मैं तुम्हें किस कर लूं? । antarvasna । sex stories in Hindi

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मेरी बहन काजल मुझे एक दिन कहती है भैया क्या आप मुझे मेरे स्कूल छोड़ दोगे? मैंने उसे कहा ठीक है काजल मैं तुम्हें स्कूल छोड़ दूंगा। मैं काजल को छोड़ने के लिए उसके स्कूल चला गया क्योंकि उसके एग्जाम चल रहे थे

और उसे जाने में देर हो जाती है इसलिए उसने मुझे कहा था और जब मैं काजल को छोड़ने के लिए गया तो उस दिन काजल की सहेली की बहन भी आई हुई थी काजल की सहेली का नाम शांति है और उसकी बड़ी बहन का नाम नंदिनी है। नंदिनी से मेरी मुलाकात उसी दिन हुई

जब मैं पहली बार नंदिनी से मिला तो मुझे उससे मिलकर बहुत अच्छा लगा क्योंकि उसके बात करने के तरीके और उसके विचार मुझे अच्छे लगे नंदनी पेसे से एक वकील है, उस दिन मेरी मुलाकात नंदिनी से हो चुकी थी

और उसके कुछ समय बाद ही मुझे नंदनी की जरूरत पड़ी जब मुझे नंदिनी की जरूरत पड़ी तो मैंने काजल से नंदिनी का नंबर ले लिया काजल के पास नदिनी का नंबर था।

दरअसल मैंने एक घर खरीदने के लिए व्यक्ति को पैसे दिए थे परंतु उस व्यक्ति ने वह पैसे मुझे नहीं लौटाए क्योंकि जिस घर को खरीदने की हमारी बात हुई थी उसे मैं खरीद नहीं पाया था

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इसलिए मैंने उस व्यक्ति के ऊपर कोर्ट केस कर दिया और उस वक्त नंदनी ने हीं मेरी मदद की, मैं वह केस तो जीत गया और मेरे पैसे भी कुछ समय बाद मुझे मिल गए लेकिन नंदिनी से मेरी दोस्ती अच्छी हो चुकी थी

नंदिनी अपने काम के प्रति बहुत ही ईमानदार और लगन से वह काम किया करती है। नंदिनी की बहन मेरी छोटी बहन की सहेली है

इसलिए वह हमारे घर पर अक्सर आया करती थी अब हम दोनों परिवारों के बीच अच्छे संबंध हो चुके थे इस वजह से मेरे घर में नंदनी को सब जानते थे जब काजल का बर्थडे था तो उस वक्त भी नंदिनी और उसकी बहन हमारे घर पर आई थी हमारे घर में सब लोग उन्हें बड़े ही अच्छे से पहचानते थे।

एक दिन नंदिनी का मुझे फोन आया और वह कहने लगी राजीव क्या तुमने कल मुझे फोन किया था? मैंने नंदनी को कहा नहीं मैंने तो तुम्हें कल कोई फोन नहीं किया था वह मुझे कहने लगी जिस व्यक्ति ने मुझे फोन किया था

उसकी आवाज बिल्कुल तुम्हारे जैसी ही थी मुझे लगा कि शायद तुम ही हो परंतु उसने फोन काट दिया इसलिए मैंने तुमसे पूछना उचित समझा मैंने नंदिनी से कहा तुमने ठीक किया जो मुझे फोन कर दिया नहीं तो यह बात तुम्हारे दिल में हमेशा ही रह जाती।

नंदिनी को जब मैंने यह बात बताई जो नंदिनी कहने लगी हां तुम सही कह रहे हो नहीं तो यह बात मेरे दिल में हमेशा के लिए रह जाती परंतु मैं इस बात से खुश था कि कम से कम नंदिनी ने मुझसे यह बात पूछ ली नहीं तो हम दोनों के बीच में शायद कोई समस्या इस बात को लेकर हो ही जाती।

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नंदिनी की नजरों में मैं एक शरीफ और ईमानदार लड़का हूं और मैं चाहता हूं कि उसकी नजरों में हमेशा ही मैं एक शरीफ और ईमानदार लड़का बना रहूं इस वजह से मैंने नंदिनी से कभी भी कोई बात नहीं छुपाई और ना ही नंदनी ने मुझसे कभी अपने बारे में कुछ छुपाया हम दोनों एक दूसरे के बारे में जानने को बेताब थे

