मेरा नाम आकांक्षा है मैं रोहतक की रहने वाली हूं, मेरी शादी को 4 वर्ष हो चुके हैं, मेरे पति स्कूल में टीचर हैं और वह रोहतक में ही पढ़ाते हैं। मुझे जो भी मिलता है वह सब मेरी सुंदरता की बहुत तारीफ करता है
और कहता है की तुम बहुत ही सुंदर हो। मुझे भी अपनी सुंदरता पर कई बार गुरुर हो जाता है क्योंकि मैं जब भी जहां से भी गुजरती हूं तो सब लोग एक बार मुझे पलट कर जरूर देखते हैं और मुझे इस चीज का बहुत घमंड हो चुका है।
मैं कभी भी किसी की तरफ नहीं देखती थी लेकिन मेरे जीवन में जब से ललित आया है उसके बाद से उसने मेरे घमंड को पूरा चूर चूर कर के रख दिया है और अब मैं उसके पीछे ही पागल हो चुकी हूं।
मेरे पति से मुझे जो सुख मिलना चाहिए था वह मुझे नहीं मिला क्योंकि वह एक बहुत ही सीधे-साधे और सामाजिक किस्म के व्यक्ति हैं और मैं एक बिंदास किस्म की लड़की थी लेकिन जब से मेरी शादी हुई है मैंने अपने सारे सपनों को एक किनारे कर दिया है।
मेरी मुलाकात ललित से हुई तो उसके बाद से मैं उसकी तरफ आकर्षित होने लगी, वह मुझे बहुत अच्छा लगने लगा। मैं ललित से करीबन 6 महीने पहले मिली थी, उसकी और मेरी मुलाकात मेरी सहेली के घर पर हुई थी।
ललित हमारे घर से कुछ दूरी पर ही रहता है लेकिन वह उनके घर आया जाया करता था, उन दोनों के परिवार एक दूसरे को काफी पहले से पहचानते हैं इसीलिए ललित का उनके घर पर आना जाना लगा रहता था
लेकिन जब ललित मुझसे मिला तो उसने मेरी तरफ एक बार भी नहीं देखा, मुझे ऐसा लगा कि शायद वह बहुत ही घमंडी किस्म का लड़का है। मैंने अपनी सहेली से जब उसके बारे में बात की तो वह कहने लगी ललित बहुत ही अच्छा लड़का है लेकिन ना जाने उसने तुम्हारे साथ ऐसा बर्ताव क्यों किया।
वह ललित की बड़ी तारीफ कर रही थी, मैंने भी उससे कहा कि ललित भी कुछ ज्यादा ही घमंडी किस्म का लड़का है। मेरे जीवन में पहली बार किसी ने इस प्रकार का व्यवहार मेरे साथ किया था इसलिए मैं यही सोचने लगी कि ललित बहुत ही घमंडी किस्म का लड़का है।
मैंने भी सोच लिया था कि उसे मैं जरूर इस बारे में बात करूंगी। मैं जब कुछ दिनों बाद अपनी सहेली के घर पर गई तो मैंने अपनी सहेली को कहा कि तुम ललित को आज फोन कर के घर पर बुला लो। मेरी सहेली ने ललित को फोन किया और वह घर पर आ गया, जब वह घर पर आया तो मैंने ललित से पूछा कि क्या तुम अपने आप को बहुत ज्यादा समझते हो, वह कहने लगा आप इस प्रकार की बातें क्यों कर रही हैं। मैंने ललित से कहा कि तुमने जिस प्रकार से मेरे साथ व्यवहार किया मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा, वह कहने लगा मैंने तो ऐसा कुछ भी नहीं किया।
मैंने ललित से कहा जब तुम्हें अर्चना ने मुझसे मिलवाया तो तुमने मेरी तरफ इस तरीके से देखा जैसे कि तुम्हें मुझसे कोई दुश्मनी हो, ललित मुझसे कहने लगा आप ऐसा क्यों सोच रहे हैं मैंने तो ऐसा कुछ भी नहीं किया।
ललित ने मुझे कहा कि यदि आपको मेरा देखने का तरीका गलत लगा हो तो मैं उसके लिए आपसे माफी मांगता हूं लेकिन मैंने ऐसा कुछ भी नहीं किया और ना ही मैंने ऐसा कुछ भी आपके बारे में सोचा।
जब ललित ने मुझसे यह बात कही तो मैं कहीं ना कहीं थोड़ा संतुष्ट हो गई थी और ललित ने मुझसे यह भी कहा कि आप तो बहुत ही सुंदर हैं आपको कौन इग्नौर कर सकता है, शायद हो सकता है उस दिन मेरा ध्यान कहीं और रहा हो। मैंने उसे पूछा क्यों तुम्हारा ध्यान कहां था, तुम्हारे दिमाग में ऐसी क्या चीज चल रही थी
ललित कहने लगा छोड़ो आप यह बात रहने दो, मैं अभी निकलता हूं आपने मुझे फोन करवा कर बुलाया इसीलिए मैं आपसे मिलने आ गया, मुझे कहीं जाना है। उस दिन ललित जल्दी में था तो वह निकल गया, मैंने अर्चना से ललित का नंबर ले लिया। मैं जब घर गई तो मैंने शाम को ललित को फोन कर दिया
ललित मुझसे कहने लगा आप कौन बोल रही हैं, मैंने आपको पहचाना नहीं, मैंने ललित से कहा कि मैं आकांक्षा बोल रही हूं, वह कहने लगा आकांक्षा जी क्या आपको कुछ काम था।
