भाभी ने सिखाया चोदने का तरीका

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हेल्लो दोस्तों, कैसे है आप सभी लोग? आशा करता हूँ अच्छे ही होंगे और ठंड में हमारी लंड खड़ा कर देने वाली कहानियों का मजा भी ले रहे होंगे। दोस्तों आज की कहानी काफी खास होने वाली है

और ये कहानी मेरे जीवन की एक सच्ची घटना पर आधारित है। इस कहानी से आपका लंड तो खड़ा हो ही जायेगा साथ ही आपको बहुत कुछ सीखने को भी मिलने वाला है। तो चलिए बिना देरी किये इस कहानी को शुरू करता हूँ।

यह बात आज से करीब 2 साल पहले की है जब मैं करीब 21 साल का था। 21 वर्ष की उम्र से ही मेरे सर पर एक्टिंग का भूत सवार हो चुका था। मेने काफी समय पहले से ही मॉडलिंग ओर जिम करना स्टार्ट कर दिया था। मेरा कद काफी लंबा था और बॉडी भी मेने काफी अच्छी बना रखी थी।

मैं बिल्कुल किसी एक्टर की तरह लगता था। मेने खुद को इतना आकर्षित बना लिया था कि जो भी लड़की मुझे देखती थी उसे मुझसे प्यार ही हो जाया करता था।

फिलहाल उस समय मैं इन चक्करों में बिल्कुल भी नही पड़ना चाहता था क्योंकि मैं अपने करियर को लेकर काफी चिंता में रहा करता था। मेने कुछ ही सालों में अपने शरीर को काफी अच्छा बना लिया था। अब मैं सोच रहा था कि क्यों ना अब एक्टिंग में जाने के लिए मुम्बई में अपना हाथ आजमाया जाए।

हमारा घर इंदौर में था इसलिए माँ और पापा को मुझे मुम्बई जाने देने के लिए राजी कर पाना काफी मुश्किल था। लेकिन आख़िरकार, मेने माँ बाप को इसके लिए राजी कर ही लिया था।

कुछ ही दिनों के अंदर मैं अपने सपने को पूरा करने के लिए मुम्बई के सफर पर निकल चुका था। मुझे सबकुछ बहुत आसान लग रहा था लेकिन मुम्बई पहुंचने के बाद पता चला कि यहां पर तो मेरे जैसे ही हजारों लोग एक्टर बनने के लिए आये हुए है।

मुम्बई में मेने एक छोटा सा घर किराए पर लिया था जहां पर मेरी ही तरह 2 ओर लड़के भी रहते थे। वो दोनों उस रूम में एक साल से रह रहे थे।

उन दोनों को देखकर में समझ चुका था कि मैं जितना सोच रहा था मेरा सफर उतना आसान भी नही है। मैं कुछ महीनों तक मुम्बई में ही रहा, लेकिन मेरे हाथ अभी तक कुछ नही लग पाया था।

धीरे-धीरे मेरे पैसे भी खत्म होते जा रहे थे और मैं अब ओर ज्यादा पैसे अपने घर वालों से नही मांग सकता था। एक्टिंग का जुनून भी मेरे अंदर इतना था कि मैं मुंबई छोड़कर अब घर भी नही जाना चाहता था।

कुछ दिनों बाद मेने उन चीजों की तरफ देखना शुरू किया जो असल में, मैं कर सकता था। में एक पढ़ा लिखा इंसान था इसलिए मैंने एक कोचिंग सेंटर जो मुझे मेरे रूममेट्स ने बताया था उसमें जाकर 10वी कक्षा के बच्चो को कोचिंग पढ़ाना शुरू कर दिया था।

कोचिंग के पैसों से मेरे रूम ओर खाने पीने का खर्चा अच्छे से निकल जाया करता था लेकिन मुझे समझ नही आ रहा था कि आखिर ऐसा कब तक चलने वाला है।

एक बार की बात है जब कोचिंग में सविता नाम की एक भाभी अपने बच्चे को 10वी की कोचिंग में भेजने के लिये आई और मुझसे कहने लगी “आप मेरे बच्चे को अच्छे से पढ़ायेगा ओर इसका अच्छे से ध्यान रखिएगा।।

आप चिंता मत कीजिये हम इसकी पढ़ाई का अच्छे से ध्यान रखेंगे – मेने जवाब देते हुए कहा

