बहुत टाइम बाद चूत मिली

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मेरा नाम रंजीत वर्मा है और मैं राजा की मंडी का रहने वाला हूँ | राजा की मंडी के जगह है जो ग्वालियर के पहले पड़ती है | मैं एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता हूँ और ठीक ठाक कमा लेता हूँ |

मेरी उम्र 29 साल है और मैं दिखने में सांवला हूँ | मेरी हाईट 5 फुट 8 इंच है और मेरा शरीर गठीला है | आज मैं आप लोगो के सामने अपनी एक सच्ची घटना ले कर आया हूँ |

उम्मीद करता हूँ कि आप लोगो को मेरी कहानी अच्छी लगेगी | ये घटना कुछ समय पहले की है | एक बार मेरा ट्रांसफर जबलपुर जिले में हुआ था | मैं कभी जबलपुर नहीं गया हुआ था तो मेरे लिए सब कुछ नया था |

मैं जब स्टेशन पंहुचा तो वहां मुझे एक ऑटो वाले ने ठग लिया | मैं समझ गया कि जबलपुर के लोग बहुत हरामी होते हैं | चलो जैसे तैसे मैं थोड़ी देर के लिए एक लोज में रुक गया कि थोडा रेस्ट कर के फ्रेश हो कर फिर निकलूंगा

कम्पनी ने जहाँ होटल करवाया था | शाम के समय मैं एक दम फ्रेश हो कर नीचे रिसेप्शन के पास गया और उससे पुछा कि साईं होटल कहाँ हैं ? तो उन्होंने बताया कि आप यहाँ से पैदल भी जा सकते हैं ज्यादा दूर नहीं है |

ये सुन कर मैं चौंक गया कि बताओ साला एक तो ऑटो वाले ने ठगा और दूसरा फिर उसी ने ठग लिया और मुझे चूतिया बना दिया क्यूंकि पहला तो उसने मुझे ऑटो के किराये में ठगा और जहाँ मुझे जाना है वहां न ले जा कर किसी और होटल में रुकवा दिया जहाँ से उसका कमीशन बन गया |

मैंने अपना सामान पैक किया और फिर वहां से होटल चला गया पूछ पूछ कर | जिस होटल में मैं रुका हुआ था उसके के सामने एक दो मंजिला घर था |

रात के उस समय करीब 10 बज रहे होंगे तभी मेरी नजर उस घर की खिड़की पर पड़ी | मैंने देखा कि एक बहुत सुन्दर लड़की जों अपनी ड्रेस चेंज कर रही थी | ये देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया |

वैसे दोस्तों मैं कई लड़कियाँ और भाभियाँ को चोद कर संतुष्ट किया है | लेकिन मुझे काफी समय से कोई चूत नहीं मिली थी चोदने को | खैर, सबसे पहले उसने अपनी टॉप को निकाला और शीशे के सामने अपने बड़े बड़े बूब्स को दबा कर निहारने लगी | ये देख मैं और गरम हो गया | मैंने अपने सारे कपड़े निकाल दिया और नंगा हो गया |

अपने बैग से मैंने एक तेल की शीशी निकाला और अपने हाँथ में ले कर लंड पर लगा कर सहलाने लगा | दोस्तों मेरे लंड का साइज़ 8 इंच लम्बा और 2.5 इंच मोटा है |

मैं उसे देख कर मुट्ठी मारने लगा | उसके बाद उसने ब्रा को भी उतार दिया और अपने निप्पलस को गोल गोल घुमाने लगी | ये सब मेरी आँखों के सामने हो रहा था और ऐसा मेरे साथ पहली बार हो रहा था |

उसके बाद पता नहीं क्या हुआ उसने तुरंत ही कपड़े पहन लिए | मुझे बहुत गुस्सा आई कि साला एक तो काफी समय से कोई चूत नहीं मिली और अब दूरदर्शन हो रहे हैं तब भी किस्मत ने साथ न दी |

फिर मैं उठा और बाथरूम में जा कर मुट्ठी मार कर फ्रेश हो गया | फिर मैंने खाने का आर्डर दिया और खाना खा कर सो गया | सुबह जल्दी उठ कर मुझे ऑफिस का काम भी निबटाना था |

जब तक मुझे ऑफिस का रूम आल्लोट नहीं होता तब तक मुझे होटल ही में रुकना था | उसके बाद मैं ऑफिस गया और वहां से मैं 6 बजे छूटता था | जब मैं होटल के नीचे बने के एक टपरे में खड़े हो कर सिगरेट पी रहा था तभी वही लड़की मुझे दिखी | उसे देख कर मैंने सिगरेट छुपा लिया |

उसने एक टॉप और एक जीन्स पहने हुए थी जिससे उसके चूतड़ बड़े ही सेक्सी लग रहे थे | मैंने उसकी उम्र का अंदाजा लगाया | वो लगभग 26 बरस की होगी |

गोरा जिस्म और बलखाती कमर, खुली जुल्फे और मस्त बड़े दूध हाय | सिगरेट पी कर मैं रूम गया और जल्दी से खिड़की खोल कर उसके रूम में आने का इन्तेजार करने लगा |

पर वो रात को आई और उसने मुझे कुछ भी नहीं दिखाया | मैं समझ गया कि अब कुछ नहीं हो सकता | फिर एक दिन मैं ऐसे ही रूम में टीवी देख रहा था |

