फौजी की लड़की को चोदा अन्तर्वासना कहानी

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Fauji ki ladki ko choda: हेल्लो फ्रेंड्स कैसे हो आप लोग | आशा करता हूँ की मस्त ही होगे | मूड ऑफ़ में कौन सेक्सी कहाँनिया पढता है | तो मेरे प्रिय बन्दुओ मेरे बड़े तथा छोटे भाइयो पहले आप लोग थोड़ा मेरे बारे में जान लीजिये फिर में अपनी कहानी को आगे बडाता हूँ | दोस्तों मेरा नाम अमित कुमार है | मैं राजस्थान का रहनेवाला हूँ | मेरा परिवार एक छोटा परिवार है

मेरे घर में मेरे मम्मी-पापा और एक छोटा भाई है | छोटा भाई अभी 8 साल का है और 5 क्लास में पढता है | मेरे पापा फ़ौज में है | और मम्मी सरकारी टीचर हैं | दोस्तों मैं भी अपनी पढाई पूरी करके फ़ौज में जाके देश की सेवा करना चाहता था |

चलिए दोस्तों में ज्यादा अपनी इस परिचय कहानी को न बढाकर आगे बढ़ता हूँ |
आप सभी प्यारे दोस्तों को मैं अपनी लाइफ की एकदम सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ | तो दोस्तों ये बात उस समय की है | मेरा एक सुरु से सपना था की मैं भी अपने पापा की तरह फ़ौज में भर्ती होके अपने देश की सेवा करूँ |

लेकिन मैं अभी छोटा था | और मेरी पढाई भी पूरी नही हुई थी | मेरी उम्र अभी 16 सालकी थी और मैं 11th क्लास में था | दोस्तों मैं एकदम जवानी की सीढ़ी चढ़ ही रहा था | दोस्तों मैं दिखने में एकदम स्मार्ट और चिकना था | मैं अपनी पढाई आर्मी पब्लिक स्कूल में करता था | डेली हम आर्मी बस से जाते थे | और छुट्टी में वही बस छोड़ने आती थी | दोस्तों मैं अपनी क्लास का बहुत हरामी लौंडो में से एक था | लगभग सभी टीचरो की नजरे मुझसे चिढ़ी थी |

लेकिन मुझे दोस्तों झांट भर फर्क नही पड़ता था | क्योकि मैं अपनी आदतों से मजबूर था | दोस्तों मेरा डेली का रोटीन था | की मैं सुबह 4 बजे उठकर अपने ही आर्मी कैंपस के ग्राउंड में रेस करके और उसके बाद में आधे घंटे जिम करता था | और उसके बाद में अपने कॉलेजके लिए तैयार होता था | दोस्तों ठीक 8 बजे हम सभी अपने-अपने घरो के सामने खड़े हो के बस का इन्तजार किया करते थे | जिन्दगी एक दम रोले से कट रही थी | दोस्तों मेरी क्लास में एक लड़की थी |

वो बहुत ही कैंट और झक्कास माल था और वह भी हमारे ही आर्मी कैंपस में रहती थी | उसका न्यू एडमिशन हुआ था | सभी लौंडो की उससे फटती थी | क्योकि वह बहुत ही स्ट्रिक्ट थी | और दूसरी बात वो हमारे आर्मी सेण्टर के सी.ओ. साहब की लड़की थी | इसलिए लडको की और भी ज्यादा फटती थी |

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दोस्तों वह मुझे भी अच्छी लगने लगी थी | अब मेरा पूरा ध्यान उसे फ़साने में लगा दिया | दोस्तोंमेने अपना पूरा मन पढाई की तरफ न करके उसकी तरफ में लगाया | मुश्किले आयी पर मेने उसे पूरी तरह से सेट कर लिया था|अब वोमेरी दीवानी सी हो चुकी थी | औरअच्छी बात ये थी की वो मेरी ही कॉलोनी के साइड में ही सी.ओ.साहब की कॉलोनी थी और वह मेरे ही कॉलोनी के पास रहती थी |हम एक दम अच्छी तरह से घुल-मिल गये थे | हम और वो एक साथ ही कॉलेज के लिए तैयार होके बस में एक ही सीट पर बैठके जाते थे | और कॉलेज जाके क्लास में एक ही सीट पर भीबैठते थे |