भाभी मुझे कुछ देर तक ऐसे ही घूरती रही और फिर वह भाभी वहां से चली गयी थी। मैं औरतों की नजरों को काफी अच्छे से पहचान लेता था इसलिये मुझे सविता की नीयत कुछ ठीक नही लग रही थी।

सविता भाभी रोज अपने बच्चे को कोचिंग छोड़ने आया करती थी और मुझे बाहर खड़े होकर घूरा करती थी। सविता भाभी की नजरें अक्सर मेरे लंड पर ही हुआ करती थी।

एक दिन भाभी कोचिंग में रोज की तरह आई ओर कहने लगी “क्या आप मेरे बच्चे को घर पर ही पढ़ा सकते है? क्योंकि आने जाने में मेरा काफी समय बर्बाद हो जाता है।

मैं आपको इसके लिए एक्सट्रा पैसे देने के लिए भी तैयार हूं। मुझे भाभी की नीयत बिल्कुल भी अच्छी नही लग रही थी लेकिन मैं भी पैसों के हाथों मजबूर था।

मैं उनके बच्चे को घर पर पढ़ाने के लिए मान गया था और अगले ही दिन से उनके बच्चे को पढ़ाने के लिए उनके घर भी जाने लग गया था।

मैं सविता भाभी के बच्चे को पढ़ाया करता था और भाभी सिर्फ मुझे ही घूरा करती थी। अगले दिन मेरा सिर काफी दर्द कर रहा था लेकिन पैसों की जरूरत के चलते में कोचिंग की छुट्टी नही कर सकता था।इसलिए मैं कोचिंग के बाद ही भाभी के घर उनके बच्चे को पढ़ाने चला गया था।

मैं बार बार अपने सर पर हाथ फेर रहा था इस दौरान भाभी ने मुझसे पूछ लिया कि “क्या हुआ आपके सिर में दर्द है क्या?

हां भाभ वो कल रात बच्चो के पेपर बनाने के चक्कर में ठीक सो नही पाया था – मेने जवाब देते हुए कहा बस इतनी सी बात लाओं मैं आपके सर की मालिश कर देती हूँ – भाभी ने मुस्कुराते हुए कहा

मेने भाभी को इसके लिए मना कर दिया था लेकिन फिर भी पता नही क्यों वह अपनी जिद पर अड़ी हुई थी। उन्होंने तुरंत तेल गरम किया और मेरे सिर की मालिश करना स्टार्ट कर दिया।

सिर के बाद उन्होंने मुझसे पैर की मालिश करवाने के लिए भी कहा, लेकिन मेने इसके लिए साफ मना कर दिया था। भाभी मान ही नही नही रही थी और उन्होंने मेरे पैर की भी मालिश करना चालू कर दिया। मैं हमेशा किसी स्त्री को अपने नजदीक नही आने देता था

लेकिन भाभी लगातार मेरी जाँघों को स्पर्श किये जा रही थी। भाभी के स्पर्श करने से मेरी पेंट में एक लंबा चौड़ा तम्बू तन गया था। भाभी ने जैसे ही मेरे तम्बू को तना हुआ देखा तो वो पहले हल्का सा मुस्कुराई ओर मेरे लंड पर हाथ फेरने लगी। मैं तुरन्त ही कांपता हुआ

खड़ा हुआ ओर बच्चे को “आगे की पढ़ाई कल करेंगे कह कर भागता हुआ वहां से चल गया था।

मेरे साथ उस दिन जो भी हुआ वो सब याद कर के तो मेरे रातों की नींद ही उड़ गई थी। मेने सोच लिया था कि अब मैं अगले दिन भाभी को बच्चे को पढ़ाने के लिए उनके घर नही जाऊंगा।

अगले दिन जब मैं भाभी के घर नही गया तब उनका फोन आया कि आप अभी तक मेरे बच्चे को पढ़ाने के लिए नही आये? ऐसा कैसे चलेगा अगर आप नही आये तो हम आपको फीस नही देंगे इस महीने की। भाभी दुखती हुई नस पर हमला करना अच्छे से जानती थी और उन्हें पता था

कि मुझे पैसों की खास जरूरत है इसलिए वो मुझे पैसों की ही धमकी दिए जा रही थी। मैं उस दिन जल्दी से भाभी के बच्चे को पढ़ाने के लिए उनके घर निकल गया था।

मैं जैसे ही भाभी के घर गया तो मेने पाया कि भाभी का बच्चा जिसे मुझे पढ़ाना था वो घर पर नही है। जब मेने भाभी से पूछा कि उनका बच्चा कहा है तो भाभी ने कहा कि “ वो तो अपनी नांनी के यहां गया हुआ है?

