मोहल्ले की भाभी की गांड

3.8/5 - (6 votes)

मेरा नाम राकेश है मेरा डेयरी व्यवसाय का काम है, मेरी दुकान गाजियाबाद में है और मेरी दुकान जिस कॉलोनी में है उस कॉलोनी में मुझे सब लोग जानते हैं क्योंकि  मैंने वह घर अभी कुछ समय पहले ही लिया है।

मैंने बहुत ज्यादा मेहनत की उसके बाद ही मैं अपना डेरी व्यवसाय का काम खोल पाया। पहले मेरी एक छोटी सी दुकान थी लेकिन अब मैंने बहुत बडी दुकान ले ली है। मेरे पिताजी भी मेरी तरफ से बहुत ही खुश है और वह कहते हैं कि तुमने बहुत ही मेहनत की है।

मेरे माता-पिता भी मेरे साथ ही रहते हैं और उन्हें मेरे साथ रहते हुए काफी समय हो चुका है। पहले वह गांव में ही रहते थे लेकिन जब से मैंने घर लिया है उसके बाद वह मेरे पास ही रहने आ गये और तब से वह मेरे साथ ही रह रहे हैं।

मेरी पत्नी भी उनका बहुत ध्यान रखती है, मेरा एक 5 साल का लड़का भी है, उसे अभी कुछ समय पहले ही मैंने स्कूल में दाखिला दिलवाया। मेरी पत्नी ही उसको संभालती है, वह बहुत ही ज्यादा शरारती है। मेरी दुकान में मैंने तीन लड़के काम पर भी रख लिए हैं, जब भी मैं कहीं बाहर होता हूं

तो वह लोग काम संभालते हैं, मेरी कॉलोनी में मेरी सबसे बहुत अच्छी बातचीत है।

एक बार मेरी दुकान के पास ही कुछ लड़के झगड़ा कर रहे थे मैं जब उनके पास गया तो उन्होंने मुझ पर भी हमला कर दिया जिसमें कि मैं बहुत घायल हो गया, मुझे पता नही था कि वह लड़के कौन थे।

मैं बहुत घायल हो गया था और मुझे बिल्कुल भी होश नहीं था, मुझे मेरे दुकान में काम करने वाले लड़के ही अस्पताल ले गए, मैं कुछ दिनों तक अस्पताल में ही था, उसके बाद मैं घर आया तो घर पर मेरी पत्नी ने मेरी बहुत देखभाल की। हमारी कॉलोनी के लोगों ने पुलिस में उन लड़को की कंप्लेंट कर दी थी।

वहां पर अक्सर लोग शराब पीकर आते और घपला करते हैं जिस वजह से हमारी कॉलोनी में बहुत ही दिक्कत होने लगी थी इसीलिए हमारे कॉलोनी के लोगों ने दो सिक्योरिटी गार्ड को रख लिया। अब हमारी मीटिंग भी हर हफ्ते होने लगी थी और उस घटना के बाद सब लोग बहुत ही डरे हुए थे।

जब से हमारी कॉलोनी में उन्होंने गार्ड को रखा तब से हमारी कॉलोनी का माहौल थोड़ा सुधरने लगा था, नहीं तो उससे पहले सब लोग शराब पीकर हमारी कॉलोनी के आस-पास ही घूमते रहते थे।मैं जब दुकान में बैठा हुआ था तो हमारे पड़ोस में रहने वाले ही संजय जी कहने लगे अब थोड़ा कॉलोनी का माहौल सुधर चुका है।

मैंने उन्हें कहा कि जब उस दिन मैं उन लड़कों से बात कर रहा था तो उन्होंने भी मुझ पर सीधा ही हमला बोल दिया और मैं समझ भी नहीं पाया कि यह क्या हो गया है, वह कहने लगे माहौल तो बहुत ही खराब हो गया था लेकिन जब से कॉलोनी बालों ने गार्ड को रखा है तब से कॉलोनी का माहौल थोड़ा ठीक है

नहीं तो यहां पर पहले लोग बहुत ही शराब पीते थे। मैंने उन्हें कहा हां यहां पर लोगों ने पहले शराब का अड्डा ही बना लिया था, वह सब लोग बैठकर यहां पर शराब पीने लगे थे। जब से मेरे साथ यह दुर्घटना हुई थी, उसके बाद से मेरे घर वाले मेरी बहुत चिंता करते थे और मेरी पत्नी तो हमेशा ही डरी रहती थी।

मैं उन्हें हमेशा ही कहता की तुम्हें डरने की आवश्यकता नहीं है,  वह तो उस दिन हो गया लेकिन अब कॉलोनी वालों ने गार्ड को रख लिया है इसलिए तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो लेकिन मेरी पत्नी हमेशा ही डरती रहती थी,

उसके दिल में उसके बाद से डर ही बैठ चुका था। एक बार मैं अपनी दुकान में बैठा हुआ था तो दुकान में ही एक महिला आ गई और वह कॉलोनी में नई नई आई थी, मैंने उनसे पूछा कि क्या आप कॉलोनी में नई आई है,

वह कहने लगी हां मैं कॉलोनी में नई आई हूं। हमारी कॉलोनी में किसी व्यक्ति ने घर बेचा था तो उन्होंने वह घर खरीद लिया। मैंने उनसे पूछा आप क्या करती हैं, वह कहने लगी कि मैं स्कूल में अध्यापिका हूं।

