सील पैक योनि की गर्मी का मजा sex story । hindi sex stories

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मेरा नाम रोहन है मैं मुंबई का रहने वाला हूं, मैं कंपनी में इंजीनियर हूं और हमारी कंपनी का प्रोजेक्ट अहमदाबाद के पास एक छोटे से गांव में चल रहा था उसी दौरान मेरी मुलाकात रचना के साथ हुई,

रचना को मैंने पहली बार बस स्टॉप पर देखा था उसकी आंखों को देखकर तो जैसे मैं उस पर फिदा ही हो गया और उसे अपना बनाने की चाह अपने दिल में पाल बैठा लेकिन

उसके पिताजी और उसके भैया बड़ी ही खतरनाक किस्म के लोग हैं। उन लोगों के उस गांव में बड़ी ही तूती बोली है वह लोग वहां के बहुत बड़े दबंग है और

मैं रचना के पास भी इस चक्कर में जा नहीं पाया लेकिन एक दिन रचना से जब मेरी बात हुई तो मेरा दिल उसे देखकर धड़कने लगा मेरी शादी भी नहीं हुई है और मेरे अंदर भी उसे अपना बनाने की चाह पैदा हो गई,

मैं एक दिन रचना के परिवार वालों से मिला और जब मैं उनसे मिला तो उस दिन उन्होंने मुझे कहा इंजीनियर बाबू तुम काम करने आए हो तो यहां पर काम करो यह आशिकी मत करो यदि

तुम दोबारा से हमारी बहन के आसपास भी दिखाई दिए तो हम तुम्हारे पैरों की हड्डी तोड़ देंगे और तुम्हें पता भी नहीं चलेगा कि तुम्हारे साथ क्या हुआ।

उन्होंने उस दिन मुझे बहुत ज्यादा बेइज्जत किया लेकिन उस शुक्र है कि उस दिन उन्होंने मुझे छोड़ दिया नहीं तो वह मेरे घर पर ही बहुत ज्यादा धुलाई कर देते। रचना ने भी एक दिन मुझे कहा कि

तुम मेरे बारे में सोचना भूल जाओ यह सब बेकार की बातें हैं तुम अपने काम पर ध्यान दो, मैंने भी सोचा कि मैं रचना को तो अपना बनाना ही चाहता हूं

लेकिन यह संभव कैसे हो पाएगा, मैं उसके काफी समय तक रचना से नहीं मिला और मेरा प्रोजेक्ट भी खत्म होने की कगार पर ही था मैंने सोचा इस प्रोजेक्ट के खत्म होने से पहले रचना को

मैं एक बार कहता हूं कि तुम मेरे साथ शादी कर लो उसके बाद मैं सारी चीजों को देख लूंगा लेकिन रचना से मेरी मुलाकात ही नहीं हो पाई

और मैं मुंबई लौट आया, मैं जब मुंबई आया तो मेरे दिल में सिर्फ यही चल रहा था कि क्या मैंने गलती तो नहीं की लेकिन मेरे लिए तो यह एक दुविधा वाली स्थिति बन चुकी थी मुझे नहीं समझ आ रहा था

कि मुझे ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए क्योंकि मेरा दिल तो सिर्फ रचना के लिए ही धड़क रहा था और मैं उसे अपना भी बनाना चाहता था मैंने कुछ दिनों के लिए अपने काम से ब्रेक ले लिया और मैं रचना के गांव चला गया।

मैं जब उसके गांव गया तो मुझे मालूम पड़ा की रचना की सगाई तो कहीं और ही हो चुकी है, जब मुझे यह बात पता चली तो मैं अंदर से पूरी तरीके से टूट गया, मुझे ऐसा लगा जैसे मेरी कोई बहुत ही जरूरी चीज मेरे हाथ से छूट गई हो लेकिन मैंने भी पूरा मन बना लिया था कि मैं अब रचना से एक बार तो बात कर के ही रहूंगा इसीलिए

एक रात मैं चुपके से उसके घर के अंदर घुस गया, मैं जब उसके घर के अंदर घुसा तो मैंने देखा रचना अपनी मां के साथ बैठी हुई है मैं उनकी छत से सब कुछ देख रहा था और मैं काफी देर तक छत में ही बैठा रहा,

जब छत में रचना की भैया सोने के लिए आए तो वह लोग बड़ी ही गहरी नींद में सो गए और मैं दबे पांव वहां से नीचे रचना के पास चला गया। जब रचना ने मुझे देखा तो वह बड़ी ही तेजी से चिल्ला पड़ी और कहने लगी तुम्हारा दिमाग तो सही है तुम यहां पर क्यों आए हो? क्यों बेकार में अपनी जान को जोखिम में डाल रहे हो?

मैंने रचना से कहा देखो रचना मैं तुमसे सिर्फ एक बार मिलना चाहता था और मैं तुमसे इतना ज्यादा प्रेम करता हूं कि तुम्हारे बिना शायद मैं जी ना पाऊं। वह कहने लगी देखो यह सब बेकार की बातें हैं

अब मेरे परिवार वालों ने मेरे लिए एक लड़का भी देख लिया है और उससे मेरी शादी भी तय हो चुकी है तुम मेरे पीछे क्यों पड़े हो?

