मामा की लड़की की सहेली को बजाया

4.4/5 - (14 votes)

मेरा नाम मनोज है और मैं मेरठ का रहने वाला हूं। मैं अपने पिताजी के साथ ही उनका कारोबार संभालता हूं। मेरी उम्र 30 वर्ष की है, मुझे उनके साथ काम संभालते हुए काफी वक्त हो चुका है।

मैं और मेरे बड़े भैया ही उनके साथ आप उनका काम देखते हैं। मेरे बड़े भैया की शादी हो चुकी है लेकिन मेरी अभी तक शादी नहीं हुई है।

मैंने अपनी पढ़ाई के बाद से ही अपने पिताजी का कारोबार संभाल लिया था और मैं उसी के चलते हुए बहुत ही व्यस्त रहता हूं। मैं भी उनकी तरह ही बन चुका हूं और मुझे सिर्फ काम से ही मतलब रहता है, मुझे ना तो अपने दोस्तों से मिलना पसंद है और ना ही अब मैं किसी से मिलना पसंद करता हूं।

मैं अपने काम से लौटने के बाद सीधा घर चला जाता हूं और घर में कुछ देर मैं टीवी देखने के बाद सो जाया करता हूं।

यही मेरी दिनचर्या बन चुकी थी। एक दिन मेरी मां कहने लगी कि तुम्हारे मामा की लड़की का रिश्ता हो चुका है, यह सुनकर मैं बहुत ही खुश हुआ क्योंकि वह मुझसे दो वर्ष छोटी है और हम दोनों के बीच बहुत ही दोस्ताना संबंध है। हम दोनों दोस्त के तरीके से ही रहते हैं।

जब मैंने उसे फोन किया तो मैंने उसे कहा कि तुम्हारी शादी होने वाली है और मुझे पता ही नहीं चला।

वो कहने लगी कि मुझे एक लड़का पसंद आ गया था इसलिए मैंने  पापा से इस बारे में बात की तो वो कहने लगे की तुम शादी ही कर लो इसलिए वह सगाई नहीं कर पाए और सीधा ही वह लोग शादी करवा रहे हैं।

वह मुझे कहने लगी कि तुम्हें मेरी शादी में जरूर आना है, मैंने कहा कि मैं तुम्हारी शादी में जरूर आऊंगा। मैं उसकी शादी में जाने की तैयारी करने लगा। मेरे साथ मेरी फैमिली थी। हम लोग अपने मामा के घर चले गए।

वह लोग भी मेरठ में ही रहते हैं इसीलिए हम सब लोग वहां पर चले गए। हमारी दुकान का काम मेरे भैया देख रहे थे क्योंकि वो हमारे साथ नहीं आए और वो कहने लगे कि मैं दुकान का काम संभाल लूंगा आप लोग वहां हो आइये।

जब मैं अपने मामा की लड़की रेखा से मिला तो वह मुझे देख कर बहुत खुश हुई और मैंने उसे कहा कि तुम्हारी शादी की तैयारियां हो चुकी है, वह कहने लगी कि हां लगभग तैयारियां हो चुकी है लेकिन तुम बहुत ही लेट आए।

मैंने उसे कहा कि मैं काम में बिजी रहता हूं इस वजह से मैं तुम्हारे घर जल्दी ना आ सका, इसके लिए तुम मुझे माफ कर देना। वो कहने लगी कोई बात नहीं अब तो मेरी शादी है, उसके बाद मैं अपने ससुराल चली जाऊंगी।

रेखा की बहुत सारी सहेलियां आई हुई थी और उनमें से एक सहेली मुझे अच्छी लग रही थी, उसका नाम संजना है क्योंकि उसे मैं पहले भी एक बार मिल चुका था। मुझे उससे रेखा ने ही मिलवाया था इसलिए मैं उसे जानता था और जब उसने मुझे देखा तो वह मुझे कहने लगी कि आप तो बहुत लेट आ रहे हैं।

मैंने उसे कहा कि मैं अपने काम में बिजी था इसलिए मैं शादी में थोड़ा लेट से पहुंचा। अब वह मुझसे ही बात कर रही थी और वह मुझे अच्छे से जानती थी इसलिए मैं भी उससे बात कर रहा था।

रेखा मेरे मामा की इकलौती लड़की है। मेरे मामा ने उसकी शादी में पूरा खर्चा किया था और बहुत ही अच्छे से सारा अरेंजमेंट किया हुआ था।

रेखा का जो होने वाला पति था वह भी एक बहुत ही अच्छे पद पर है, वो किसी बड़ी कंपनी में अच्छी पोस्ट पर है। संजना और मैं बैठ कर बातें कर रहे थे और हम दोनों ने काफी देर तक बात की।

शादी की सारी तैयारियां हो चुकी थी उसके बाद रेखा की शादी हो गई।

अब हम लोग अपने घर वापस लौट आए। कुछ समय बीतने के बाद एक दिन मैंने सोचा कि मैं संजना को फोन करता हूं, मैंने उस दिन संजना को फोन कर दिया।

जब मैंने उसे फोन किया तो मैंने उसे पूछा क्या तुम फ्री हो, वह कहने लगी कि हां मैं फ्री हूं। मैंने उसे कहा कि यदि तुम्हारे पास समय हो तो तुम मेरे साथ घूमने के लिए चल सकती हो, वो कहने लगी कि हां ठीक है हम घूमने चलते है।