तभी वो फिर से मुझे दिखी और उस दिन उसने एक मिनी स्कर्ट पहने हुई थी | उसकी जांघे देख कर फिर से मेरा लंड खड़ा हो गया | मैं फिर से नंगा हो कर उसे देख कर मुट्ठ मारने लगा |

वो इस बार पूरी नंगी हो कर लोशन लगा रही थी अपने पूरे बदन पर और यहाँ मेरा बुरा हाल हो रहा था | तभी वो मेरी तरफ पलट गई और मेरा खड़ा लंड देख कर मुस्कुराने लगी | उसकी मुस्कराहट बड़ी ही कातिलाना थी |

मुझे ऐसा लगा जैसे उसे भी लंड की चाहत होगी | वो मेरे लंड को देख कर अपनी चूत में ऊँगली करने लगी और मैं उसके बूब्स को देख कर मुट्ठी मार रहा था |

थोड़ी देर के बाद उसने एक पेज में लिख कर कहा कि सुबह 10 बजे | मैंने भी अंगूठा दिखा कर ओके कह दिया | उसके बाद फिर से हम दोनों एक दूसरे को देख कर मुट्ठी मार रहे थे | 5 मिनट बाद मेरा ढेर सारा लावा निकल गया |

फिर उसने भी अपनी चूत शांत की | अगले दिन मेरा ऑफिस था लेकिन मैंने झूट बोल दिया और कहा कि सर आज मेरी तबियत ख़राब है | फिर सुबह हम होटल के बाहर ही मिले |

मैंने उसका नाम पुछा तो उसने अपना नाम प्रगति बताया | फिर मैंने भी उसे अपना नाम बताया | उसने मुझसे कान में कहा कि तुम्हारा वो तो बहुत बड़ा और मोटा है |

मैंने कहा पर तुम्हारे जिस्म के आगे साला ये भी कुछ नहीं और हम दोनों हंसने लगे | फिर मैंने उससे कहा कि चलो मेरे रूम चलते हैं तो उसने कहा नहीं यार मैं दोपहर को आ पाउंगी क्यूंकि मुझे अभी थोडा काम है |

मैंने कहा ओके | दोपहर में मैं उसके आने का इन्तेजार करने लगा | मैंने पहले ही दो वियाग्रा की गोली खा लिया था |

दोपहर को वो मेरे रूम आई तो मुझसे रहा नहीं गया और मैंने तुरंत ही दरवाजा बंद कर के उसको अपनी बांहों में ले कर सहलाने लगा तो उसने कहा कि यार थोडा सब्र तो करो |

मैंने कहा अब सब्र नहीं होगा जानेमन और उसके होंठ से अपने होंठ को लगा दिया |

मैं उसके होंठ को चूसते हुए उसके बड़े बूब्स को भी दबाने लगा और वो भी मेरे होंठ को चूसते हुए मेरे बदन को सहलाने लगी | हम दोनों ने दस मिनट तक किया और फिर मैंने उसके टॉप को निकाल दिया और ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को मसलने लगा |

फिर मैंने अपने हाँथ उसके पीछे कर के ब्रा को भी उतार दिया और उसके एक बूब को अपने मुंह में ले कर चूसने लगा और दूसरे को सहलाने लगा | वो सिस्कारियां भरते हुए मेरे बदन को सहला रही थी |

फिर मैंने उसके दूसरे बूब को चूसना चालू किया और पहले को दबाने लगा तो उसके मुंह से गरम सिसकिय मैं महसूस कर रहा था |

फिर मैंने उसके दोनों बूब्स को अपने मुंह में ले कर चूसने लगा और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया |

उसके बाद मैंने अपने भी कपड़े उतार कर उसके सामने नंगा हो गया तो उसने मेरे लंड को देख कर तुरंत ही लपक कर अपने मुंह में ले कर चूसने लगी तो मेरे मुंह से भी सिस्कारियां निकलने लगी |

वो मेरे लंड को सुपाड़े को बहुत अच्छी तरह से चाट कर गीला कर रही थी और मैं उसके मुंह को चोद रहा था अपने मूसंड लंड से | फिर उसने मेरे लंड को ऊपर करके मुट्ठी मारने लगी और मेरे दोनों गोटों को चूसने लगी और मैं मदहोश हो कर सिसकियाँ भर रहा था |

उसके बाद मैंने उसकी जीन्स को उतार दिया और फिर पेंटी जो कि पूरी तरह गीली हो चुकी थी उसको भी मैंने उतार कर नंगी कर दिया |

अब मैंने उसे बेड पर लेटा कर उसके पैरो को फैला कर उसकी चूत चाटने लगा और वो सिस्कैर्याँ लेते हुए अपने मम्मों को दबाने लगी | मैंने उसकी चूत को करीब दस मिनट तक चाटा |

उसके बाद मैंने अपने लंड पर कंडोम चढ़ाया और उसकी चूत में पेल दिया और चोदने लगा धक्के मारते हुए तो वो भी सिस्कारियां लेते हुए अपनी कमर उठा उठा कर चुदवाने लगी |

मैं उसके दोनों बूब्स को जोर जोर से दबा कर चोद रहा था और वो सिस्कारियां भरते हुए चुदाई के मजे ले रही थी | मैंने उसको एक घंटे तक खूब चोदा और अपना माल उसके मुंह के ऊपर झड़ा दिया |

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