मैं उससे खूब मजे लेता था और ये देख कर सभी लड़के साले मेरे से जलते थे | क्योकि मेने अपने कॉलेज का सबसे कडाका माल को फांस रख्खा था | मैं और मेरा माल बहुत खुस थे| हम साथ-साथ ही रहते थे और एक ही साथ ही अपने कॉलेज की सीट पर बैठकर इंटरवेल में बैठकर लंच किआ करते थे | और बाद में घर के लिए बस की एक ही सीट पर बैठ कर जाते थे |

दोस्तों एक दिन जब मैं क्लास में बैठा था साइंस का पीरियड था | और रिप्रोडक्शन का लेसन था | दोस्तों जो मेरा साइंस का टीचर था वो साला बहुत लडुर टाइप का था वह उस लेसन को मजे लेता हुआ पढ़ा रहा था | और सभी लड़के भी मजे लेते हुए पढ़ रहे थे | लगभगसभी लड़के गरम हो चुके थे | और सभी का लंड फूल रहा था | लडकिया भी लगभग सकल से गरम दिख रही थी | दोस्तों मेरी गर्लफ्रेंड मेरे ही पास ही बैठी थी | और वह भी लग रहा था की गरम हो रही थी |

और वह अपने मुह पर रुमाल रख कर हलकी-हलकी हस रही थी | मैं समझ गया था कि वो भी इस लेसन को मजे से पढ़ रही है | मेरा थोडा सा मन उसे चुने का हुआ | मैं धीरे-धीरे उसकी तरफ बड़ा और उसके दूधो पे अपने हाथ फिराने लगा| वह पहले तो मेरे हाथो को हटा दिया | औरजब मेने फिर हाथ उसके दूधो पर लगाये तो वह फिर से मेरे हाथो को हटाना चाहालेकिन इस बार मेने जबरजस्ती करके उसके दूधो को दाबने लगा |और वह अहाहा अहहाह अहः अहहाह अहहः अहहाह ओहोहोहो होहोहोह उन्ह उन्हुन्हुंह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह आहाह्हहहहः की सिस्कारिया ले रही थी |

थोड़ी देर बाद वो भी गरम हो गयी और उसको मेरे से कोई ऑब्जेक्शन नही होनेलगा | उसके बाद पीरियड ख़त्म हुआ और मैंने उसे कॉलेज के बाथरूम में चलने को बोला और वह मान गयी |मैंने अपने दोस्तों को बताया की मैं इसे चोदने के लिए बाथरूम में लिए जा रहा हूँ तुम लोग देखे रहना की कोई आ न जाये | मैं उसको लेके गया और अंदर से दरवाजे को लॉक कर लिया और उसके दूध दाबने लगा थोड़ी देर तक मैंने उसके दूधो को दाबाया और बाद मेंउसकीझाघो तक पहुँच गया | मैंने उसकी स्कर्ट को उतार दिया और अपनी भी पेंट उतार दी | दोस्तों उसको मैंने पूरी तरह से गरम कर दिया था |

मैंने उसके एक पैर को कमोड पर रखवा दिया और उसकी चूत मैं खड़े-खड़े ही मरने लगा | जब मैंने अपने लंड को उसकी चूत में डाला तो वह जोर-जोर से आहा अहः आहा आह आह अहा ह्हहा हाहा अहः हुंह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह की सिस्कारिया ले रही थी | मैं थोड़ी देर के बाद में झड गया | हम लोगो ने कपड़ो को पहना औरउसके बाद आके मैं अपनी सीट पर बैठ गया | दोस्तों मैं उसकी अच्छी तरह से चोद नहीं पाया था क्योकि जल्दी-जल्दी में तो आपलोग जानते ही हो क्या होता है|मैंनेउससे अपनी कॉलोनी की बिल्डिंग के पीछे मिलने को मनाया और वो मान गयी |

