोषण करते हैं, मैं उसे एक दो बार मिल चुका हूं, वह बहुत अच्छा लड़का है।

अभी कुछ दिन पहले की ही बात है सरिता मैडम के बच्चे का बर्थडे था, वह भी उस दिन घर पर ही आया हुआ था और जब सरिता मैडम ने मुझे उससे मिलवाया तो मैंने उन्हें कहा कि मेरी मुलाकात सारांश के साथ पहले ही हो चुकी है।

शायद यह बात सरिता मैडम को नहीं पता थी, वह भूल चुकी थी, क्योंकि सारांश बहुत ही कम घर आता है। उस दिन उनके घर पर सारांश के नाना नानी भी आए हुए थे। सरिता मैडम कहने लगी तुम लोगों को ही सारांश की बर्थडे की पूरी तैयारी करनी है और कुछ दिनों तक तुम सारांश के साथ ही रहोगे, मैंने उन्हें कहा ठीक है

मुझे कोई भी दिक्कत नहीं है क्योंकि कॉलोनी में सारांश का कोई भी दोस्त नहीं था, मैडम मुझे बहुत अच्छे से जानती हैं कि मैं एक अच्छा लड़का हूं और वह मेरे मम्मी पापा को भी अच्छे से पहचानते हैं

इसी वजह से उन्होंने मुझे ही सारांश के साथ रहने के लिए कहा। मैं सारांश को अपने घर पर लेकर गया और हम दोनों साथ में ही बैठे हुए थे।

सारांश कहने लगा मुझे वीडियो गेम खेलने का बहुत शौक है, मैंने उसे कहा तुम नाना नानी के साथ रहते हो तो वहां पर क्या करते हो, वहां पर तुम्हारे दोस्त भी होंगे, वह कहने लगा हां मेरे दोस्त भी हैं

और मैं शाम के वक्त उनके साथ ही खेलने के लिए चला जाता हूं। सारांश और मेरी बहुत ही अच्छी दोस्ती हो गई थी और जिस दिन सारांश का बर्थडे था उस दिन हमारे ट्यूशन के सारे बच्चे आए हुए थे और हमारी कॉलोनी के भी लगभग सारे लोग आए हुए थे।

सरिता मैडम ने सारांश के बर्थडे की पार्टी हमारे कॉलोनी के कॉमन हॉल में रखवाई थी, वहीं पर सब लोग आये हुए थे। मैंने सरिता मैडम से कहा आज आप साड़ी में बहुत ज्यादा सुंदर लग रही हैं, वह कहने लगी क्यों मैं तुम्हें कभी आज से पहले सुंदर नहीं लगी। वह उस दिन पूरे मजाक के मूड में थी, मैंने भी उन्हें बहुत परेशान किया।

जब सारांश का बर्थडे केक क रहा था तो हम सब लोग क्लैप कर रहे थे, सारांश ने मुझे भी केक खिलाया क्योंकि उसके और मेरे बीच में बहुत अच्छी दोस्ती हो चुकी थी।

मैं भी सारांश के लिए बर्थडे गिफ्ट लाया हुआ था,  मैंने सारांश को बर्थडे गिफ्ट दिया। मेरे मम्मी पापा ने भी सारांश को विश किया,  वह लोग भी पार्टी में आए हुए थे।

सारांश की बर्थडे पार्टी को हम लोगों ने बहुत ही इंजॉय किया और उसके कुछ दिनों के बाद सारांश अपने नाना नानी के साथ चला गया। अब हम लोग हमेशा की तरह ही ट्यूशन जाने लगे और मैं भी सरिता मैडम के साथ ही स्कूल से घर आ जाया करता और उसके कुछ देर बाद ही उनके पास ट्यूशन पढ़ने के लिए चला जाता हूं।

वह ट्यूशन बहुत अच्छा पढ़ाती हैं और जो भी वह पढ़ाती हैं वह मुझे जल्दी से समझ आ जाता है। जब भी वह बिजी होती हैं तो वह मुझे कह देती हैं कि कुछ देर तुम बच्चों को पढ़ा लो, मैं भी बच्चों को पढ़ा लिया करता हूं।

सरिता मैडम मुझ पर ही ज्यादा ध्यान देती हैं यदि मुझे कभी कुछ समझ में नहीं आता तो मैं उनके पास उनके घर ही चला जाए करता हूं। एक दिन मैं उनके घर गया और मुझे एक क्वेश्चन समझ नहीं आ रहा था,