‘तो आपने मुझे क्यों बुलाया आज?” – मेने भाभी से सवाल करते हुए कहा

“मेरा बच्चा नही है तो क्या हुआ आज तुम मुझे ही पढ़ा दो” – भाभी ने जवाब देते हुए कहा

“मुझे ऐसा मजाक बिल्कुल भी पसन्द नही है” – ऐसा कहते हुए मैं वहां से जाने लगा

भाभी मेरी कमजोरी को काफी अच्छे से जानती थी, उन्होंने मुझे रोकते हुए मेरे हाथ मे 2 लाख रुपये की गड्डी थमाते हुए कहा – “तुम्हे इसके लिए बहुत अच्छी कीमत मिलेगी”

पैसे देखकर मैं बिल्कुल अंधा ही हो गया था। मेने भाभीसे पूछा कि “मुझे इसके लिए क्या करना होगा?”

“तुम्हे कुछ करना ही नही है तुम सब कुछ मुझ पर छोड़ दो” इतना कहते हुए भाभी ने मेरे होंठ पर अपने होंठ रखकर।मुझे चूमना शुरू कर दिया था। उन्होंने अपने हाथों से मेरी शर्ट को फाड़ते हुए उसे जमीन पर फेंक दिया था। अब वह कामुक औरत की तरह मेरे शरीर को चूमे जा रही थी।

मेरे ऊपरी हिस्से को चूमते हुए सविता भाभी मेरी पेंट तक भी जा पहुंची। उन्होंने तुरंत ही मेरा बेल्ट उतारते हुए मेरी पेंट को भी खोल दिया था। भाभी मुझे तुरंत ही बैडरूम के पास ले गयी और मुझे बैड पर ही सुला दिया। भाभी एक के बाद एक कर के मेरे सामने अपने सारे कपड़े उतारे जा रही थी

जिसे देख कर मेरा लंड काफी ज्यादा तन के खड़ा हो गया था। अब भाभी मेरे पास आकर मेरे लंड को चूसने लग गयी थी। मैं “आह भाभी ये क्या कर रही हो, ओह आह आह भाभी” कहकर उन्हें रोकने का प्रयास कर रहा था।

मैं भले ही उन्हें रोक रहा था लेकिन मेरी उत्तेजना अब काफी बढ़ चुकी थी अब मैं भी भाभी को लपक कर चोदना चाहता था।

भाभी इतने मजे से मेरा लंड चूस रही थी कि मेरे लंड से वीर्य ही निकल गया था। भाभी ने मेरे गर्म और गाढ़े वीर्य को अपने गले मे ही उतार लिया था। मैं अबतक पूरी तरह से ठंडा पड़ चूका था

लेकिन भाभी पर तो जैसे चुदने का जुनून ही सवार हो चुका था। मैं लेटा हुआ ही था कि इतने मैं भाभी मेरे लण्ड के उपर आकर अपनी चुद को मेरे लंड से सेट करने लगी और उपर नीचे होकर मजे से चुदने लगी। एक बार झड़ जाने के बाद भी मेरा लंड काफी तना हुआ था।

भाभी लम्बे समय तक मुझसे ऐसे ही चुदती रही और कुछ देर बाद मैं दुबारा से झड़ गया ओर मेने अपना गाढ़ा ओर गर्म वीर्य भाभी की चुद में ही उतार दिया था। उस दिन भाभी ने लगभग मुझसे दो बार चूदाई की थी। वो हर बार मुझस चुदाई के लिए अच्छी फीस दिया करती थी।

अब मुझे नौकरी भी नही करना पड़ती थी। मैं पैसों के लिए गलत काम नही करना चाहता था लेकिन मैं काफी ज्यादा मजबूर था। लेकिन आखिरकार, मेरी मेहनत के चलते मैं एक्टर बनने के भी काफी करीब पहुंच पहुंच था।

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