मेरी पहचान उन महिला से भी हो गई थी तो वह जब भी मेरी दुकान पर आती तो हमेशा ही मुझसे बात करके जाती थी, उनका नेचर बहुत ही अच्छा था और मुझे भी उनका नेचर अच्छा लगता था।

एक बार मैं और मेरी पत्नी शाम को हमारी कॉलोनी में ही टहल रहे थे, उस दिन मुझे वही महिला दिखाई दी, उन्होंने मुझे पूछ लिया क्या आप इसी कॉलोनी में रहते है, मैंने उन्हें कहा हां मैं इसी कॉलोनी में रहता हूं।

कुछ देर तक मैंने उनसे बात की और उसके बाद हम लोग वहां से चले गए। जब हम लोग वहां से गए तो मेरी पत्नी पूछने लगी कि यह कौन है, मैंने उसे बताया की इनका नाम सरिता है और यह स्कूल में अध्यापिका हैं,

कुछ समय पहले ही कॉलोनी में आई हैं। मेरी पत्नी मुझे कहने लगी तभी मैंने आज से पहले इन्हें यहां नहीं देखा। मैंने कहा यह अभी कुछ समय पहले ही यहां पर शिफ्ट हुई है।

हमेशा की तरह ही मैं दुकान पर ही रहता।उस दिन मैं दुकान पर ही था और सरिता भाभी दुकान पर आ गई। वह उस दिन ज्यादा मूड में लग रही थी और वह हमेशा ही मुझे देख कर मुस्कुराती तो थी लेकिन उस दिन उनकी कुछ ज्यादा ही इच्छा बाहर की तरफ निकालने लगी।

उन्होंने मुझे कहा यदि आप फ्री हैं तो कुछ समय के लिए मेरे घर पर आ सकती हैं। मैं उनकी बातों को समझ गया मैंने कहा ठीक है मैं आपके घर पर आता हूं। मैं थोड़ी देर बाद उनके घर पर चला गया जब मैं उनके घर गया तो वह मुझे कहने लगी आप इतनी दूर क्यों बैठे हैं आप मेरे पास आकर बैठ जाइए।

उन्होंने मुझे अपने पास बुलाया तो मैंने उन्हें कसकर पकड़ लिया और अपनी बाहों में ले लिया। मैंने सरिता भाभी से कहा क्या आप अकेली रहती है। वह कहने लगी हां मेरा तलाक हो चुका है इसलिए मैं अकेली रहती हूं

लेकिन आज मेरा बड़ा मन था तो मैंने सोचा आप से इस बारे में बात कर ली जाए।मैंने जब उनकी जांघ पर हाथ रखा तो उनकी जांघ बहुत ही मोटी मोटी थी। मैंने उन्हें कहा आप अपनी सलवार खोल कर मुझे अपनी जांघ दिखाइए। मैंने उनकी जांघ पर अपने लंड को रगड दिया तो उनकी चूत से पानी निकलने लगा था।

मैंने उनके कपड़े खोल दिए उन्होंने लाल रंग की पैंटी ब्रा पहनी हुई थी उनका बदन अच्छा लग रहा था। सरिता भाभी ने अपने मुंह के अंदर मेरे लंड को ले लिया और बड़े अच्छे से सकिंग करने लगी वह बहुत देर तक मेरे कडक लंड को चुसती रही। सरिता भाभी कहने लगी तुम्हारा लंड चूस कर आज मुझे मजा आ गया काफी समय बाद मैंने किसी के लंड को इतने देर तक चूसा है। मैंने भी उनके स्तनों का रसपान बहुत देर तक किया।

उनकी चूत के अंदर मैंने अपनी उंगली को बहुत देर तक डाल कर रखा अब वह पूरी उत्तेजना में आ चुकी थी, मैं भी उनकी योनि के अंदर बाहर अपनी उंगली को कर रहा था।

मैंने जैसे ही उनकी योनि के अंदर अपने लंड को डाला तो वह चिल्ला उठी। मैं बड़ी तेज गति से उन्हें चोदने पर लगा था वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत आनंद आ रहा है जब आप मुझे चोद रहे हैं आप इसी प्रकार से मुझे झटके देते रहिए और मेरी इच्छा को पूरा कर दिजिए।

मैने उन्हे बड़ी तेज तेज धक्के दिए मै उनकी इच्छा को मैं पूरा कर रहा था। सरिता भाभी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी मैंने काफी देर तक उनके यौवन का रसपान किया जब मेरा वीर्य उनकी योनि में गिरा तो वह शांत हो गई।

मैंने उन्हें घोड़ी बना दिया और जैसे ही मैंने अपने लंड को उनकी मोटी मोटी गांड के अंदर डाला तो वह चिल्ला उठी और कहने लगी आपने यह क्या कर दिया। मैंने उन्हें कहा आपकी गांड देखकर मुझसे बिल्कुल भी नहीं रहा गया इसलिए मैंने आपकी गांड में अपने काले डंडे को डाल दिया। मैं बड़ी तेजी से उनकी गांड मार रहा था।

जिस प्रकार से मैंने धक्के मारे उनकी गांड का छेद पूरा चौड़ा हो गया लेकिन मैं 5 मिनट से ऊपर झेल नहीं पाया। उसके बाद भाभी मेरी दीवानी हो गई और कहने लगी अब तुम अपने काले डंडे को हमेशा ही

मेरी गांड मे डालने के लिए आ जाया करना। उसके बाद से वह मेरी जुगाड़ बन चुके हैं और जब उनका मन होता है तो वह मुझे बुला लेती है या फिर मेरा मन होता है तो मैं उनके पास चला जाता हूं।

Leave a comment