तुम्हे तो मुंबई में बहुत अच्छी लड़कियां मिल जाएंगे? मैंने उसे कहा लेकिन मुझे तुम्हारी जैसी लड़की नहीं मिलेगी और मेरा दिल भी तुम्हारे लिए धड़कता है। वह कहने लगी रोहन मैं भी तुमसे प्रेम करती हूं

पर उसका मतलब ये तो नहीं कि मैं तुम्हारे साथ चलूँ, मैंने उसे कहा देखो मैंने तुम्हें भागने के लिए नहीं कहा लेकिन मुझे तो तुमसे प्रेम है और मैं तुम्हें अपना बनाना चाहता हूं तुम ही मुझे बताओ कि मुझे ऐसा क्या करना चाहिए कि जिससे मैं तुम्हें भूल जाऊं।

जब हम दोनों बात कर रहे थे तो उसकी मां रचना के कमरे में आ गई और मैं उसके बिस्तर के नीचे छुप कर बैठ गया, कुछ देर तक उसकी मम्मी वहीं बैठी रही और जब वह उठ कर चली गई तो रचना और मैं दोबारा बात करने लगे,

वह मुझे कहने लगी तुम जल्दी से यहां से चले जाओ यदि इस बारे में किसी को भी भनक लगी तो बिल्कुल भी अच्छा नहीं होगा तुम क्यों आपनी जान को जोखिम में डाल रहे हो, मैंने उसे कहा मैं तुम्हारे साथ कुछ वक्त बिताना चाहता हूं

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उसके बाद मैं चला जाऊंगा। उसने मुझे कहा तो फिर तुम मेरे साथ बिस्तर में बैठ जाओ हम दोनों साथ में बैठकर बात कर रहे थे। हम दोनों बात कर रहे थे उस वक्त मेरा हाथ जब उसके बड़े स्तनों पर पडा तो वह पूरे तरीके से उत्तेजित हो गई। मैंने उसे अपनी बाहों में लेकर किस करना शुरू कर दिया जब

वह मेरी बाहों में आई तो वह अपने आपको ज्यादा देर तक मुझसे दूर नहीं रख पाई। जैसे ही मैंने उसके कपड़े उतारने शुरू किया तो उसने मेरा कुछ भी विरोध नहीं किया जैसे वह भी मुझसे अपनी चूत मरवाना चाहती हो।

मैंने जब उसके होठों पर किस करना शुरू किया तो वह भी मेरा पूरा साथ देती। हम दोनों ने काफी देर तक एक दूसरे को स्मूच किया मैंने उसके बड़े स्तनों पर जीभ को लगाया तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।

मैंने उसकी चूत को बड़े अच्छे से चूसा मैंने उसकी योनि पर अपनी उंगली को लगाते हुए उसकी योनि को सहलाया। वह मुझे कहने लगी मैंने आज तक कभी भी किसी के सामने अपने कपड़े नहीं उतारे यह पहला ही मौका है

इससे तुम अंदाजा लगा सकते हो मैं तुमसे कितना प्रेम करती हूं। मैंने भी जब उसकी चूत पर अपने लंड को सटाया तो उसकी योनि बहुत ज्यादा गर्म हो रही थी। वह मुझे कहने लगी तुम्हारा लंड बहुत ही ज्यादा गर्म है।

मैंने उसे कहा तुम अपने दोनों पैर चौडे कर लो मैंने भी उसकी योनि के अंदर जब अपने लंड को डालने की कोशिश की तो मेरा लंड उसकी योनि में नहीं जा रहा था। मैंने अपने लंड पर तेल लगाया और उसकी योनि में लंड को डालने की कोशिश की तो मेरा लंड उसकी चूत की गहराइयों में खो गया।

उसे बहुत अच्छा महसूस हुआ मैंने भी उसे बड़ी तेज गति से धकके मारना प्रारंभ कर दिया। वह मेरा पूरा साथ दे रही थी और उसकी योनि से खून बह रहा था लेकिन उसे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था।

वह मेरे लंड को लेकर काफी खुश थी मैं ज्यादा समय तक उसके साथ सेक्स का आनंद नहीं ले पाया। मैंने उसके साथ सेक्स किया मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ हम दोनों एक दूसरे को पकड़ कर लेट गए।

सुबह उसने मुझे उठाया और कहने लगी तुम जल्दी से यहां से चले जाओ। मैं दबे पांव वहां से बाहर चला गया, उस दिन के बाद रचना से मेरी मुलाकात काफी समय बाद हुई। उसका एक बच्चा भी हो चुका है

लेकिन वह मेरे आगे अब भी अपने आप को बेबस पाती है। जब भी उसका मन होता है तो वह मुझसे सेक्स करने के लिए आ जाती है।

मैं उससे अब भी उतना ही प्यार करता हूं मैने अभी तक शादी नहीं की है और अब भी

मैं उसे पहले की तरह बेइंतहा प्यार करता हूं। यह बात उसे भी अच्छे से मालूम है, उसकी शादी अहमदाबाद में ही हुई है और जब भी मेरा मन होता है तो मैं उसके साथ अहमदाबाद में चला जाता था।

कुछ समय पहले उसके पति ने सूरत में कुछ काम शुरू कर दिया, मेरे लिए यह बड़ा ही अच्छा था, मैंने भी अहमदाबाद में ही नौकरी ज्वाइन कर ली है अब हम दोनों बहुत ही नजदीक रहने लगे हैं।

मुझे कभी भी ऐसा नहीं लगता मुझे शादी करनी चाहिए क्योंकि मेरी हर एक जरूरतो को रचना पूरा कर देती है।

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