छुट्टी हुई और हम घर आये खाना पीना करके आराम करने लगा | धीरे-धीरे शाम हुई और उसके बाद रात के जब 11 बजे तो मैं अपने कॉलोनी की बिल्डिंग के पीछे पंहुचा | तो वहां देखा की वो अभी आयी नही थी| मैं सोंच में पड गया की कहीं साली गोली तो नही टिका गयी | लगभग आधा घंटा इन्तजार करने के बाद वो आयी | भाई लोगो उसको देखते ही दिमाकख़राब हो गया क्योकिवो इतने छोटे कपडे पहने थी| और वह उन कपड़ो में एकदम संस्कारी पटाका लग रही थी |भाई लोगो उसके बाद में जैसे ही ओ आई मैंने उसको अपनी बाँहों में ले लिया और उसे चूमने-चाटने लगा | भाइयो मैं बहुत गरम हो गया था |

और अपने आप को रोक नही पा रहा था | मैंनेउसकी होंठो को अपनी होंठो में लेके चूसने लगा | लगभग10मिनट तक मैंनेउसके होंठो को चूसा | फिर जब वो भी पूरी तरह से गरम हो गयी तब उसने मेरे सब कपडे उतार दिए और अपने कपडे भी उसने उतार दिए | फिर बाद में मेरे लंड को अपने हाथ में लेके मूंठमारने लगी और उसके बाद में मेरे लंड को अपने मुह में रख कर जोर-जोर से चूसने लगी |

और मैं अहहहः अहहहा अहह्हाह अह्हह होहोह ह्होहोह ओह होह ओहो आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह हहहः हाहाह अहहाह की सिस्कारिया ले रहा था | और फिर थोड़ी देर बाद में मैंने उसके सर को पकड़ के अपने लंड को उसके मुह में जोर-जोर से अन्दर-बाहर करने लगा और फिर बाद में मैंनेउसको वही घास पे लिटा दिया और उसकी चूत में अपना मुह डालके चूसने लगा |

और वह आआह्ह अहम्मईईई अहः अहः अहः अहः उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह ओह हो ओह ओह ओह ओह ओहहोआह्हआःहआःहआःह्हआह्हअहहउन्हहउन्हउन्हहाहाह अहः अहः आह्ह आह्ह आह्ह अहः अहहाह की सिस्कारिया ले रही थी | कम सेकम 10 मिनट तक ये सीन चला और उसके बाद में चुदाई का प्रोग्राम बनाया| तो फिर दोस्तों मैंउसे अपने लंड के निचे लाया | और फिर उसकी गुलाबी और कसी सी चूत में अपना लंड डाल के बड़े ही मौज के साथ में चोदने लगा |

और वो भी भी दोस्तों जोर-जोर से आःह्ह आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह उन्ह उन्ह उन्ह ईह्ह ईह्ह इह्ह इह्ह्ह ओह्ह ऊह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह हाहाह हाहा अहहाह अहः अहः उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह की सिस्कारिया ले रही थी | थोड़ी देर के बाद मैं दोस्तों उसकी चूत में ही झड गया | और फिर उसने मेरे लंड को अपने मुह में लेकर फिर से चाटने लगी |

मेरा लंड एक बार फिर खड़ा हुआ और मेरा मन उसे फिर चोदनेको कहा | इस बार मैंने उसकी गांड मारनी चाही| मैंने उसे घोड़ी बनाया और उसके बाद में उसकी कसी गांड में अपना लंड को परवेश किआ | सुरु-सुरुमें मेरा लंड पूरा अन्दर नही जापाया क्योकि उसकी गांड बहुत कसी हुई थी | थोड़ी देर में मैंनेअपना पूरा लंड उसकी गांड में दाल दिया |

और अन्दर-अन्दर बहार करने लगा | और वो इस बार कुछ जोरो से अहः अहः अहः आहा अहः अहः उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह इहिह्ह इही हीह ओह्ह ओह्ह ओह्भ की सिस्कारिया ले रही थी क्योकि उसकी इस बार फट रही थी |
बाद मैं हम दोनों ने अपने-अपने कपडे पहने और सुबह के 3 बजे अपने-अपने घर को चले गये

तो दोस्तों ये थी मेरी जिन्दगी की एक दम सही कहानी इस तरह से मैंने अपने आर्मी सेण्टर के सी.ओ.साहब की लड़की को चोदा|और आज भी जब एक अच्छा सा मौका मिलता है तो मैं उसे चोदता हूँ |

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