लेकिन ना तो नंदिनी के पास समय होता था और ना ही मेरे पास समय होता था इस वजह से हम दोनों कभी एक दूसरे को मिल ही नहीं पाते थे हम दोनों की सिर्फ फोन पर ही बात होती थी बहुत कम बार ही हम लोगों की मुलाकात हुआ करती थी। इसी बीच एक दिन सहयोग से मुझे मेरे दोस्त के घर जाना था और उसका घर भी नंदिनी के घर के पास ही था जब मैं सुबह के वक्त उसके घर गया तो नंदिनी मुझे रास्ते में ही मिल गई और वह कहने लगी कि

तुम मेरे साथ घर चलो मैंने उसे कहा नहीं अभी तो मैं घर नहीं आ सकता क्योंकि मैं किसी काम से यहां आया हुआ हूं नंदिनी कहने लगी तुम मेरे साथ चलो तो सही। नंदिनी मुझसे जिद करते हुए अपने साथ ले

गयी और जब वह मुझे अपने साथ ले गयी तो मैं इस बात से बहुत ज्यादा खुश था कि चलो इस बहाने नंदिनी से मेरी बातचीत हो जाएगी क्योंकि नंदिनी के साथ समय बिताना ना जाने क्यों अच्छा लगता था जब भी

मैं उसके साथ समय बिताता तो मुझे ऐसा लगता जैसे कि मैं सिर्फ नंदिनी के साथ ही समय बताता रहूं और उससे मैं जी भर कर बात करता रहूं मुझे उसकी हर एक चीज बहुत पसंद थी वह जब भी बात करती तो मुझे अच्छा लगता है और उसकी समझदारी की तो मैं हमेशा ही दाद दिया करता था।

उसी जब मैं उसके घर पर गया तो उस दिन उसकी मम्मी और पापा भी घर पर थे वह लोग मुझे अच्छे से जानते हैं इसलिए उन्होंने मेरे बारे में भी पूछा और कहने लगे बेटा तुम कैसे हो मैंने उन्हें बताया मैं तो ठीक हूं

आज दरअसल मैं अपने एक दोस्त से मिलने यहां आया था तभी मुझे रास्ते में नंदिनी मिल गई और नंदिनी मुझे घर ले आई। नंदिनी की मम्मी मुझे कहने लगी बेटा नंदिनी ने अच्छा किया जो तुम्हें घर ले आई तुम हमारे घर आते ही नहीं हो मैंने उसकी मम्मी से कहा नहीं ऑन्टी ऐसी बात नहीं है दरअसल मुझे समय नहीं मिल पाता इसलिए

मैं आपके घर नहीं आ पाता। मैं काफी समय पहले नंदिनी के घर गया था अब हमारा रिलेशन बहुत ही अच्छा हो चुका था इसलिए मैं नंदिनी की मम्मी से भी फोन पर बात किया करता था शायद उसकी मम्मी को मैं अच्छा लगता था

और इसी वजह से तो वह मुझे कहने लगे कि बेटा तुम घर पर आया करो शायद उन्हें लग रहा था कि नंदिनी को मैं पसंद करता हूं लेकिन ऐसा कुछ नहीं था नंदिनी की मेरी नजरों में बहुत ही इज्जत है और वह मुझे अच्छी जरूर लगती थी लेकिन मैंने नंदिनी के बारे में ऐसा कभी कुछ नहीं सोचा।

मैं नंदिनी के घर करीब एक घंटे तक रुका उसके पापा से भी मेरी काफी देर तक बात हुई और उसके बाद मैं अपने दोस्त के घर चला गया। मैं जब अपने दोस्त के घर गया तो वह मुझे कहने लगा तुमने आने में बहुत देर कर दी मैंने अपने दोस्त को बताया कि यहीं पास में मेरे एक परिचित रहते हैं तो मैं उन्हीं के घर चला गया था

वह कहने लगा यहां पास में कौन परिचित रहते हैं तो मैंने उसे नंदिनी के बारे में बताया वह नंदिनी के परिवार को अच्छी तरीके से जानता था जब मैंने उसे नंदिनी के बारे में बताया तो वह कहने लगा वह लोग तो बड़े ही सज्जन लोग हैं और हमारी कॉलोनी में सब लोग उन्हें जानते हैं। वह नंदिनी के पिताजी की तारीफ कर रहा था और कह रहा था

उसके पिताजी का नेचर बहुत ही अच्छा है जब भी कॉलोनी में कोई प्रोग्राम या फिर कोई फंक्शन होता है तो सबसे पहले उन्हें ही पूछते हैं मुझे नहीं पता था कि नंदिनी के पिताजी को सब लोग जानते हैं।

