अब उसने एक धक्का और लगाया। मैं दर्द से तड़प उठी। ऐसा लग रहा था कि कोई मेरी चूत को बुरी तरह से फैला रहा हो। मेरी चूत उसकी सीमा से बहुत ज्यादा फैल चुकी थी। उसका लंड 4 इंच तक मेरी चूत में घुस चुका था।
मैंने कहा- रमेश, अब रहने दो, बहुत दर्द हो रहा है। तुम इतना लंड ही डाल कर मुझे चोद दो।
बाक़ी का लंड बाद में घुसा देना! वो बोला- बाद में क्यों, क्या तुम मेरा पूरा लंड अपनी चूत में नहीं लेना चाहती हो? मैंने कहा- लेना चाहती हूँ।
वो बोला- तो फिर पूरा अन्दर लो। इतना कहने के बाद उसने पूरी ताकत से एक जोर का धक्का और दे मारा। दर्द के मारे मैं तड़प उठी और मेरी आँखों के सामने अंधेरा छाने लगा। उसका लंड मेरी चूत में 5 इंच तक घुस गया था।
मैं रोने लगी। वो बोला- रो क्यों रही हो? मैंने कहा- बहुत दर्द हो रहा है। मुझसे ये दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा है। मेरी चूत फट जाएगी। वो बोला- बस थोड़ा सा सहन करो, कुछ देर में बहुत मजा आएगा। मैंने कहा- बहुत दर्द हो रहा है! थोड़ी देर ऐसे ही रहना।
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वो बोला- ठीक है। उसके बाद वो मुझे होंठों पर किस करने लगा और मेरे दूधों को दबाने लगा। कुछ देर बाद जब उसको लगा कि मेरा दर्द थोड़ा कम हुआ तो उसने मेरी कमर को पकड़ लिया और धीरे धीरे मेरी चुदाई करने लगा।
दर्द से भरी चुदाई का मजा
मैं दर्द के मारे तड़प रही थी और मेरा सारा बदन पसीने से नहा गया था। मेरे पैर थर-थर कांप रहे थे। मेरा दिल बहुत तेजी के साथ धड़कने लगा था और मेरी साँसें भी बहुत तेज चलने लगी थीं। मुझे लग रहा था कि मेरा दिल अभी मेरे मुँह के रास्ते बाहर आ जायेगा।
जरा सा रुकने के बाद रमेश ने एक झटके से अपना पूरा का पूरा लंड बाहर खींच लिया। मुझे लगा कि मेरी चूत भी उसके लंड के साथ ही बाहर आ जाएगी। पक्क … की आवाज के साथ उसका लंड मेरी चूत से बाहर आ गया।
उसने मुझे अपना लंड दिखाते हुए कहा- देखो भाभी, तुम्हारी कुंवारी चूत की निशानी मेरे लंड पर लगी हुई है। मैंने देखा कि उसके लंड पर ढेर सारा खून लगा हुआ था।
तभी उसने अपने लंड के सुपारे को फिर से मेरी चूत के मुँह पर रखा और पूरी ताकत के साथ जोर का धक्का लगाते हुए अपना पूरा लंड मेरी चूत में घुसाने की कोशिश की।
मैं दर्द से तड़पते हुए चीखने लगी लेकिन नहीं रुक रहा था। पूरा लंड घुसा देने के बाद उसने फिर से एक ही झटके में अपना लंड बाहर निकाल लिया। फिर से लंड मेरी चूत के मुँह पर रखा और पूरी ताकत के साथ जोर का धक्का लगाते हुए अपना पूरा लंड मेरी चूत में घुसा दिया।
मुझे पहले से दर्द थोड़ा कम हो रहा था। तो रमेश ने फिर से धक्के लगाते हुए चोदना चालू कर दिया। अब मैं आहा … ऊउंह … ऊम्मंह … करते हुए आहें भरने लगी। फिर उसने अपनी चुदाई की स्पीड को बढ़ा दिया