अब वह मेरे साथ मेरी कार में आ गई और हम दोनों घूमने के लिए निकल गए। मैं उसे पहले मूवी लेकर गया, उसके बाद हम लोगो ने साथ में ही लंच किया। उसके साथ मुझे समय बिताना बहुत अच्छा लग रहा था और मुझे समय का पता भी नहीं चला कि कब रात हो गई।

मैंने संजना को उसके घर छोड़ा और मैं सीधा ही अपने घर लौट आया। जब मैं अपने घर आया तो मैंने संजना को फोन किया और उससे मेरी काफी देर तक बात हुई।

मैं उससे फोन में बात करते करते ना जाने कब सो गया मुझे पता भी नहीं चला। जब मैंने उसे दूसरे दिन फोन किया तो मैंने उसे कहा कि मैं बहुत ज्यादा थक गया था इसीलिए तुमसे ज्यादा देर तक बात नहीं कर पाया।

अब मैं भी अपने काम में बिजी था इसलिए मैं बिल्कुल भी संजना को समय नहीं दे पा रहा था और मैं सिर्फ उससे फोन पर ही बात कर लिया करता। अक्सर हम दोनों की फोन पर ही बात हो जाया करती थी। एक दिन वह मुझे कहने लगी कि तुम मुझे काफी दिन से मिले नहीं हो तो यदि तुम्हारे पास समय हो तो हम लोग मिल लेते हैं।

मैंने उस दिन समय निकालते हुए उससे मिलने का प्लान बना लिया। जब मैं संजना से मिला तो वह मुझसे मिलकर बहुत खुश हुई और मुझसे वो कहने लगी कि तुम तो ना जाने कहां गायब हो गए हो। मैंने उसे कहा कि मैं काम में कुछ ज्यादा ही बिजी हो गया हूं इसलिए तुमसे नहीं मिल पा रहा था। उसने मुझे गले लगा लिया उसके बाद मेरा भी मन बहुत ज्यादा खराब हो गया।

मैं उसे अपने एक दोस्त के घर पर ले गया जब मैं उसे वहां ले गया तो पहले वह थोड़ा शर्मा रही थी लेकिन  वह मेरे साथ आ गई और उसके बाद मैंने संजना के होठों को किस करना शुरू कर दिया।

मैंने उसके होठों को बहुत देर तक किस किया जिससे कि उसका शरीर पूरा गर्म होने लगा और मैंने उसकी जींस को नीचे उतारते हुए उसकी चूत मे अपनी उंगली से सहलाना शुरू कर दिया। उसकी योनि से कुछ ज्यादा ही पानी निकलने लगा वह बहुत ज्यादा खुश हो रही थी मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिया और उसके स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया।

उसके स्तन को जब मैने मुंह में लिया तो मुझे बहुत ही अच्छा महसूस होता मुझे बहुत अच्छा लगा रहा था जब मै उसके स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसने लगा। मैने अपने लंड को उसके मुंह के अंदर डाल दिया। उसने जैसे ही मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर लिया तो मुझे बहुत ही मजा आ रहा था।

वह मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर बाहर कर रही थी मुझे इतना अच्छा लग रहा था और उसने अपने मुंह के अंदर काफी देर तक मेरे लंड को लिया।

अब उससे भी बर्दाश्त नहीं हुआ और मुझसे भी बिल्कुल कंट्रोल नहीं हो रहा था मैंने उसे वही बिस्तर पर लेटाते हुए उसके दोनों पैरों को चौड़ा कर दिया और उसकी योनि को बहुत देर तक मैंने अपनी जीभ से चाटा जिससे कि उसका पानी बहुत तेजी से निकलने लगा। मैंने उसकी योनि पर अपने लंड को लगा दिया उसकी योनि बहुत ही ज्यादा टाइट थी इसलिए मुझे उसकी योनि में डालने में बहुत दिक्कत हुई।

मैं उसे बड़ी तेजी से झटके मारे जा रहा था मैंने उसे इतनी तेजी से धक्के मारना शुरू कर दिए कि उसका पूरा शरीर गरम होने लगा और उसे बहुत ही मजा आ रहा था।

वह मेरा पूरा साथ देने लगी वह अपने मुंह से मादक आवाज निकालकर मुझे अपनी और आकर्षित करती।

वह अपने दोनों पैरों को भी पूरा खोल लेते जिससे कि मेरा लंड उसकी पूरी योनि के अंदर तक जा रहा था। उसे बहुत ही अच्छा महसूस हो रहा था जब वह मेरे लंड को अपनी योनि के अंदर तक ले रही थी।

वह बहुत ही खुश हो रही थी और मुझे कहने लगी मेरा तुमसे अपनी चूत मरवाने का बहुत ही मन था लेकिन तुम मुझे इतने दिनों से मिल ही नहीं रही थी इसी वजह से मुझे ही तुम्हारे पास आना पड़ा।

मैंने उसे कहा कि मेरा भी मन था लेकिन मुझे बिल्कुल भी समय नहीं मिल पा रहा था अब मैं उसे ऐसे ही झटके दिए जा रहा था और उन्ही झटको के बीच में ना जाने कब मेरा मल गिर गया मुझे मालूम ही नहीं चला।

Leave a comment