मैंने उनसे वह क्वेशन पूछ लिया। वह मुझे बड़े प्यार से समझाने लगी और जब उन्होंने मुझे वह क्वेशन समझा दिया तो उसके बाद मैंने उनसे पूछा कि आजकल सारांश से आपकी बात भी हुई, वह कहने लगी हां मेरी सारांश के साथ बात हुई थी, वह अच्छा है और कुछ दिनों पहले ही उसने मुझे फोन किया था।

मै सरिता मैडम के साथ उनके बेडरूम में ही था। सरिता मैडम मुझे कहने लगी मैं अभी फ्रेश होकर आती हूं जब वह फ्रेश होने के लिए गई तो मैंने उनके टेबल पर उनकी पिंक कलर की पैंटी को उठा लिया वह मखमल जैसी मुलायम थी मैंने भी उनकी पैंटी को अपने हाथ में पकड़ लिया और उसे सुघने लगा।

जब मैं उसे सुघ रहा था तो उसी वक्त सरिता मैडम आ गई और उन्होंने मुझे पकड़ लिया। वह कहने लगी अच्छा तो तुम यह सब कर रहे हो मैं तुम्हारे घर में सबको बता दूंगी।

मैं डर गया मैंने उन्हें कहा आप घर में किसी को मत बताना। वह मेरे पास बैठ गई और मुझे कहने लगी मैं तुम्हें अपनी चूत की खुशबू सुंघा देती हूं।

उन्होंने जब अपने कपड़े खोले तो मैं उनका बदन देखकर मजे मे आ गया। मेरा छोटा सा लंड इतना ज्यादा बड़ा हो गया कि मैंने कभी भी नहीं सोचा था मेरा लंड इतना बड़ा भी है।

उन्होंने मुझे कहा आ जाओ और मेरे बदन का रसपान करो। मैंने उनके पूरे बदन को अच्छे से चाटा जैसे ही मैंने उनकी योनि के अंदर अपनी उंगली को डाला तो मेरी उंगली गिली हो गई। मुझे ज्यादा कुछ पता नहीं था क्योंकि मैंने पहली बार ही किसी के नंगे बदन को देखा था।

वह मुझे कहने लगी क्या तुमने कभी ब्लू फिल्म देखी है। मैंने उन्हें कहा हां मैंने ब्लू फिल्म बहुत देखी है तो बस तुम ऐसे ही मेरे ऊपर चढ़ जाओ और मेरी चूत को फाड़ कर रख दो।

कुछ देर तक तो मैंने उनकी चिकनी चूत को चाटा और जब उनका तरल पदार्थ बाहर की तरफ निकल रहा था तो मैं उसे अपनी जीभ से चाट रहा था

सरिता मैडम की योनि से कुछ ज्यादा ही पानी निकलने लगा।

उन्होंने मुझे कहा अब तुम अपने लंड को मेरी योनि में डाल दो। मैंने जैसे ही उनकी योनि के अंदर अपना लंड डाला तो मुझे बड़ा अच्छा एहसास होने लगा और उनके बड़े बड़े स्तन देखकर तो

मैं बहुत खुश हो रहा था। मैंने उनके स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और बड़े अच्छे से मै उनके स्तनों का रसपान करता रहा।

उनके बड़े बड़े स्तनों से दूध निकल रहा था, वह बहुत खुश प्रतीत हो रही थी और कह रही थी जिस प्रकार से तुम मेरे दूध को निकाल रहे हो मेरी योनि से उतनी तेजी से पानी बाहर की तरफ को निकल रहा है।

तुम ऐसे ही मुझे धक्के देते रहो मैंने भी उन्हें बड़ी तेजी से झटके देने शुरू कर दिया। यह मेरा पहला ही अवसर था इसलिए मैं भी ज्यादा समय तक उनकी बड़ी योनि को ज्यादा नहीं झेल पाया और जब मेरा माल गिरा तो

वह बहुत खुश हुए और कहने लगी आज के बाद तुम हमेशा मेरी चूत मारोगे। मैंने उन्हें कहा जी मैडम बिल्कुल मै हमेशा आपको चोदूगा।

2 thoughts on “मैडम की पैंटी की खुशबू का आनंद लिया”

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