जोर जोर से धक्के मारते हुए चोदने लगा। मैं भी मस्ती में गांड उछाल कर- आह … रमेश … चोद दो मुझे … ऊउंह ऊम्मंह … बड़ा सुख दे रहे हो … आह … करते हुए चुदाई में उसका साथ देने लगी।
अब वो मुझे बेतहाशा गंदी-गंदी गालियां भी देने लगा था- ले साली रंडी … चुद मेरे लौड़े से … साली मादरचोद। रमेश के मुँह से इन गालियों को सुनकर मैं और गर्म हो गई और चुदाई के मजे लेने लगी।
लंड की प्यासी मौसी | चूत की गर्मी निकाली गांड मारते हुए
फिर उसने मुझे वहीं घोड़ी बनाया और मेरी चूत में पीछे से लंड डाल कर चोदने लगा। मैं फिर से मस्त आहें और कराहें लेने लगी। मैं ऊम्म्ह … आह … करते हुए अपनी गांड आगे पीछे करते हुए चुदवा रही थी।
करीब बीस मिनट तक उसने मुझे चोदा, फिर ढे़र सारा माल मेरी चूत में ही भर दिया। हम दोनों अब बुरी तरह थक चुके थे, तो हम दोनों बेड पर ही सो गए। सुबह उठी तो रमेश ने मेरे लिए चाय बना दी थी। मैंने उठकर उसको अपनी तरफ खींचा और उसके होंठों पर एक किस दी।
पति के दोस्त ने दी चुत को ठंडक
मैंने उसको आई लव यू बोला। उसके बाद मैंने चाय पी और मैं नहाने के लिए चली गई। नहाने के बाद मैंने और रमेश दोनों ने मिलकर नाश्ता बनाया। हमने साथ में नाश्ता किया। अब उसके बाद हम दोनों टीवी देखने लगे।
फिर रमेश मुझे किस करने लगा। मैं भी उसका साथ देने लगी। फिर रमेश उठा और अपने मोबाइल को टीवी में कनेक्ट किया और अपने फोन में ब्लू फिल्म लगा दी। हम दोनों पोर्न फिल्म देखने लगे।
रमेश ने बोला कि जैसे-जैसे इस वीडियो में ये लोग कर रहे हैं वैसे ही हम लोग करेंगे। फिर हम भी वैसा ही करने लगे। करते करते हम दोनों बहुत गर्म हो गए और रमेश ने दो बार मेरी चूत को चोदा। चोदने के बाद वो बोला- भैया के आ जाने के बाद तो आप मुझे नहीं चोदने देंगी।
मैंने कहा- चोदने दूंगी, चिंता मत करो। फिर वो बोला- ठीक है, भैया के आने तक मैं आपको घर में नंगी ही रखा करूंगा। मैं बोली- ठीक है। उसके बाद रमेश मुझे नंगी ही रखने लगा। जब उसका मन करता वो मुझे चोदने लग जाता था।
मैं भी उसके लंड की प्यासी रहने लगी थी और मुझे उससे चुदने में बहुत मजा आता था। इतने दिनों में एक रमेश ने मुझे बहुत चोदा। रमेश ने पूरे लॉकडाउन मुझे चोदा। उसके बाद मेरे हस्बैंड आ गए।
पति के आने के बाद उन्होंने सुहागरात मनाने को बोला। जब वो मुझे चोदने लगे तो मैं चूत को भींचकर चुदाई करवाती थी ताकि उनको पता न लगे कि मैं अब कुंवारी नहीं हूं। मेरे हस्बैंड ने मुझे खूब चोदा।
मैं रात को हस्बैंड से चुदती थी और दिन में रमेश से चुदवाती थी। रमेश ने ही मुझे प्रेग्नेंट किया। मैंने उसको ही ये बात सबसे पहले बतायी। रमेश बहुत खुश हो गया। उसके बाद मैंने अपने हस्बैंड को यह बात बतायी। वे भी खुश हो गए।
इस तरह से मैं पहली बार हस्बैंड के दोस्त से चुदी और मेरी चूत की सील टूटी और मैं उसके बच्चे की मां बनी। आपको मेरी पति के जाने पे की हवस पूरी कहानी कैसी लगी मुझे जरूर बताना।
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