जब लंड बोला हड़िप्पा । Hindi sex kahani । hot sex story

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Jab lund bola hadippa hot sex story : प्रताप भैया से मैं बहुत दिनों बाद मिला प्रताप भैया बहुत खुश थे मैंने भैया से पूछा भैया आज आप बड़े ही खुश नजर आ रहे हैं तो भैया कहने लगे कि खुशी की तो बात है

रजत मेरा प्रमोशन जो हुआ है उसी की वजह से तो मैं बहुत खुश हूं। मैंने भैया को कहा यह तो बहुत खुशी की बात है,

भैया ने मुझे कहा काफी समय से मैं अपने ऑफिस में ट्राई कर रहा था कि मेरा प्रमोशन हो जाए लेकिन मेरा प्रमोशन ही नहीं हुआ था अब जाकर मेरा प्रमोशन हुआ है इस बात से मैं बहुत खुश हूं।

भैया और मैं आपस में बात कर रहे थे कि तभी मां भी आ गई मां कहने लगी कि आज तुम दोनों आपस में क्या बात कर रहे हो। भैया ने मां को बताया कि उनका प्रमोशन हुआ है तो मां भी बड़ी खुश हुई मां ने मुझे कहा कि रजत बेटा जाकर राजू हलवाई से मिठाई ले आओ।

मैं भी राजू हलवाई के पास चला गया और वहां से मैं मिठाई लेकर घर लौट ही रहा था कि मेरा दोस्त मुझे दिखा वह मुझसे पूछने लगा कि रजत तुम कहां जा रहे हो।

मैंने उसे कहा कि मैं घर जा रहा हूं उसने मुझे कहा तुम बड़ी जल्दी में दिखाई दे रहे हो मैंने उसे कहा मैं तुमसे बाद में बात करता हूं अभी मैं घर जा रहा हूं उसने कहा कि ठीक है चलो तुम जब फ्री हो जाओ तो मुझसे बात करना।

मैं घर लौट आया जब मैं घर लौटा तो मां ने प्रताप भैया का मुंह मीठा कराया पापा अपने ऑफिस में थे पापा को जब मैंने यह बात बताई तो पापा भी बड़े खुश हुए।

भैया अपने ऑफिस थोड़ा देरी से जाने वाले थे तो भैया ने मुझे कहा कि रजत तुम क्या मुझे मेरे ऑफिस छोड़ दोगे तो मैंने भैया को कहा हां भैया मैं आपको आपके ऑफिस छोड़ देता हूं।

मैंने भैया को उनके ऑफिस छोड़ा और मैं वापस घर लौट आया मैं घर पर ही था तभी मुझे मेरे दोस्त का फोन आया और वह कहने लगा कि रजत क्या तुम फ्री हो मैंने उसे कहा हां मैं फ्री हो चुका हूं।

मेरे कॉलेज की पढ़ाई अभी कुछ समय पहले ही खत्म हुई है भैया चाहते हैं कि मैं विदेश अपनी उच्च शिक्षा के लिए जाऊं मेरा ग्रेजुएशन अभी कुछ महीने पहले ही पूरा हुआ है

और उसके बाद भैया चाहते हैं कि मैं विदेश पढ़ने के लिए जाऊं लेकिन मैं चाहता हूं कि मैं अपने शहर में रहकर ही पढ़ाई करुं।

मैं अपने दोस्त से मिलने के लिए चला गया मैं जब अपने दोस्त से मिलने के लिए गया तो वह मुझे कहने लगा कि रजत आज तुम बड़ी जल्दी में लग रहे थे।

मैंने उसे बताया कि भैया का प्रमोशन हुआ है इसलिए मैं उस वक्त मिठाई लेकर घर जा रहा था मेरा दोस्त राघव मुझे कहने लगा कि चलो रजत कहीं घूमने के लिए चलते हैं। मैंने उससे कहा अभी हम लोग कहां घूमने जाएंगे तो वह कहने लगा कि काफी दिन हो गए हैं हम लोगों ने मूवी भी नहीं देखी है चलो कोई मूवी देख आते हैं।

मैंने उसे कहा ठीक है चलो फिर कोई मूवी देख आते हैं और हम लोग मूवी देखने के लिए चले गए जब हम लोग थिएटर में गए तो वहां पर राघव ने मूवी की टिकट ली और हम लोग मूवी देखने लगे।