मैंने उसे बोला नहीं मुझे कुछ भी काम नहीं है, मैं सिर्फ तुमसे बात करना चाहती थी इसलिए मैंने तुम्हारा नंबर अर्चना से ले लिया। ललित भी रात को मुझसे बात कर रहा था और मैंने भी ललित से कहा कि तुम अपनी बात अधूरी में रखकर ही चले गए, तुम्हें क्या परेशानी है, मैंने तुमसे यही पूछने के लिए फोन किया
वह कहने लगा आप मेरी कुछ ज्यादा ही चिंता कर रही है। मैंने ललित से कहा कि इसमें चिंता करने वाली कोई भी बात नहीं है, मैं सिर्फ तुम से जानना चाहती हूं कि तुम्हे क्या परेशानी है। ललित ने मुझे कहा कि मैं आजकल बहुत परेशान चल रहा हूं क्योंकि मेरी और मेरी गर्लफ्रेंड की बिल्कुल भी नहीं बन पा रही है, मेरा रिलेशन काफी पुराना है लेकिन उसके और मेरे बीच में कुछ ठीक नहीं है इसीलिए मैं थोड़ा परेशान हो गया हूं।
जब ललित ने मुझसे यह बात कही तो मैंने सोचा ललित भी मेरी तरह ही है, मैंने भी उस समय उससे अपनी बात शेयर की और हम दोनों के बीच मे काफी बात हुई, उसके बाद से तो हम दोनों अक्सर फोन पर बात किया करते थे।
मुझे भी ललित के साथ बात करना अच्छा लगने लगा था, ललित भी मुझसे बात कर के अपने आप को अच्छा महसूस करता था और वह हमेशा ही मुझे कहता कि आपसे बात कर के मुझे बहुत अच्छा लगता है।
ललित और मैं फोन पर बात कर रहे थे उस दिन हम दोनों की अश्लील बातें होने लगी ललित मुझसे कहने लगा आपके पति आपको हमेशा ही चोदते हैं। मैंने उसे कहा नही वह मुझे नही चोदते हैं वह तो ठंडे पड़े रहते हैं।
मैने भी ललित से पूछा कि तुम्हारी गर्लफ्रेंड के साथ तो तुमने कई बार संभोग किया होगा। वह कहने लगा मैंने तो उसे बहुत बार उठा उठा कर चोदा है और उसकी गांड को तो मैंने बहुत अच्छे से फाड़ कर रख दिया था। मैंने ललित से कहा तुम मेरी भी गांड में अपने लंड को डाल दो। ललित ने कहा ठीक है मैं आपके पास कल आता हूं।
मैं ललित का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रही थी मैंने रात को अपने चूत के सारे बाल साफ कर लिए थे, अपनी योनि पर मैंने तेल से भी मालिश की थी। जब ललित मुझसे मिलने आया तो वह मेरे पास ही मेरे बेडरूम में बैठा हुआ था और जब उसने मेरी मोटी मोटी जांघों पर हाथ रखा तो वह कहने लगा भाभी आपकी जांघ तो बढ़ी सेक्सी हैं
आपकी गांड को देखकर मैं पागल ही हो जाऊंगा। मैंने भी उसके सामने अपने सारे कपड़े खोल दिया जब उसने मेरी गांड देखी तो उसने मेरी गांड पर दो तीन बार अपने हाथ से प्रहार किया। मैंने भी सारा सामान तैयार रखा था मैंने ललित को सरसों का तेल दिया और उसे कहा कि तुम इसे अपने लंड पर अच्छे से लगा लो ताकि तुम्हें मजा आ जाए।
ललित कहने लगा भाभी मैं अपने लंड पर तेल को लगा लेता हूं उसने अपने लंड पर तेल लगा लिया। उसका लंड मेरी गांड में जाने के लिए तैयार था उसने अपनी उंगली को मेरी गांड में डाला मेरी गांड चिकनी हो चुकी थी।
उसने जैसे ही अपने मोटे और कडक लंड को मेरी गांड के अंदर डाला तो मेरी इच्छा पूरी हो गई। उसके लंड अपने अंदर लेने मे मुझे भी बड़ा आनंद आता। ललित मुझसे कहने लगा भाभी आप अपनी गांड को मुझसे टकराते रहिए मुझे बड़ा आनंद आ रहा है। मैं बहुत ही ज्यादा खुश थी और ललित भी बहुत खुश हो रहा था।
ललित मुझसे कहने लगा भाभी आपकी गांड का साइज 40 होगा। मैने उसे कहा तुम्हें कैसे पता लगा। वह कहने लगा मैंने बहुत भाभियों की गांड मारी है आपकी गांड मार कर तो मुझे सबसे ज्यादा मजा आ रहा है।
मैंने अपनी गांड को ललित के लंड से मिलाना शुरू कर दिया। हम दोनों 5 मिनट तक ऐसे ही करते रहे लेकिन जब ललित का वीर्य मेरी गांड के छेद के अंदर गिरा तो मुझे बहुत ही बेहतर महसूस होने लगा।
ललित ने अपने लंड को मेरी गांड से बाहर निकाल लिया और कहने लगा भाभी मुझे तो मजा आ गया। मैंने उसे कहा मुझे भी बहुत आनंद आ गया तुम कल से मेरी गांड मारने हमेशा आ जाया करना।
Wow Rohtak ki Bhabhiyo ki bat he alag hoti hai..
Me bhi rohtak se hu madam real meet krte h full privacy h
Ek baar trust kr k dekho cheat nhi hoga am alone