प्रेमिका की शादी से दो दिन पहले सील तोडी

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मेरा नाम लोकेश है मैं रांची का रहने वाला हूं। मेरी उम्र 35 वर्ष है। मैं कई वर्षों से दिल्ली में जॉब कर रहा था।

मुझे दिल्ली में जॉब करते हुए 9 वर्ष हो चुके हैं।  मेरी मां हमेशा मुझे कहती कि बेटा तुम अब शादी कर लो तुम्हारी उम्र भी निकलती जा रही है।

मैं अपनी मां से हमेशा कहता कि मैं अभी शादी करने के मूड में नहीं हूं मैं अभी शादी नहीं करना चाहता। मैं हमेशा ही उन्हें कुछ ना कुछ बहाना देकर टाल देता लेकिन वह भी मेरे पीछे हाथ धोकर पड़ गई थी और हमेशा मुझे कहती कि अब तो तुम्हें शादी कर ही लेनी चाहिए।

मेरी भी समझ में नहीं आ रहा था कि यह लोग मेरे पीछे क्यों पड़े हैं लेकिन शायद उनका बोलना भी उचित था क्योंकि घर में मैं इकलौता लड़का हूं इसलिए शायद उनका मुझसे यह कहना जायज भी था

लेकिन मैं उनसे हमेशा ही कुछ ना कुछ कहकर बात को टाल देता लेकिन वह हमेशा मुझे कहते कि बेटा अब तो हमारे सारे सगे संबंधी कह रहे हैं कि लोकेश कब शादी करने वाला है।

मैंने भी सोचा कि चलो कुछ दिनों के लिए घर हो आते हैं। मैं जब घर गया तो मैंने देखा कि मेरे पिता की तबीयत भी ठीक नहीं रहती और मेरी मां भी बीमार रहने लगी थी। मेरी बहन कभी कबार उन्हें देखने के लिए आ जाती थी इसलिए मुझे भी लगा कि शायद मुझे अब रांची में ही काम करना चाहिए।

मैंने रांची में एक कंपनी में इंटरव्यू दिया वहां पर मेरा सिलेक्शन हो गया और जब मेरा वहां सिलेक्शन हुआ तो मैंने अपनी दिल्ली की नौकरी छोड़ दी। अब मैं रांची में ही रहने लगा।

मैं इतने सालों बाद रांची में आया था तो वहां पर काफी कुछ बदलाव हो गए थे।

अब सब कुछ पहले जैसा नहीं था। मेरे पुराने दोस्त भी सब अच्छी जॉब पर थे। एक दिन मुझे मेरा एक पुराना मित्र मिला वह मुझे कहने लगा अरे लोकेश तुम कैसे हो।

मैंने उसे कहा मैं तो अच्छा हूं लेकिन इतने सालों बाद तुम मुझे मिल रहे हो। तुम बताओ घर में सब लोग अच्छे तो हैं। वह कहने लगा घर में तो सब लोग अच्छे हैं और अब मेरी 5 साल की लड़की भी है। जब उसने मुझसे यह बात कही तो मुझे भी लगा कि मुझे अब शादी कर लेनी चाहिए। हम लोग उस दिन काफी देर तक बैठे हुए थे।

मैं अपने ऑफिस जाता हूं और ऑफिस से सीधे घर आता हूं बस यही मेरी दिनचर्या बनी हुई थी लेकिन मुझे भी लगने लगा कि अब मुझे शादी कर ही लेनी चाहिए परंतु अब मुझे कोई अच्छी लड़की मिल ही नहीं रही थी और ना ही मुझे कोई लड़की समझ आ रही थी इसलिए मैंने फिलहाल शादी का विचार ही अपने दिमाग से निकाल दिया।

मैं जिस कंपनी में जॉब करता था वहां पर मैं एक अच्छे डेजिग्नेशन पर था। एक दिन एक लड़की इंटरव्यू देने के लिए आई थी। मैं उसे बहुत ध्यान से देख रहा था वह मुझे बहुत ही पसंद आई और मैं सोचने लगा की यह लड़की कितनी सुंदर है लेकिन मुझे नहीं पता था कि मेरा उस लड़की के साथ अच्छा संबंध बन जाएगा।

उसका नाम काजल है और उसका भी सिलेक्शन उसी कंपनी में हो गया। अब वह हमारे साथ ही काम करने लगी थी और जब भी वह मेरे पास बैठी होती तो मुझे उससे बात करके बहुत अच्छा लगता।

एक दिन काजल ने मुझसे पूछ लिया सर आप इससे पहले कहां रहते थे। मैंने उसे बताया कि मैं इससे पहले दिल्ली में जॉब करता था लेकिन घर की परिस्थितियों की वजह से मुझे अब यहीं पर जॉब करनी पड़ रही है। मैंने भी उसे अपने घर के बारे में सब कुछ बता दिया था और उसने भी मुझे अपने घर के बारे में सब कुछ बता दिया।

अब हम दोनों की नजदीकियां इतनी बढ़ गई कि हम दोनों एक दूसरे के बिना बिल्कुल भी नहीं रह सकते थे। मैंने अपने जीवन में कभी भी कल्पना नहीं की थी कि मैं भी औरों की तरह हो जाऊंगा। मैंने कभी भी किसी लड़की को इतना महत्व नहीं दिया था लेकिन अब काजल का महत्व मेरे जीवन में बहुत ज्यादा बढ़ने लगा।