मेरे पास में ही कुछ लड़कियां बैठी हुई थी और मैं उन्हें बार-बार देख रहा था लेकिन जब इंटरवल के दौरान मेरी नजर एक लड़की पर पड़ी तो उसे देखकर मेरे दिल की धड़कन तेज हो गई। मैंने कहा यार राघव मुझे उस लड़की से बात करनी है वह मुझे कहने लगा कि तुम्हारा दिमाग तो सही है ऐसे ही हम किसी लड़की से कैसे बात कर सकते हैं

लेकिन मैंने भी हिम्मत दिखाते हुए बात कर ही ली। मैंने उसे अपना नाम बताया और उसने भी मुझे अपना नाम बताया अब मुझे उस लड़की का नाम भी पता चल चुका था उसका नाम सुहानी है।

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सुहानी से मैंने बात की तो मुझे अच्छा लगा और वह भी मुझसे बात करने लगी इंटरवल के बाद का समय तो मुझे पता ही नहीं चला। मैंने मूवी खत्म होने के बाद सुहानी को कहा कि क्या हम लोग कहीं थोड़ी देर बैठ सकते हैं

तो सुहानी ने मुझे मना कर दिया उसने मुझे कहा कि मुझे अपनी सहेलियों के साथ घर जाना है नहीं तो मेरी मम्मी मुझे बहुत डाँटेगी। यह कहकर सुहानी और उसकी सहेलियां घर चली गई मैं और मेरा दोस्त भी घर आ चुके थे।

राघव मुझसे कहने लगा कि यार तुमने तो कमाल ही कर दिया तुमने सुहानी से कैसे बात कर ली यदि मैं तुम्हारी जगह होता तो मैं शायद कभी भी ऐसे ही किसी अनजान लड़की से बात नहीं कर पाता।

मैंने उसे कहा मुझे सुहानी बहुत अच्छी लगी इसलिए मैंने सोचा कि उससे बात कर लेता हूं और मैंने उससे बात कर ली लेकिन मैं सुहानी का नंबर लेना तो भूल ही गया था और मुझे ध्यान ही नहीं था

कि मुझे सुहानी का नंबर लेना चाहिए मेरे दिमाग से पूरी तरीके से निकल चुका था। मैं और सुहानी आपस में उसके बाद काफी समय तक मिल नहीं पाए लेकिन एक दिन अचानक से सुहानी से मेरी मुलाकात हुई तो

उस दिन मैंने सुहानी को अपने साथ कॉफी पर चलने के लिए कहा तो वह भी मेरे साथ आने को मान गई। हम लोग नजदीक के कॉफी शॉप में बैठ गए वहां पर हम दोनों आपस में बात कर रहे थे तो मुझे सुहानी के बारे में बहुत कुछ चीजों की जानकारी मिली।

सुहानी ने मुझे बताया कि उसके पिताजी बड़े ही सख्त मिजाज हैं और उसके बड़े भैया भी बहुत ही गुस्सैल किस्म के हैं जिसकी वजह से सुहानी घर से कम ही बाहर निकलती है।

सुहानी ने जब मुझे अपने परिवार के बारे में बताया तो मैंने भी सुहानी को अपने परिवार के बारे में बताया और सुहानी को कहा कि मुझे तुम अच्छी लगी

इसलिए तो मैंने तुमसे बात की। मैंने उस दिन सुहानी से उसका नंबर ले लिया हालांकि पहले वह मुझे अपना नंबर देने में घबरा रही थी लेकिन उसने मुझे अपना नंबर दे ही दिया।

मैंने अब सुहानी का नंबर ले लिया था और मैं सुहानी से अब फोन पर बातें करने लगा था मैं सुहानी से फोन पर घंटों बात किया करता और मुझे सुहानी से फोन पर बात करना अच्छा लगता।

हम दोनों एक दूसरे के नजदीक आते चले गए और मुझे कुछ पता ही नहीं चला कब हम दोनों के बीच इतनी नजदीकियां बढ़ गई कि हम दोनों एक दूसरे के बिना रह नहीं पाते थे।

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उसी दौरान भैया ने मेरे एक कॉलेज का फॉर्म भरा जिसमें कि मेरा दाखिला हो गया मुझे अब अपनी पढ़ाई के लिए विदेश जाना था मैंने जब यह बात सुहानी को बताई तो सुहानी बहुत दुखी हो गई और सुहानी मुझे कहने लगी कि हम लोगों का साथ सिर्फ इतना ही था।

मैंने सुहानी को कहा नहीं सुहानी हम लोगों का साथ उससे भी आगे है परंतु मुझे अब जाना ही था मैं चाहता था कि मैं सुहानी के साथ अच्छा समय बिताऊँ क्योंकि मेरे पास अभी एक महीना बचा था।