उसके बाद मैं अपने घर चला गया उस दिन मुझे कोई काम नहीं था इसलिए मैं घर पर ही था कुछ दिनों बाद मेरी नंदिनी से फोन पर बात हुई तो मैंने नंदिनी को अपने दोस्त के बारे में बताया और कहा वह तुम्हारे पापा की बड़ी तारीफ कर रहा था नंदिनी कहने लगी पापा की तो सब लोग तारीफ ही करते हैं

क्योंकि वह बहुत ही अच्छे व्यक्ति हैं और उनकी हमारी सोसाइटी में बड़ी इज्जत है। नंदिनी मुझे कहने लगी हम लोग काफी दिनों से मिले नहीं हैं तो क्या हम लोग मिल सकते हैं? मैंने उससे कहा क्यों नहीं। फिर मैं उससे मिलने के लिए चला गया। काफी समय बाद हम दोनों मिले थे नंदिनी से मिलकर मुझे अच्छा लगा हम दोनों साथ में बैठे हुए थे।

हम दोनों जिस जगह मिले वहीं पास में एक कपल एक दूसरे को किस कर रहा था। हम दोनों की जब इस बात को लेकर चर्चा होने लगी तो नंदिनी मुझे कहने लगी इसमें क्या बुरा है।

मैने उसे कहा इसमें बुरा तो है ही यह लोग खुलेआम एक दूसरे को किस कर रहे हैं लेकिन नंदिता को इससे कोई आपत्ति नहीं थी। मैंने नंदिनी से कहा यदि मैं भी तुम्हें किस करूं तो नंदिनी चुप हो गई।

मैंने उसे कुछ देर बाद ही पब्लिक प्लेस में किस कर लिया, जब मैंने उसे किस किया तो वह मुझे कहने लगी तुम्हारे साथ किस कर के मुझे अच्छा लग रहा है। मुझे उसे किस करने मे बहुत अच्छा लग रहा था शायद उसके दिल में मेरे लिए कुछ और ही चलने लगा था। वह मुझे कुछ ज्यादा ही फोन करने लगी थी,

जब भी उसकी और मेरी बात होती तो हम दोनों की सिर्फ रोमांटिक बात ही हुआ करती। अब हम दोनों एक दूसरे के बदन को महसूस करना चाहते थे और आखिरकार वह दिन आ ही गया

जब नंदिनी और मेरे बीच में शारीरिक संबंध बन गए। मैं उसके घर चला गया उस दिन उसके घर पर कोई ना था, जब मैं उसके घर गया तो मैंने नंदिनी के बदन को बहुत देर तक सहलाया उसके बदन को सहलाने में मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था और उसे भी बहुत मजा आ रहा था।

मैंने उसके होठों का भी रसपान किया और उसके स्तनों को भी जमकर मैंने चूसा जैसे ही मैंने उसकी योनि पर अपनी जीभ को लगाना शुरू किया तो उसे बहुत मजा आने लगा वह पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगी।

हम दोनों ही पूरे जोश में आ चुके थे मैंने भी अपने लंड को नंदिनी की योनि के अंदर प्रवेश करवा दिया वह अपने दोनों पैर चौड़ कर लेती। वह कहने लगी और तेज करो, मैंने भी अपनी पूरी ताकत से धक्के देना शुरू कर दिए।

मैंने उसे इतनी तेज गति से धक्के देने शुरू किए कि उसकी चूतडो से बड़ी तेज आवाज आने लगी। उसकी योनि के अंदर बाहर मेरा लंड बड़ी तेजी से होता जिससे कि नंदिनी के अंदर भी गर्मी पैदा होने लगी और उसकी योनि से खून निकलने लगा। कुछ ही क्षण बाद मेरा वीर्य नंदिनी की योनि को चीरता हुआ अंदर की तरफ चला गया।

जब मेरा वीर्य नंदिनी की चूत में गया तो उसे बहुत मजा आया और मुझे भी बहुत अच्छा लगा। हम दोनों कुछ देर तक ऐसे ही बैठे रहे उसके बाद मैंने नंदिनी से कहा मैं अब घर चलता हूं

लेकिन नंदिनी ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे रोक लिया परंतु मैं उसके साथ उस दिन रुक नहीं सकता था इसलिए मैं अपने घर चला गया। उसके बाद हम दोनों के बीच सेक्स हमेशा होने लगा।

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