जब भी मुझे किसी चीज की जरूरत होती है या मुझे ऐसा लगता है कि मैं अकेला हूं तो मैं हमेशा उससे ही सम्पर्क कर लेता हूं। मुझे भी लगने लगा कि मुझे काजल के साथ शादी कर लेनी चाहिए।

मैंने एक दिन अपने दिल की बात काजल से कह दी लेकिन उसी समय काजल ने मुझे कहा कि अब यह संभव नहीं है क्योंकि मेरे पिताजी ने मेरे लिए लड़का देख लिया है।

मैंने काजल से कहा कि तुमने मुझे यह बात पहले क्यों नहीं बताई। काजल मुझसे कहने लगी कि मुझे लगा कि शायद आप मेरे लिए सीरियस नहीं है और हमारे बीच में सिर्फ अच्छी दोस्ती है। मैंने उससे कहा कि मैं तुम्हें अपने जीवन में इतना महत्व देने लगा था और तुम यही सोच रही थी कि क्या मैं तुमसे शादी करूंगा या नहीं।

वह मुझे कहने लगी अब इस बारे में तो मैं अपने पिताजी से ही बात करके आपको बताऊंगी लेकिन उसके पिताजी ने भी साफ मना कर दिया था और कहा कि जहां मैंने तुम्हारे लिए लड़का देखा है तुम्हें वही शादी करनी होगी।

मैंने भी अब उम्मीद छोड़ दी थी और इस बारे में मैंने भी काजल से उसके बाद कभी बात नहीं की लेकिन हम दोनों एक दूसरे को बहुत अच्छे से समझते। काजल की शादी का दिन भी नजदीक आ गया और मुझे पता भी नहीं चला।

जब उसकी शादी होने वाली थी उस से 2 दिन पहले वह मेरे पास आई और कहने लगी मुझे तुमसे बात करनी है। वह मुझे अपनी सहेली के घर ले गई। जब मैं उसकी सहेली के घर गया तो वह मेरे गले लग कर रोने लगी और कहने लगी मैं भी तुमसे प्यार करती हूं लेकिन तुमसे शादी नहीं कर सकती इसका मुझे भी अफसोस है।

मैंने उसे गले लगा कर रखा हुआ था। जब हम दोनों एक दूसरे को हग कर रहे थे तो उसके स्तन मुझसे टकरा रहे थे। शायद उसके अंदर कुछ बात ऐसी थी कि वह मुझसे कहना चाहती थी लेकिन कह नहीं पा रही थी।

मैंने भी गर्मजोशी में उसे किस कर दिया। जब उसके होंठ मुझसे टकराते तो मेरे अंदर से गर्मी पैदा होने लगी वह भी अपने आपको नहीं रोक पाई। वह मुझे कहने लगी मुझे आज तुम्हारे साथ ही रहना है।

मैंने उसे मना नहीं किया। मैंने जब उसके कपड़े खोले तो वह पूरी तरीके से गर्म हो रखी थी। वह मुझसे अपने चूत मरवाने के लिए तैयार बैठी थी। मुझे नहीं पता था कि वह भी मुझसे इतना ज्यादा प्रेम करती है। मैंने जब उसकी चूत में अपनी उंगली को लगाया तो उसकी चूत फड़फड़ा रही थी वह मुझे अपनी और खींच रही थी।

उसने शादी से पहले अपनी चूत को पूरी तरीके से साफ किया हुआ था। उसकी चूत में एक भी बाल नहीं था। मैं उसके स्तनों को जब अपने मुंह में लेकर चूस रहा था तो उसे भी मजा आ रहा था। मैंने उसके स्तनों का रसपान बहुत देर तक किया मैने उसके स्तन पर लव बाइट की थी।

मेरे दांत के निशान उसके स्तनों पर इतने गहरे थे कि उसकी उत्तेजना उतनी ही ज्यादा बढने लगी। मैंने जब अपने मोटे लंड को उसकी योनि पर लगाया तो उसकी योनि से गर्मी बाहर निकल रही थी। वह मुझे कहने लगी तुम मुझे ज्यादा ना तड़पाओ जल्दी से तुम मेरी चूत के अंदर अपने लंड को डालकर मेरी इच्छा पूरी कर दो।

मैंने भी धीरे धीरे अपने लंड को उसकी चूत के अंदर डालने की कोशिश की लेकिन उसकी चूत इतनी टाइट थी कि मेरा लंड अंदर ही नहीं जा रहा था। परंतु मैंने कोशिश करते हुए धीरे धीरे धक्का मारना शुरू किया। जैसे ही मेरा लंड उसकी योनि की गहराइयो मे गया तो वह चिल्लाने लगी। उसकी योनि से खून की धार बाहर की तरफ बहने लगी।

उसकी खून की धार इतनी तेज थी मुझे और भी मजा आने लगा। उसकी योनि इतनी ज्यादा टाइट थी कि मैं उसे तेज झटके मार रहा था लेकिन मेरा लंड बड़ा दर्द हो रहा था। मैं भी पूरे जोश में आकर उसे चोदने लगा।

मैंने इतनी तेजी से उसकी चूत मे प्रहार किया कि वह ज्यादा देर तक मेरे लंड को बर्दाश्त नहीं कर पाई और जैसे ही मेरा वीर्य उसकी योनि के अंदर गया तो वह बहुत खुश हो गई। हम दोनों की इच्छा भी पूरी हो चुकी थी।

अगले दिन मैंने उसे उसके घर छोड़ दिया। जब उसकी शादी हो गई तो उसके बाद भी वह मुझसे रिलेशन में है और हमेशा हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स करने के लिए उतारू रहते हैं।

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