सुहानी और मैं इस बात से बड़े परेशान थे अब हमें क्या करना चाहिए क्योंकि मैं विदेश पढ़ाई के लिए जाने वाला था लेकिन मैं समय बर्बाद नहीं जाने देना चाहता था मैंने सुहानी से कहा मैं तुम्हारे साथ अच्छे से समय बिताना चाहता हूं।

उस दिन सुहानी और मैं पार्क में बैठे हुए थे हम दोनों के बीच किस हुआ तो हम दोनों के बदन की गर्मी बढने लगी मैं और सुहानी अपने आपको रोक ही ना सके मैंने सुहानी को कहा आज तुम्हारे साथ किस कर के मुझे बड़ा मजा आया तो सुहानी भी बड़ी खुश नजर आ रही थी।

उसने मुझे कहा रजत मुझे भी बहुत अच्छा लगा थोड़ी दिन बाद मैंने सुहानी को अपने घर पर बुलाया उस दिन घर पर कोई भी नहीं था सब लोग घूमने के लिए गए हुए थे

इसलिए मेरे पास अच्छा मौका था। मैंने सुहानी को जब घर पर बुलाया तो वह भी घर पर आ गई और मुझे कहने लगी घर पर तो कोई भी नहीं है। सुहानी मुझे कहने लगी मुझे तुम्हें किस करना है मैंने सुहानी को कहा किस तो मुझे भी करना है यह कहते ही मैंने सुहानी को किस करना शुरू किया।

जब मैं उसके होठों को चूम रहा था तो मुझे बड़ा ही मजा आ रहा था मैं उसके होठों को काफी देर तक चूमता जिससे कि उसके होठों से मैंने खून भी बाहर निकाल दिया था वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुकी थी

जैसे ही मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो सुहानी ने उसे अपने मुंह के अंदर समा लिया वह बड़े ही अच्छे से मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर बाहर करने लगी उसे बड़ा ही मजा आ रहा था मुझे भी बहुत आनंद आता।

काफी देर तक उसने मेरे लंड का रसपान किया मैं भी इतना ज्यादा उत्तेजित हो गया कि मैंने उसके कपड़ों को उतारते हुए उसकी पैंटी ब्रा को खोल दिया वह मुझे कहने लगी मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है।

मैंने उसे कहा रह तो मैं भी नहीं पा रहा हूं जैसे ही मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर रगडना शुरू किया तो उसकी चूत से निकलता हुआ पानी कुछ ज्यादा ही गर्म था। मैंने भी धीरे-धीरे धक्का देते हुए उसकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दिया जैसे ही उसकी चूत के अंदर मेरा लंड घुसा तो मैंने उसे कहा आज तो मुझे मजा ही आ गया।

उसकी चूत से खून आने लगा था वह चिल्लाने लगी वह जिस प्रकार से सिसकियां लेती उससे मेरे अंदर का जोश और ज्यादा बढ़ जाता वह मुझे अपने दोनों पैरों के बीच में जकड़ने की कोशिश करती लेकिन मैं भी उसे बड़ी तेजी से धक्के मार रहा था। वह मुझे कहने लगी मैं अब तुम्हारा साथ नहीं दे पाऊंगी।

मैंने उसे कहा सुहानी मुझे बड़ा मजा आ रहा है यह कहते ही मैंने उसे डॉगी स्टाइल पोज मे बनाते हुए तेज गति से उसे चोदना शुरू किया उसकी चूतड़ों पर जब मे प्रहार करता तो उसे बड़ा ही मजा आ जाता जिस प्रकार मै उसकी चूतड़ों पर प्रहार कर रहा था उससे वह मुझे कहने लगी मैं अपने आपको नहीं रोक पाऊंगा लेकिन उसने मेरा साथ दिया।

वह अपनी चूतडो को मुझसे टकराने लगी हालांकि उसकी चूतडो से निकलता हुआ पानी कुछ ज्यादा ही बाहर निकल रहा था उसकी चूत से निकलता हुआ खून भी मुझे अपनी ओर आकर्षित कर रहा था।

मैंने उसे बहुत तेज गति से धक्के मारे जैसे कि उसकी चूतड़ों का रंग लाल हो गया था और थोड़ी ही देर बाद मेरा भी वीर्य मेरे अंडकोष से बाहर आकर सुहानी की चूत मे गिर गया।

सुहानी की चूत मे मेरा वीर्य गिरा तो उसके बाद मैं और सुहानी साथ में बैठे रहे सुहानी मुझसे कहने लगी तुम मत जाओ? मैंने उसे कहा मुझे तो जाना ही पड़ेगा उसके बाद में विदेश अपनी पढ़ाई के लिए चला गया।

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